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सोच और जज्बे की मिसाल हैं ये 22 होनहार

हम अपने घर में या आसपास, खुद या दूसरों को ऐसी कई समस्याओं का सामना करते देखते होगे, जो देखने में तो बहुत छोटी लगती होंगी, लेकिन इनसे परेशानी अच्छी खासी होती होगी। लेकिन कुछ बच्चे अपनी सोच के बल पर...

सोच और जज्बे की मिसाल हैं ये 22 होनहार
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 18 Dec 2014 02:47 PM
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हम अपने घर में या आसपास, खुद या दूसरों को ऐसी कई समस्याओं का सामना करते देखते होगे, जो देखने में तो बहुत छोटी लगती होंगी, लेकिन इनसे परेशानी अच्छी खासी होती होगी। लेकिन कुछ बच्चे अपनी सोच के बल पर ऐसी चीजों का निर्माण कर जाते हैं, जिनसे इन समस्याओं का बडम्ी आसानी से समाधान किया जा सकता है।

हमारे देश की साइंस और टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री ऐसे ही होनहारों की योग्यता को परखकर दुनिया के सामने लाती है। इसके लिए नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन हर साल इग्नाइट कॉम्पिटीशन का आयोजन करती है। इसमें देश भर के 10 से 17 साल की उम्र के बच्चों को अपना टैलेंट दिखाने का मौका मिलता है और विजेता बच्चों को नेशनल अवॉर्ड दिए जाते हैं। तो देर किस बात की है, आज हम इस साल के विजेता बच्चों से मिलते हैं-


कॉकरोच के वेस्ट से बनाया फर्टिलाइजर
चंडीगढम् में 9वीं क्लास में पढम्ने वाली अनन्या जैन ने  कॉकरोच के वेस्ट (मल-मूत्र) को जैविक खाद का रूप दिया, जिसे गमलों में लगाए जाने वाले पौधों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।


ब्ल्यू अलर्ट लाइट
बिहार में 10वीं क्लास के आदर्श बर्नवाल ट्रैफिक जाम लगने के कारण एक व्यक्ित की जान नहीं बचा पाए थे। इस घटना से प्रेरणा लेकर ट्रैफिक लाइट सिग्नल में उन्होंने ब्ल्यू कलर की एक और लाइट बनाई, जो आगे ट्रैफिक जाम का संकेत देगी, ताकि लोग अपना रास्ता बदल लें।


ऑल-इन-वन स्टेपलर
तिरुअनंतपुरम में 9वीं क्लास के जी वसंत और डी कीर्तिवासन ने ऐसा स्टेपलर बनाया, जो पेपर या किताब के हिसाब से छोटा-बडम हो सकता है।


एडजस्ट होने वाला वॉशबेसिन
उत्तराखंड में 10वीं क्लास की आकांक्षा गुहा ने ऐसा वॉशबेसिन का सेट बनाया, जो मोटर की मदद से ऊ पर-नीचे खिसक सकता है और इसका प्रयोग करते वक्त झुकना नहीं पडेम्गा।


घुटने का दर्द दूर करने वाले जूते
तेलंगाना में रहने वाले छठी क्लास के शेख एम पाशा ने ऐसे जूते बनाए , जिनसे न तो एडम्ी पर दवाब पडम्ता है और न ही घुटनों में दर्द होता है।


बाहर निकलने वाली सीट
अहमदाबाद के 12वीं क्लास के खुश पटेल को विकलांग और बूढम्े लोगों को कार में बैठने-उतरने में होने वाली असुविधा को देखते हुए इसे बनाने का आइडिया आया। उनकी बनाई सीट कार से बाहर निकल सकती है, जिस पर आराम से बैठने के बाद सीट दुबारा अपनी जगह पर आ जाती है।


विकलांगों के लिए बनाई साइकिल
गुजरात में 8वीं क्लास के शुभ ढोलकिया ने ऐसे लोगों के लिए साइकिल बनाई, जो दुर्घटना में एक पैर गंवा चुके हैं। साइकिल की खासियत यह है कि इसके एक पैडल को पीछे के पहिए की तरफ घुमाकर सपोर्ट के रूप में बदल सकते हैं, जो साइकिल रोकने में मदद करती है।


मोबाइल पर कॉल की जानकारी देने वाला एप
गुजरात में 8वीं क्लास में पढम्ने वाले जेनीश सुदीप शाह ने ऐसा मोबाइल एप्लिकेशन बनाया है, जो दूसरे व्यक्ित को यह मैसेज दे सके कि वह आपको ही फोन मिला रहा है, आप फोन न करें।


रोटेट करने वाली गोल ट्रे वाला फ्रिज
उत्तर प्रदेश में 8वीं क्लास के सार्थक शुक्ला ने गोल ट्रे वाला फ्रिज बनाया, जिसमें लगी ट्रे को रोटेट करके आसानी से सामान निकाला जा सकता है।


हाईजीनिक अलमारी
राजस्थान के 10वीं क्लास के सुकेश और आंध्र प्रदेश के 12वीं क्लास के रजत गौतम ने यूवी लाइट्स वाली ऐसी अलमारी बनाई, जिसकी किरणें कपडमें के बैक्टीरिया को खत्म कर देती हैं। इस अलमारी में गर्म हवा का ब्लोअर भी लगा है। राजस्थान में 12वीं क्लास के रजत गौतम ने ऐसा हैंगर बनाया, जिसमें से निकलने वाली एंटी-बैक्टीरियल किरणों से कपडम्े कीटाणुरहित और साफ हो जाएंगे।


रेलवे प्लेटफॉर्म पर ऑटोमैटिक रेलिंग
तमिलनाडु में 7वीं क्लास के राम निकास ने सेंसर-आधारित रेलिंग का निर्माण किया। ट्रेन पर जल्दबाजी में चढम्ते-उतरते लोग रेलवे-ट्रेक पर गिर जाते हैं और दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। राम की इस डिवाइस से ऐसी दुर्घटनाओं से बचाव होगा। ऐसी स्थिति होने पर सेंसर होने पर प्लेटफॉर्म पर बनी ऑटोमैटिक रेलिंग अलार्म के साथ ऊ पर आ जाएगी और लोग आगे नहीं जा पाएंगे।


इनके प्रयोगों को भी मिला सम्मान
’ पश्चिम बंगाल में रहने वाले 12वीं क्लास के यश वर्धन गोयनका के सुपर कैपेसिटर से जल्दी बैटरी चार्ज हो जाएगी।
’ महाराष्ट्र में 10वीं क्लास की शारवरी ने लाउडस्पीकर से होने वाले ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए माइक्रोफोन डिवाइस बनाया।
’ असम में 11वीं क्लास के स्वप्निल ने ऐसा डिवाइस बनाया, जो आपके पढम्ते समय किताब के पन्ने पलटेगा।
’ मध्य प्रदेश में रहने वाले 12वीं क्लास के विदित लाड ने ऐसी विंडमिल बनाई है, जो किसी भी दिशा से आने वाली हवा से घूम सकती है और बिजली पैदा कर सकती है।
’ खान में काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा के लिए गुजरात के प्रेयांश कोटेचा और करण खत्री ने ऐसा हेलमेट बनाया, जिससे मजदूरों की लोकेशन का पता चल सकेगा ।
’ राजस्थान के दो भाइयों दिप्तांशु मालवीय (9वीं) और मुकुल मालवीय(12वीं क्लास) ने ऐसी मशीन बनाई, जो सडम्क पर पडम्े छोटे-छोटे पेपर, छिलकों और पाउच को उठाकर डस्टबिन में डालती है। 
’ गुजरात में 7वीं क्लास की छाया संबोध ठाकुर  ने तिरछी पाइप बनाने का आइडिया दिया, जिससे पानी पीने में छोटी या बडम्ी हाइट के बच्चों को दिक्कत न हो।
’ उत्तराखंड के दो भाइयों समृद्ध सक्सेना (छठी) और यथार्थ सक्सेना (10वीं क्लास) ने ऐसी लाइफ सेविंग डिवाइस बनाई, जो तैराकी सीखने वालों की मदद करेगी। ’ जम्मू-कश्मीर के आबिद रैना और झारखंड के रोहित तिवारी ने मोबाइल चार्जर या लैपटॉप एडॉप्टर मे ही इनबिल्ट पावर बैकअप बैटरी बनाई है, जिससे न केवल लैपटॉप चार्ज होगा, बल्कि चार्जर या एडॉप्टर भी चार्ज हो जाएगा।
’ गुजरात में 9वीं क्लास के रिशित शाह ने वाई-फाई डोंगल में रिचार्ज होने वाली बैटरी जोडम् दी है, जिससे वह खुद चार्ज हो सकता है और उसे कहीं भी प्रयोग कर सकते हैं।
’ अहमदाबाद में 12वीं क्लास की रिंकू राजपाल ने ऐसा डिवाइस बनाया है, जो तेज आवाज में बोलने वालों को चेतावनी देगा।


तुम भी कर सकते हो आवेदन
एन आई एफ फाउंडेशन ने 2015 के लिए नामांकन लेने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। अगर तुम्हारे पास भी ऐसा कोई रोमांचक आइडिया है, तो तुम भी उसे मूर्त रूप देकर 31 अगस्त 2015 तक इस प्रतियोगिता में भाग ले सकते हो। अधिक जानकारी के लिए ये वेबसाइट देखो-
Ignite@infindia.org
इग्नाइट एट आईएनएफइंडिया डॉट ओआरजी


क्या है एनआईएफ
नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन(एन आई एफ)- नेशनल इग्नाइट अवॉर्डस की शुरुआत भारत सरकार की नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन(एन आई एफ) ने 5 साल पहले की है। युवा प्रतिभागियों को अपना टैलेंट दिखाने का मंच प्रदान करना इसका उद्देश्य था। यह प्रतियोगिता सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सी बी एस ई), सोसाइटी फॉर रिसर्च एंड इनिशियेटिव्स इन ससटेनेबल टेक्नोलॉजी एंड इस्टीट्यूशंस और राज्यों के शिक्षा बोर्ड के सहयोग से आयोजित की जाती है। इस साल (सितंबर 2013 से अगस्त 2014 तक) देश भर से करीब 27 हजार बच्चों ने अपने प्रोजेक्ट भेजे थे, जिनमें से 22 बच्चों को अवॉर्ड प्रदान किए।

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