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कई बीमारियों का उपचार है अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण

बोन मैरो और ल्यूकेमिया यानी अस्थि मज्जा व श्वेतरक्तता के बारे में जानकारी होना जरूरी है। आइए, जानें कि क्या है अस्थि मज्जा व श्वेतरक्तता और इनसे संबंधित समस्याओं से कैसे बचे रह सकते हैं। अस्थि मज्जा...

कई बीमारियों का उपचार है अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 31 Oct 2014 12:33 PM
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बोन मैरो और ल्यूकेमिया यानी अस्थि मज्जा व श्वेतरक्तता के बारे में जानकारी होना जरूरी है। आइए, जानें कि क्या है अस्थि मज्जा व श्वेतरक्तता और इनसे संबंधित समस्याओं से कैसे बचे रह सकते हैं।

अस्थि मज्जा आपकी अस्थि का मुलायम और स्पंजी केन्द्र है, जहां रक्त का उत्पादन होता है। मज्जा रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करने वाली स्टेम कोशिकाओं से भरी होती हैं, जो सफेद रक्त कोशिकाओं, लाल रक्त कोशिकाओं या प्लेटलेट्स में विकसित होती हैं। विभिन्न प्रकार की सफेद रक्त कोशिकाएं हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली का हिस्सा हैं, जो संक्रमण से लड़ने में प्रतिरक्षा प्रणाली की मदद करती हैं। लाल रक्त कोशिकाएं हमारे पूरे शरीर में ऑक्सीजन की आवा-जाही के लिए जिम्मेदार हैं। प्लेटलेट्स रक्तस्रव को रोकने के लिए रक्त का थक्का बनाते हैं। हमारी अस्थि मज्जा स्टेम कोशिकाओं का लगातार उत्पादन करती रहती हैं और ये हमारे शरीर की जरूरत के अनुसार ही अलग-अलग प्रकार की कोशिकाओं को विकसित करती हैं।

कई रोगों में उपयोगी
ल्यूकेमिया और एप्लास्टिक अनीमिया जैसे रोगों में अस्थि मज्जा अस्वस्थ हो जाती हैं। ल्यूकेमिया रक्त या अस्थि मज्जा का कैंसर है, जो ब्लास्ट्स नामक अपरिपक्व सफेद रक्त कोशिकाओं की असामान्य वृद्घि के कारण होती है। अब इस बीमारी का इलाज संभव है। अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण (बीएमटी) ल्यूकेमिया, लिम्फोमा और कई गंभीर रक्त विकारों जैसी घातक बीमारियों से पीडित हजारों रोगियों को जीवित रहने का एक बेहतर मौका प्रदान करता है।

अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण
अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण के तहत रोगी की रक्त का निर्माण करने वाली अस्वस्थ कोशिकाओं की जगह स्वस्थ कोशिकाओं को प्रत्यारोपित कर दिया जाता है। इन स्वस्थ कोशिकाओं को स्वीकार करने के लिए रोगी से मेल खाने वाले दानकर्ता की जरूरत होती है। सबसे पहले परिवार में ही ऐसे दानकर्ता की तलाश की जाती है। अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण का उद्देश्य अस्वस्थ स्टेम कोशिकाओं की जगह स्वस्थ स्टेम कोशिकाओं का प्रत्यारोपण करना है। इससे बीमारी का इलाज या यहां तक कि बीमारी को पूरी तरह से खत्म भी कर सकते हैं।

दो तरह के होते हैं प्रत्यारोपण
ऑटोलोगस अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण, जिसमें दाता खुद वही व्यक्ति हो। एलोजेनेइक अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण, जिसमें दाता कोई अन्य वैसा व्यक्ति होता है, जिसके ऊतक प्राप्तकर्ता की जरूरत के अनुरूप हो।
(एशियन इंस्टीटय़ूट ऑफ मेडिकल साइंस (फरीदाबाद) के ऑन्कोलॉजिस्ट डॉं. विकास गोस्वामी से बातचीत पर आधारित)

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