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सर्दी में सतरंगा अहसास सापुतारा

अगर आपको कहें कि चलिए हिल स्टेशन तो आप चौंकेंगे-सर्दी में हिल स्टेशन! जी हां, यह हिल स्टेशन है खास, जहां सर्दियों में पर्यटकों की सर्वाधिक भीड़ होती है। गुजरात के इस हिल स्टेशन के बारे में बता रहे...

सर्दी में सतरंगा अहसास सापुतारा
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 31 Oct 2014 11:46 AM
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अगर आपको कहें कि चलिए हिल स्टेशन तो आप चौंकेंगे-सर्दी में हिल स्टेशन! जी हां, यह हिल स्टेशन है खास, जहां सर्दियों में पर्यटकों की सर्वाधिक भीड़ होती है। गुजरात के इस हिल स्टेशन के बारे में बता रहे हैं दीपक दुआ

सर्दियों के इस मौसम में हिल स्टेशन पर जाने से लोग अक्सर बचते हैं, लेकिन अगर हम कहें कि एक हिल स्टेशन आपको इसी मौसम में ज्यादा आनन्द देगा, तो आप वहां जाने का लोभ नहीं त्याग पाएंगे। गुजरात का इकलौता हिल स्टेशन सापुतारा वह हिल स्टेशन है, जहां सर्दियों के मौसम में सबसे अधिक पर्यटक पहुंचते हैं। अनेक खूबियों से भरे इस हिल स्टेशन और आसपास का माहौल खासकर अगस्त से अप्रैल तक बेहद सुहाना होता है।

सापुतारा का अर्थ होता है सांपों का घर। यहां नागेश्वर मंदिर भी है। काफी मुमकिन है कि इस नाम और इस जगह से उत्तर भारत के लोग अनजान हों, लेकिन गुजरात और महाराष्ट्र वालों के लिए यह एक खासा लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन चुका है। गुजरात और महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित यह पहाड़ी इलाका यूं तो साल भर गुलजार रहता है, मगर बारिश के बाद सापुतारा की पहाडियों की छटा देखने लायक होती है। सहयाद्रि पर्वतमाला पर जब बारिश की बूंदें पड़ती हैं, तो हर तरफ बस हरा ही हरा देखने को मिलता है। तब यहां के झरने भी जीवंत हो उठते हैं और उनकी पुकार पर पर्यटक यहां दौड़े चले आते हैं। सर्दियों में पैराग्लाइडिंग फेस्टिवल का आयोजन भी किया जाता है।

रहने का इंतजाम
सापुतारा में गुजरात पर्यटन के होटल तोरण हिल रिसॉर्ट के अलावा ढेर सारे छोटे-बड़े आधुनिक सुविधाओं से लैस होटल हैं, जहां हर जेब के मुताबिक कमरे उपलब्ध हैं।

मदहोश करती वादियां
मानसून और उसके बाद अप्रैल तक का मौसम यहां घूमने के लिए काफी अनुकूल है। अगस्त से अप्रैल तक हर तरफ एक खुशनुमा अहसास सापुतारा में पसरा रहता है।

घूमें हर जगह
शहरीकरण से परे यहां की सापुतारा झील में नौका विहार का मजा उठाएं, स्टैप गार्डन में घूमें, यहां के बारे में विस्तृत जानकारी देते संग्रहालय में जाएं और इसके बाद और अधिक मजा उठाने के लिए गवर्नर हिल पर चले जाएं, जहां लगी रेलिंग यह बताती है कि इस पार गुजरात है और उस पार महाराष्ट्र। यहां आप जिप लाइन, पैराग्लाइडिंग, रोप वॉक, केबल कार, नौका विहार आदि का भरपूर आनंद ले सकते हैं।

आसपास भी हैं दर्शनीय स्थान
सापुतारा से बाहर निकलें तो गिरा वॉटर फॉल आपको मशहूर नियाग्रा फॉल की याद दिलाएगा। शबरी धाम मंदिर वह जगह है, जहां शबरी ने भगवान राम को चख-चख कर बेर खिलाए थे। आर्टिस्ट विलेज में आप यहां की हस्तकलाओं से रू-ब-रू हो सकते हैं।

क्या खरीदें
सापुतारा में आप इस क्षेत्र में उगने वाले मसाले, फलों, अनाज आदि से बनी चीजें, अचार, पापड़, शहद आदि खरीद कर ले जा सकते हैं। क्राफ्ट की स्थानीय चीजें भी खरीद सकते हैं।

कैसे पहुंचें
दिल्ली से जाएं, तो नजदीकी हवाई अड्डा सूरत है, जहां से सड़क के रास्ते करीब 170 किलोमीटर का रास्ता तय करना होता है। मुंबई से यह दूरी 225 किलोमीटर है। वैसे सूरत से छोटी लाइन की ट्रेन लेकर वाघई तक भी जाया जा सकता है, जहां से सापुतारा की दूरी करीब 50 किलोमीटर रह जाती है। एक रास्ता यह भी है कि ट्रेन से पहले महाराष्ट्र के नासिक में जाया जाए, जहां से सड़क द्वारा करीब 80 किलोमीटर वापसी की यात्रा करके सापुतारा पहुंचा जाए।

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