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दूसरों की जिंदगी के लिए करें रक्तदान

रक्तदान में आपको तो कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन किसी को जिंदगी मिल जाती है। कल रक्तदान जागरूकता दिवस है। तो क्यों न इस मौके पर आप भी किसी को जिंदगी दें। पिछले 8 सालों से रितिका को अपनी छोटी-सी...

दूसरों की जिंदगी के लिए करें रक्तदान
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 13 Jun 2015 12:46 PM
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रक्तदान में आपको तो कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन किसी को जिंदगी मिल जाती है। कल रक्तदान जागरूकता दिवस है। तो क्यों न इस मौके पर आप भी किसी को जिंदगी दें।

पिछले 8 सालों से रितिका को अपनी छोटी-सी बेटी के लिए हर महीने दो बार खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती है, लेकिन हर बार ब्लड बैंक में उन दो यूनिट खून के बदले दो रिप्लेस्ड डोनर ब्लड यूनिट की मांग की जाती है।  हालांकि रितिका के कई रिश्तेदार अब नियमित रूप से ब्लड डोनेट करते हैं, फिर भी कई बार अपनी बेटी के लिए खून का इंतजाम करने में रितिका को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

अधिक रक्तदान की जरूरत
आंकड़ों के अनुसार भारत में हर साल 35 से 40 प्रतिशत खून की कमी पड़ती है। इसका अंजाम यह होता है कि हर साल काफी लोगों की जान बचाना असंभव हो जाता है। जहां विकसित देशों में हर 1000 में से 50 व्यक्ति नियमित रूप से रक्तदान करते हैं, वहीं भारत में हर 1000 में से सिर्फ 8 व्यक्ति ही रक्तदान करते हैं।

स्वेच्छा से करें रक्तदान
रक्त की पूर्ति के मुख्य रूप से तीन साधन होते हैं- स्वैच्छिक रक्तदान, धन के लिए रक्तदान, जिसे प्रतिबंधित कर दिया गया और तीसरा है बदले में रक्त देना, ताकि समय पर जरूरतमंद को रक्त मिल पाए।
डॉक्टरों के अनुसार स्वैच्छिक रक्तदान को प्रोत्साहित कर भारत में हजारों लोगों की जान बचाई जा सकती है, परन्तु इसके प्रति पूरी जागरूकता न होने और रक्तदान से जुड़ी गलत धारणाओं के चलते स्वैच्छिक रक्तदान करने वाले व्यक्तियों की कमी है।

रक्तदान करने से पहले ध्यान रखें
सबसे महत्वपूर्ण नियम है कि खाली पेट कभी भी रक्तदान न करें। ध्यान रखें कि रक्तदान करने से 2-3 घंटे पहले खाना अवश्य खा लें, ताकि रक्त में शर्करा का स्तर नियमित रहे।
अगर आप नियमित रूप से रक्तदान कर रहे हैं तो यह जरूरी है कि आप अपने खान-पान का ध्यान रखें। भोजन में आयरन के साथ-साथ विटामिन सी भी अवश्य लें। खाने में हरी सब्जियां, ड्राई फ्रूट्स, अंडा, मांस के साथ-साथ विटामिन सी युक्त खाना जैसे आंवला आदि अवश्य खाएं, ताकि शरीर आयरन को ठीक से अवशोषित कर सके और लाल रक्त कोशिकाएं शरीर में फिर से बन सकें।
रक्तदान करने से पहले व कुछ घंटे बाद तक धूम्रपान से परहेज करना चाहिए।
अक्सर रक्तदान करने के बाद लोग चक्कर आने या कमजोरी जैसी समस्याएं महसूस करते हैं, जिसका एक बड़ा कारण रक्तचाप का गिरना होता है। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि आप पानी एवं अन्य तरल पदार्थ पीते रहें और रक्तदान करने से 1-2 घंटे पहले भी  3-4 गिलास पानी अवश्य पिएं।

रक्तदान  करने के दौरान
रक्तदान किसी अच्छे ब्लड बैंक में ही करें, जहां सफाई पर पूरा ध्यान रखा जाता हो।
रक्तदान करने के दौरान अगर आपको कमजोरी या घबराहट महसूस हो रही है तो डॉक्टर को अवश्य बताएं।

रक्तदान के बाद
रक्तदान के बाद अगले 24 घंटे तक ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ जैसे फलों का रस, नीबू पानी सहित पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
धूप में जाने से बचें।
अगले 2-3 घंटे के लिए ड्राइविंग न करें।
अगले 24 घंटे तक शराब से बचें।
(मूलचंद मेडसिटी के कंसल्टेंट डॉ. ए. के. बाली से बातचीत पर आधारित)

क्या है मिथ की हकीकत

मिथ : नियमित रूप से रक्तदान नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह शरीर को कमजोर बना सकता है।
तथ्य : एक स्वस्थ व्यक्ति हर तीन महीने में एक बार रक्तदान करने में सक्षम होता है, क्योंकि रक्तदान के बाद शरीर में तरल पदार्थ की पूर्ति 2 से 3 दिनों के भीतर हो जाती है और लाल रक्त कोशिकाएं शरीर में 3 महीने के अंदर फिर से बन जाती हैं।
मिथ : रक्तदान शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर बनाता है।
तथ्य : रक्तदान हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित नहीं करता।
मिथ : रक्तदान के कारण शरीर में आयरन की कमी हो सकती है।
तथ्य : रक्तदान से शरीर में आयरन की कमी नहीं होती। स्वस्थ और अच्छे खाने की आदतों वाला एक व्यक्ति तीन महीने के अंतराल के साथ एक वर्ष में चार बार रक्तदान कर सकता है।
मिथ : 50 साल से अधिक उम्र की व्यक्ति रक्तदान नहीं कर सकता।
तथ्य : केवल 60 साल से अधिक और 18 साल से कम उम्र का व्यक्ति रक्तदान नहीं कर सकता।

मिथ : यदि आप किसी प्रकार की दवा ले रहे हैं तो रक्तदान नहीं कर सकते।
तथ्य : केवल कुछ ऐसी दवाएं हैं, जिनका अगर आप इस्तेमाल कर रहे हैं तो रक्तदान करने की सलाह नहीं दी जाती। इनमें स्टेरॉयड, हामार्ेन एवं एंटीबायोटिक दवाएं, इन्हेलर आदि प्रमुख हैं।
मिथ : डायबिटीज से ग्रसित व्यक्ति को रक्तदान नहीं करना चाहिए ।
तथ्य : डायबिटीज के जो रोगी इंसुलिन लेते हैं, केवल उन्हें रक्तदान नहीं करना चाहिए।
मिथ  गर्भवती महिला भी रक्तदान कर
सकती है।
तथ्य : गर्भवती महिलाओं को रक्तदान करने की अनुमति नहीं दी जाती।
मिथ : नियमित रूप से रक्तदान करने से मोटापे का शिकार हो सकते हैं।
तथ्य : रक्तदान हमारे शरीर के वजन को प्रभावित नहीं करता। हालांकि कुछ लोग रक्तदान के बाद सामान्य से अधिक खाना खाते हैं और व्यायाम नहीं करते। इससे वजन बढ़ सकता है।
मिथ : रक्तदान के बाद कम-से-कम एक दिन पूरी तरह आराम करना जरूरी है।
तथ्य : रक्तदान करने के बाद लोग अपनी सामान्य दिनचर्या को फिर से शुरू कर सकते हैं, लेकिन उन्हें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिसकी जानकारी रक्तदान के समय दी जाती है।


कौन कर सकता है रक्तदान
रक्तदाता के रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा 12.5 से कम नहीं होनी चाहिए।
18 से 60 वर्ष के बीच की उम्र का कोई भी स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर सकता है।
रक्तदाता का वजन 45 किलो से कम नहीं होना चाहिए।
रक्तदानकर्ता को त्वचा, सांस या  हृदय संबंधी रोग नहीं होना चाहिए।
यदि महिला रक्तदान कर रही हो तो वह गर्भवती नहीं होनी चाहिए।
जिन लोगों ने टैटू गुदवाया हो, वे टैटू गुदवाने के एक साल बाद रक्तदान कर सकते हैं।

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