फोटो गैलरी

Hindi Newsबहुत चंट है प्रियंका

बहुत चंट है प्रियंका

बीते दो-तीन सालों से प्रियंका चोपड़ा का करियर दिलचस्प ढंग से हिचकोले खा रहा है। सफलता-असफलता के बीच अपने करियर को उन्होंने जिस ढंग से एक नई शेप दी है, उसके कायल तो उनके प्रतिद्वंद्वी भी हो गये हैं।...

बहुत चंट है प्रियंका
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 21 Mar 2015 01:43 PM
ऐप पर पढ़ें

बीते दो-तीन सालों से प्रियंका चोपड़ा का करियर दिलचस्प ढंग से हिचकोले खा रहा है। सफलता-असफलता के बीच अपने करियर को उन्होंने जिस ढंग से एक नई शेप दी है, उसके कायल तो उनके प्रतिद्वंद्वी भी हो गये हैं। अब वह फिल्मों में सेकंड लीड रोल भी कर रही हैं। कुछ लोग कहते हैं कि प्रियंका बहुत चंट हैं। पर सच क्या है? ये बढ़ती उम्र के साथ उनका समझौता है या समझदारी?  

क्या यह कहा जाए कि ‘मेरी कोम’ से आपके करियर को नई जिंदगी मिल गयी?
‘मेरी कोम’ का मेरी जिंदगी और मेरे करियर में अहम योगदान है, मगर यह कहना गलत होगा कि इस फिल्म से पहले मेरा करियर ठीक नहीं चल रहा था। ‘कृष 3’ की सफलता सब जानते हैं। इस फिल्म के बाद अपने एलबम की रिकार्डिंग के सिलसिले में मेरा ज्यादातर समय लॉस एंजिल्स में ही बीत रहा था, इसलिए फिल्में कम कीं। इसके अलावा ‘मेरी कोम’ के लिए ट्रेनिंग आदि लेने के लिए मैंने चार माह का समय दिया। इन वजहों से कुछ लोगों ने अपनी तरफ से यह मान लिया कि मेरे पास फिल्में नहीं हैं, पर ‘मेरी कोम’ के बाद मैं जिस तरह से काम कर रही हूं, उससे मुझे लगता है कि 2015 मेरे लिए अच्छा साल साबित होगा।

लेकिन ‘मेरी कोम’ के बाद आप सोलो लीड की बजाय मल्टीस्टारर फिल्में कर रही हैं?
किसी भी फिल्म को करने का निर्णय लेते समय मैं सोलो हीरोइन या मल्टीस्टारर फिल्म की बात नहीं सोचती। मैं हर फिल्म में सशक्त महिला किरदार निभाने को महत्व देती हूं। दूसरी बात मैंने ‘मेरी कोम’ की रिलीज से पहले ही जोया अख्तर के निर्देशन वाली ‘दिल धड़कने दो’ की शूटिंग की थी। इसमें फरहान अख्तर के साथ मेरी रोमांटिक भूमिका है। फिर मैंने संजय लीला भंसाली की ‘बाजीराव मस्तानी’ की शूटिंग की। बहरहाल, इन दिनों मैं एक अमेरिकी टीवी सीरियल ‘क्वांटिको’ को लेकर उत्साहित हूं। मैं इसकी शूटिंग अमेरिका में कर रही हूं।

शायद इस तरह के किसी बड़े प्रोजेक्ट से जुड़ने वाली आप पहली भारतीय अभिनेत्री हैं...
अब जहां तक मुझे याद पड़ता है कि किसी भी भारतीय अभिनेत्री को इंटरनेशनल स्टूडियो की तरफ से इस तरह की ऑफर नहीं दी गई। मुझे एक टैलेंट की तरह साइन किया गया और मेरे इर्द-गिर्द एक अमेरिकी टीवी शो ‘क्वांटिको’ खास तौर पर लिखा गया। मुझे इस सीरियल में कई अंतरराष्ट्रीय कलाकारों के साथ काम करने का अवसर मिल रहा है। शूटिंग के बाद यहां वापस आने पर इस टीवी शो के बारे में ज्यादा बात कर पाऊंगी। 

इन दिनों कई कलाकार निर्माता बन रहे हैं तो क्या आप भी इसी चलन से प्रभावित होकर अपनी प्रोडक्शन कंपनी बना फिल्म ‘मैडमजी’ का निर्माण कर रही हैं?
किसी की नकल करना मेरी आदत ही नहीं है। मैं अपने फैसले अपनी सोच-समझ के आधार पर लेती हूं। मैं इस बात पर कम ध्यान देती हूं कि दूसरे क्या कर रहे हैं। जब मेरी बहनों ने फिल्मों में कदम रखा तो उन्हें निर्माता-निर्देशकों के पास जाकर मिलते हुए देख कर मेरे दिमाग में पहली बार फिल्म निर्माता बनने का ख्याल पैदा हुआ, पर बड़ी-बड़ी फिल्में बनाने की मेरी औकात नहीं। मैं मधुर भंडारकर के साथ मिल कर ‘मैडमजी’ का निर्माण कर रही हूं। उसमें खुद अभिनय भी कर रही हूं। छोटी-छोटी फिल्में बनाते हुए नई प्रतिभाओं को मौका देना मेरा मकसद है। मैं अच्छे लेखकों को बढ़ावा देना चाहती हूं। हमारे देश में अच्छे लेखकों की कमी है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें