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बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में करियर

कृपया मुझे बताएं कि केंद्रीय और राज्य स्तर पर होने वाली प्रवेश परीक्षाओं के अतिरिक्त क्या कोई विदेशी कॉलेज भी भारत में प्रवेश परीक्षा का आयोजन करता...

बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में करियर
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 27 Jan 2015 02:13 PM
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कृपया मुझे बताएं कि केंद्रीय और राज्य स्तर पर होने वाली प्रवेश परीक्षाओं के अतिरिक्त क्या कोई विदेशी कॉलेज भी भारत में प्रवेश परीक्षा का आयोजन करता है?                             
राजेश कुमार, गाजियाबाद

विदेशी मेडिकल कॉलेज मेडिसिन में अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम के लिए भारत में किसी प्रवेश परीक्षा का आयोजन नहीं करते। इन कॉलेजों में एडमिशन आपके स्कूल स्तर के अंकों के आधार पर होता है। 

भारत से बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं रूस, यूक्रेन  और कई यूरोपीय देशों सहित चीन भी जाते हैं, पर ध्यान रखिए इन कॉलेजों में भाषा भारतीय विद्यार्थियों के लिए एक बड़ी समस्या बनती है। साथ ही यहां के कोर्सो की क्रेडिबिलिटी की भी जांच जरूर कीजिएगा। यह जरूर पता लगाइएगा कि आपने जो इंस्टीटय़ूट या कोर्स चुना है, वह वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) या उस देश की नियामक संस्था द्वारा मान्यता प्राप्त है  भी या नहीं।

भारत में मेडिकल सीटों की कमी के कारण इन कोर्सों को स्टूडेंट्स बड़ी संख्या में चुनते हैं। उसका एक कारण यह भी है कि भारत के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की अपेक्षा यहां टय़ूशन और रहने की फीस आधी ही होती है। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया किसी भी विदेशी विश्वविद्यालय द्वारा संचालित किए गए कोर्सों को मान्यता नहीं देती, इसलिए अगर आप विदेशी मेडिकल डिग्री लेना चाहते हैं और भारत में प्रैक्टिस करना चाहते हैं तो आपको दो पड़ाव पार करने होंगे। पहला मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से एलिजिबिलिटी सर्टिफिकेट लेना होगा। इससे यह निश्चित होगा कि आप कोई फर्जी मेडिकल प्रोग्राम करने तो नहीं जा रहे हैं, क्योंकि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया किसी भी ऐसे प्रोग्राम के लिए सर्टिफिकेट नहीं देगी। फिर भारत लौटने के बाद आपको ‘द फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम’ पास करना होगा, जिसका संचालन नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशंस
(स्वास्थ और परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन) करता है। इस स्क्रीनिंग टैस्ट के लिए आपको मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया या किसी स्टेट मेडिकल काउंसिल के अंतर्गत रजिस्टर करना होता है। इस परीक्षा का आयोजन दिल्ली में हर साल मार्च और सितंबर के महीने में किया जाता है। इसमें 300 सवाल पूछे जाते हैं। इसका प्रारूप ऑब्जेक्टिव होता है।

बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में करियर के बारे में सोच रहा हूं। कृपया इस क्षेत्र में संभावनाओं के बारे में बताएं।      
राजीव शर्मा, देहरादून

बायोमेडिकल साइंस और टेक्नोलॉजी एक ऐसा क्षेत्र है, जो लाइफ साइंस और इंजीनियरिंग के बीच एक पुल का काम करता है। इसके कोर्स में बायोलॉजी, केमिस्ट्री, फिजिक्स, कैल्कुलस, बायोटेक, मेटीरियल साइंस, बायोमैकेनिक्स और लाइफ साइंस के बारे में बताया जाता है। एक बायोमेडिकल इंजीनियर के तौर पर आपको बायोलॉजिकल और हेल्थ सिस्टम के विकास में गणित और वैज्ञानिक सिद्धांतों का प्रयोग करना होता है। उदाहरण के तौर पर आजकल घुटने के प्रत्यार्पण के बहुत मामले आ रहे हैं। ऐसे में बायोमेडिकल इंजीनियर्स को बढिया किस्म के आर्टिफिशियल जॉइंट्स का निर्माण करना होता है।

वैसे रिसर्च और डेवलपमेंट के क्षेत्र में बायोमेडिकल इंजीनियर्स या बायोइंजीनियर्स की बहुत जरूरत रहती है। बायोमेडिकल इंजीनियर्स के लिए रिसर्च के तौर पर बायोटेक्नोलॉजी विभाग, राजीव गांधी सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एजुकेशन, साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट(त्रिवेंद्रम) में अवसर हैं। साथ ही मेडिकल सामग्री बनाने वाली कंपनियों, कृषि संस्थानों में भी मौका होता है। फार्मास्यूटिकल कंपनियों के रिसर्च एंड डेवलपमेंट विभाग में भी इस फील्ड के लोगों के लिए आगे बढ़ने की ढेरों संभावनाएं होती हैं, बशर्ते आप कोर्सेज को कितना संजीदगी से लेते हैं।

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