फोटो गैलरी

Hindi Newsखुशियों से भरपूर हो आपकी दिवाली

खुशियों से भरपूर हो आपकी दिवाली

रोशनी और खुशियों का त्योहार दिवाली बस पांच दिन बाद ही है। आप इस मौके का आनन्द उठाने के लिए पूरी तैयारी में लगे होंगे। तो इस दिवाली को आनन्द से भरपूर बनाने के लिए क्यों न थोड़ी सावधानी भी बरत...

खुशियों से भरपूर हो आपकी दिवाली
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 18 Oct 2014 12:59 PM
ऐप पर पढ़ें

रोशनी और खुशियों का त्योहार दिवाली बस पांच दिन बाद ही है। आप इस मौके का आनन्द उठाने के लिए पूरी तैयारी में लगे होंगे। तो इस दिवाली को आनन्द से भरपूर बनाने के लिए क्यों न थोड़ी सावधानी भी बरत लें।

उत्सवों के इस मौसम का सबसे बड़ा त्योहार दिवाली हमारे सामने है। हम इसके रंग में रंगने भी लगे हैं। आखिरकार पांच त्योहारों की श्रृंखला जो है सामने। त्योहारों की इस श्रृंखला में धनतेरस, काली चौदस (नरक चतुर्दशी), दिवाली, नूतन वर्ष और भैया दूज आते हैं। जाहिर है दिवाली साल का सबसे बड़ा त्योहार है। इस कारण इसकी तैयारियां भी जोर-शोर से ही होती हैं। चाहे पटाखों की खरीदारी हो, मिठाइयों की या फिर पूजा के सामान और कपड़ों की, हम महीना भर पहले ही इस काम में जुट जाते हैं। अपनों की खुशी के लिए सुरक्षित दिवाली मनाना जरूरी है।

मस्ती करें, लेकिन ऐसे नहीं
बड़ा हो या छोटा, दिवाली के दिन हर कोई खुल कर मस्ती करना चाहता है, लेकिन छोटे बच्चों को अपनी देख-रेख में ही पटाखे जलाने दें। उन्हें आवाज वाले पटाखों से दूर ही रखें, ताकि किसी दुर्घटना की आशंका न रहे। डॉक्टर की मानें तो दिवाली से जुड़ी दुर्घटनाओं में 85 प्रतिशत संख्या 15 साल से कम उम्र के बच्चों और महिलाओं की होती है।

आंख-कान पर भी ध्यान दें
दिवाली में पटाखों के धुएं से प्रदूषण बढ़ जाता है और इससे टॉक्सिन भी अत्यधिक बढ़ जाते हैं। इन टॉक्सिनों की वजह से आंखों पर भी काफी बुरा प्रभाव पड़ता है। आंखों में जलन और उससे पानी आने की समस्याओं में भी बढ़ोतरी होती है। इसलिए आंखों का खास ध्यान रखें। बाहर से आने के बाद अपनी आंखों को साफ पानी से अच्छी तरह छींटें मारकर धो लें।

इन बातों का रखें ध्यान
भीड़भाड़ वाले स्थानों पर पटाखे न जलाएं और न ही घर में। पटाखे जलाने से पहले खुली जगह तलाश लें।
पटाखे को हाथ में जलाने की भी कोशिश न करें।
वही पटाखे खरीदें, जो बच्चों की उम्र के अनुकूल हों। पटाखे जलाते समय बच्चों के साथ रहें।
पटाखे जलाने के लिए मोमबत्ती, लंबी लकड़ी या फुलझड़ी का इस्तेमाल करें। माचिस से आग लगाना खतरनाक हो सकता है।
पटाखे जलाते समय कॉटन के कपड़े पहनें, सिल्क, नायलॉन जैसे कपड़ों से परहेज करें।
तेज रोशनी और ज्यादा आवाज वाले पटाखे जलाते समय उनसे दूरी बनाए रखें।
जहां आप या आपके बच्चे पटाखे जलाएं, वहां आपात स्थिति के लिए पानी भी जरूर रखें।
पटाखे हमेशा अच्छे ब्रांड के ही खरीदें।
रॉकेट जैसे हवा वाले पटाखे छोड़ते समय इस बात का ध्यान रखें कि उनकी दिशा सही हो।
फुस्स पटाखे को दोबारा आग न लगाएं। भले ही उसका पलीता पूरा न जला हो, वह फिर भी फट सकता है। कुछ मिनट तक इंतजार करें, फिर उस पर पानी डाल दें।
पटाखे जेब में न रखें। ये विस्फोटक हैं और बिना जलाए भी फट सकते हैं।
दिवाली की रात को घर की सभी खिड़कियां बंद कर दें। इससे आप बाहर के धुएं से भी बचे रहेंगे और खिड़की से कोई पटाखा घर के अंदर भी नहीं आ पाएगा।
(मूलचंद हॉस्पिटल के सलाहकार (इंटरनल मेडिसिन)
डॉं. श्रीकांत शर्मा, डॉं. वीरेंदर आनन्द और नेत्र विशेषज्ञ
डॉं. सतीश मेहता से बातचीत पर आधारित)

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें