मिसेज चोपड़ा नहीं, रानी
अब रानी मुखर्जी न केवल अपने अभिनय करियर के लिहाज से एक नए मुकाम पर हैं, बल्कि उनकी जिंदगी भी एक खूबसूरत मोड़ ले चुकी है। जाने-माने फिल्मकार आदित्य चोपड़ा के साथ लंबे समय से चल रहा उनका अफेयर शादी में...
अब रानी मुखर्जी न केवल अपने अभिनय करियर के लिहाज से एक नए मुकाम पर हैं, बल्कि उनकी जिंदगी भी एक खूबसूरत मोड़ ले चुकी है। जाने-माने फिल्मकार आदित्य चोपड़ा के साथ लंबे समय से चल रहा उनका अफेयर शादी में तब्दील हो चुका है, लेकिन रानी अपने व्यवहार में पहले जैसी ही हैं। जितनी विनम्र, उतनी ही बिंदास। वे अपनी आगामी फिल्म ‘मर्दानी’ से संबंधित सवालों के खुल कर जवाब देती हैं, लेकिन निजी जिंदगी पर ज्यादा कुछ बोलने से बचती हैं। रानी से हुई एक बातचीत
अब रानी मुखर्जी के साथ चोपड़ा सरनेम भी जुड़ चुका है। तो क्या इससे आपका नजरिया भी बदला है?
निश्चित रूप से चोपड़ा सरनेम मेरे लिए प्रतिष्ठा का प्रतीक है, लेकिन मैंने ठानी है कि फिल्मों में मैं अपने नाम के आगे मुखर्जी ही लगाऊंगी। मैं चोपड़ा सरनेम लगा कर अपनी ताकत का कोई प्रदर्शन नहीं करना चाहती। हां, सार्वजनिक जीवन में अब मैं मिसेज चोपड़ा हूं और यह मेरे लिए गर्व की बात है। जहां तक बॉलीवुड के नजरिए का सवाल है तो वह पहले भी मेरे प्रति सकारात्मक ही रहा है। मुझे इंडस्ट्री ने हमेशा बहुत इज्जत दी है।
शादी के बाद आपकी जिंदगी कितनी बदली है?
बहुत ज्यादा तो नहीं बदली, लेकिन अब मैं एक नामी घराने की बहू होने के नाते खुद कई जिम्मेदारियां महसूस कर रही हूं। मैं शादी से पहले भी चोपड़ा फैमिली के सदस्य की तरह ही थी। काफी पहले से लगने लगा था कि मैं और आदि एक-दूसरे के लिए ही बने हैं।
आपकी मुख्य भूमिका वाली फिल्म ‘मर्दानी’ रिलीज होने जा रही है, जो आपके ही बैनर की है। कितनी चुनौती महसूस कर रही हैं?
यह फिल्म मेरे करियर की सबसे बोल्ड फिल्मों में से है। इसमें मेरी डायलॉग डिलीवरी एकदम अलग है। मेरी बॉडी लैंग्वेज अलग है। यह एक साहसी फिल्म है और उद्देश्यपूर्ण भी। यह किसी और के बैनर की फिल्म होती, तब भी मैं इतनी ही चुनौती महसूस करती। मैं यशराज बैनर की फिल्म होने की वजह से बड़ी चुनौती महसूस कर रही हूं, ऐसा कतई नहीं है।
अपने किरदार के बारे में थोड़ी जानकारी दीजिए?
मैं शिवानी शिवाजी राव नाम की एक क्राइम ब्रांच अधिकारी की भूमिका निभा रही हूं। सीबीआई ऑफिसर बनी हूं। मैं यूनिफॉर्म में नहीं दिखूंगी, लेकिन मेरा काम देख कर समझ में आ जाएगा कि मैं कितनी तेजतर्रार अधिकारी बनी हूं। यह फिल्म ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर आधारित है। एक लड़की प्यारी का किडनैप हो जाता है, जिसके अपराधी को मैं तीस दिन में पकड़ने की चुनौती लेती हूं।
एक तरह से यह फिल्म आपके कंधों पर ही टिकी है।
असल में इस फिल्म का विषय ही ऐसा है। फिल्म में कमाल का ट्रीटमेंट है। हां, यह बात मैं स्वीकार करती हूं कि फिल्म में सबसे ज्यादा परिचित चेहरा मेरा ही है। लेकिन दादा (प्रदीप सरकार) का निर्देशन एक बड़ा प्लस प्वॉइंट है।
प्रदीप सरकार की पिछली फिल्म ‘लागा चुनरी में दाग’ को दर्शकों ने नकार दिया था। उनकी बड़े फिल्मकार की इमेज नहीं है...
आप ‘परिणीता’ जैसी हिट फिल्म को क्यों भूल जाते हैं! हिट और फ्लॉप तो चलता रहता है। इस एंगल से फिल्मों को देखेंगे तो फिर इंडस्ट्री आगे बढ़ ही नहीं पाएगी। देखिएगा कि ‘मर्दानी’ में दादा ने कितना गजब का निर्देशन किया है।
फिल्म का नाम ‘मर्दानी’ क्यों? क्या इसलिए कि आपका किरदार काफी मर्दाना किस्म का है या रानी लक्ष्मीबाई से प्रेरित है यह टाइटल?
दोनों ही बातें हैं। झांसी की रानी कितनी हिम्मती थी, इस बात को सब जानते हैं। कम लोगों को पता है कि मेरा लिंक भी झांसी से है। मेरे पिता झांसी के ही हैं। मैं बचपन के उन दिनों को अभी तक नहीं भूली हूं, जब मैं पापा के साथ झांसी की रानी के किले में घूमने जाया करती थी।
अपने रोल के लिए आपने क्राइम ब्रांच के अधिकारियों से क्या टिप्स लिए?
मैंने बॉडी लैंग्वेज के बारे में जानकारी ली। उनके बोलने का अंदाज समझा। उनकी नजरों की भाषा समझने की कोशिश की। मुझे मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारियों का पूरा सहयोग मिला।
आज के समाज में लड़कियों या महिलाओं के साथ जैसा व्यवहार हो रहा है, उसके लिए आपकी फिल्म में क्या संदेश है?
मैंने संदेश दिया है कि साहसी बनो। असामाजिक तत्वों का मजबूती से मुकाबला करो। देखिएगा कि इस फिल्म के प्रदर्शन के बाद युवतियों पर काफी सकारात्मक असर पड़ेगा।
आपके करियर की वे कौन-सी फिल्में हैं, जिन्होंने रानी मुखर्जी को इस मुकाम तक पहुंचाया?
‘गुलाम’, ‘कुछ कुछ होता है’, ‘नायक’, ‘साथिया’, ‘हम तुम’, ‘युवा’, ‘कभी अलविदा ना कहना’, ‘ब्लैक’, ‘बंटी और बबली’ और ‘नो वन किल्ड जेसिका’ जैसी फिल्में मुझे नहीं मिलतीं तो मैं आगे नहीं बढम् पाती। हालांकि मेरे जीवन में हर उस फिल्म का महत्व है, जिसमें मुझे अभिनय करने का मौका मिला। उससे मैं बॉलीवुड में मजबूती से खड़ी हो पाई।
क्या एक्टिंग के क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहने की सोचती हैं?
हां, लेकिन मैं चुनिंदा फिल्मों में ही काम करूंगी। मैं अब सार्थक फिल्में करना चाहती हूं।