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शर्मिदा न कर दे खुजली की आदत

कहीं आप बैठे हों और अचानक खुलजी होने लगे तो आपका मूड ऑफ हो जाएगा। सर्दियों में खुजली की समस्या बढ़ भी जाती है। तो क्यों न खुजली जागरूकता माह (नवम्बर) के मौके पर खुजली की समस्या से दूर रहने के लिए...

शर्मिदा न कर दे खुजली की आदत
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 31 Oct 2014 01:09 PM
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कहीं आप बैठे हों और अचानक खुलजी होने लगे तो आपका मूड ऑफ हो जाएगा। सर्दियों में खुजली की समस्या बढ़ भी जाती है। तो क्यों न खुजली जागरूकता माह (नवम्बर) के मौके पर खुजली की समस्या से दूर रहने के लिए पहले से सावधान रहें। इससे बचाव के लिए क्या करें, क्या नहीं, बता रही हैं विनीता झा

हमारी त्वचा को कई प्रकार के संक्रमणों का सामना करना पड़ता है। एक्जिमा उनमें से एक है। एक्जिमा होने के अलग-अलग कारण हैं। शरीर में इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी के चलते खुजली हो जाती है तो कभी सरकाप्टस नामक परजीवी के कारण खुजली होने लगती है। एक्जिमा रोग शरीर की त्वचा को प्रभावित करता है। यह रोग किसी एक स्थान पर ही नहीं, बल्कि पूरे शरीर में हो सकता है। वजह चाहे जो भी हो, लेकिन शरीर में तकलीफ होने से आपकी दिनचर्या पर बुरा असर पड़ता है। पिछले कुछ दशकों में एक्जिमा के मामलों में तेजी आई है।

एक्जिमा के कारण
एक्जिमा के कई कारणों में से एक यह भी हो सकता है कि आजकल लोग एलर्जी पहुंचाने वाले तत्वों के संपर्क में अधिक आने लगे हैं। घर में धूल और ऑफिस में अन्य रासायनिक उत्पादों के कारण भी ऐसा देखा जा रहा है। घरों में सफाई के लिए प्रयोग होने वाले पदार्थों का अधिक इस्तेमाल, घोल, डिटर्जेट, तेल और अन्य सामान, जो त्वचा के लिए हानिकारक हो सकते हैं, आदि भी एक्जिमा की वजह हो सकते हैं। गलत खान-पान, कब्ज, दमा रोग के उपचार के लिए दी जाने वाली दवाएं आदि भी एक्जिमा के कारण हो सकती हैं।

कैसे कैसे एक्जिमा
किसी व्यकित को किसी चीज से एलर्जी होती है तो उसे उससे एक्जिमा हो सकता है और संभव है कि किसी दूसरे व्यक्ति पर उस चीज का कोई प्रभाव न पड़े।

एटॉपिक एक्जिमा
एकिजमा का यह प्रकार निरंतर आता और जाता रहता है। यह आमतौर  पर उन लोगों को होता है, जिनमें एलर्जी के लिए एक आनुवंशिक प्रवृत्ति हो। एटॉपिक एक्जिमा जीवन के प्रारंभिक दिनों में, आमतौर पर 2 महीने से 18 महीने के बीच की आयु के शिशुओं में उभरता है। शिशुओं में एटॉपिक एक्जिमा मुख्यत: चेहरे, गर्दन, कान और धड़ को प्रभावित करता है। यह पैरों के शीर्ष या कोहनियों के आगे भी दिखाई देता है। बड़े बच्चों, किशोरों और वयस्कों में एटॉपिक एक्जिमा आमतौर पर कोहनी के अंदर वाले मोड़ की शिकन, इसके साथ-साथ घुटने, टखने या कलाई के जोड़ों, हाथों और ऊपरी पलकों में भी हो सकता है।

जिरोसिस एक्जिमा
इसमें त्वचा काफी ड्राई हो जाती है। यह अधिकांशत: वृद्घावस्था में होता है। सर्दी में इस एक्जिमा के होने की आशंका सबसे ज्यादा रहती है। इसकी वजह यह है कि सर्दी में त्वचा अधिक रूखी रहती है।

इससे बचाव के उपाय
लक्षणों को बिगाड़ने वाले उत्तेजकों से बचें।
अधिक समय तक स्नान न करें और देरी तक स्नान घर में न रहें।
साबुन का प्रयोग कम-से-कम करें। बबल स्नान न करें।
मॉइस्चराइजर का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें।

क्या हैं लक्षण
जब यह रोग हो जाता है तो शरीर पर जलन तथा खुजली होने लगती है। रात के समय इस रोग का प्रकोप और अधिक हो जाता है।
एक्जिमा रोग से प्रभावित भाग में से कभी-कभी पानी अधिक बहने लगता है और त्वचा भी सख्त होकर फटने लगती है।
कभी-कभी त्वचा पर फुंसियां तथा छोटे-छोटे दाने निकल आते हैं।
एक्जिमा रोग खुश्क होता है, जिस कारण शरीर की त्वचा खुरदरी तथा मोटी हो जाती है और त्वचा पर खुजली अधिक तेज होने लगती है।

क्या हैं उपचार
रोग को ठीक करने के लिए एंटी बायोटिक का प्रयोग किया जाता है।
सुगंधित साबुन, कॉस्मेटिक, कपड़े धोने वाले डिटर्जेट के इस्तेमाल से बचें।
त्वचा को मॉइस्चराइज रखें।
गर्मी और पसीने से बचें। तापमान और नमी में अचानक बदलाव होने पर प्रभावित स्थान में खुजली महसूस हो सकती है, ऐसे में इसे और खुरचने से बचें।
ढीले-ढाले कपड़े पहनें और एक्जिमा को नियंत्रित करने के लिए विशेषज्ञ से मिलें और पूरा इलाज कराएं।

घरेलू उपचार भी हैं कारगर
सुबह रोगी को खुली हवा में धूप लेकर शरीर की सिंकाई करनी चाहिए तथा शरीर के एक्जिमा ग्रस्त भाग पर कम-से-कम 2-3 बार मिट्टी का लेप करना चाहिए।
खुजली होने पर गुनगुने पानी से नहाएं और तुरंत बाद ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल करें। इससे हल्के-हल्के मालिश करने पर आराम मिलेगा।
खुजली होने पर नारियल का तेल भी फायदेमंद होता है। इससे ड्राईनस भी नहीं होती और खुजली भी बंद हो जाती है।
शरीर में अचानक ज्यादा खुजली होने पर तुरंत राहत के लिए घर में मौजूद देशी घी लगा लें। इससे फटाफट राहत मिलेगी।
मार्केट में ओमेगा 3 ऑयल आसानी से उपलब्ध है। खुजली की शिकायत होने पर ओमेगा 3 ऑयल से मसाज कर लें। इससे राहत मिलेगी।
खीरे का रस खुजली वाली जगह पर लगाएं, आराम मिलेगा।
गेहूं के आटे का लेप करने से शरीर के सारे चर्म रोग दूर हो जाते हैं।
(श्री बालाजी एक्शन इंस्टीटय़ूट के डर्मेटोलॉजिस्ट डॉं निपुन जैन से बातचीत पर आधारित)

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