फोटो गैलरी

Hindi Newsकोलकाता में छाया थीम रेस्तरांओं का जादू, कोई जंगल जैसा तो कोई स्टेडियम

कोलकाता में छाया थीम रेस्तरांओं का जादू, कोई जंगल जैसा तो कोई स्टेडियम

शहर के रेस्तरांओं में सिर्फ खाने को ही नहीं बल्कि यहां के माहौल और साज-सज्जा को भी तय थीम के आधार पर पेश करने पर जोर दिया जा रहा है। कोलकाता में थीम रेस्तराओं का चलन है। कोई रेस्तरां आपको एक जंगल...

कोलकाता में छाया थीम रेस्तरांओं का जादू, कोई जंगल जैसा तो कोई स्टेडियम
एजेंसीTue, 26 May 2015 12:53 PM
ऐप पर पढ़ें

शहर के रेस्तरांओं में सिर्फ खाने को ही नहीं बल्कि यहां के माहौल और साज-सज्जा को भी तय थीम के आधार पर पेश करने पर जोर दिया जा रहा है।

कोलकाता में थीम रेस्तराओं का चलन है। कोई रेस्तरां आपको एक जंगल जैसा एहसास करवाता है तो कहीं आपको लग सकता है कि आप किसी खेल के स्टेडियम में बैठकर खाना खा रहे हैं।

जंगल की थीम वाले रेस्तरां मचान में चिंघाड़ता हाथी, हिरण, सारस और कठफोड़वा देखे जा सकते हैं। यहां सीढि़यों के रास्ते आप बांस पर टिकी लकड़ी की एक प्लेटफार्मनुमा जगह पर पहुंचते हैं। यहां पत्तों के शामियाने के नीचे बैठकर आप ऐसा महसूस कर सकते हैं मानो आप जंगल में पिकनिक मनाने आए हैं।

रेस्तरां के महाप्रबंधक देबाशीष घोष ने बताया, शहर के बीचों-बीच हम जंगल का माहौल उपलब्ध करवाना चाहते हैं और अंदर के माहौल की वजह से मचान बच्चों और बड़ों सभी के लिए पसंदीदा जगह बन गया है। यह पहल शेफ-उद्यमी अंजन चटर्जी की है, जिन्होंने बालीवुड के मशहूर कला निर्देशक के सुझावों के साथ इस पर काम किया।

शेफ संदीप पांडे ने कहा, जंगल थीम के अनुरूप हम लोग यहां जो व्यंजन परोस रहे हैं, उनके नाम कुछ इस तरह हैं- हिमाचली तवा मुर्ग, तुरूष ए पनीर, भूत झकोलिया, चिकन टंगड़ी विद नागा चिली।

शहर के एक दूसरे कोने में स्थित कैफे की मेजों पर हार्ले-डेविडसन और रायल एनफील्ड बाइकों के प्रतीक चिन्ह बने हैं। वहीं दूसरे विश्वयुद्ध के दौर के हेलमेटों को कैफे में लाइटों के रूप में इस्तेमाल किया गया है। यह किसी बाइकर को एक खास अनुभव दिलाने में मददगार साबित होता है।

द बाइकर्स कैफे के निदेशक संजय यादव ने कहा, बाइकर एक ऐसा इंसान होता है जो बेहद उत्साही होता है और उसे खेलकूद बहुत पसंद होते हैं। वह अपनी बाइक के साथ ज्यादा से ज्यादा जगहों को खोज लेना चाहता है। यहां के मेन्यू, सजावट और संगीत में बाइकर की भावना, साहसपूर्ण काम और आजादी की झलक मिलती है।

यादव ने कहा, एक बाइकर होने के नाते मैंने दुनिया के विभिन्न हिस्से देखे। मुझ एक ऐसे थीम रेस्तरां का विचार आया, जहां हमारी तरह का भोजन मिलता हो और वह स्वास्थ्यकारी एवं स्वादिष्ट भी हो। इसलिए मुझ द बाइकर्स कैफे को खोलने का विचार किया। पहला आउटलेट दिसंबर 2012 में दिल्ली में शुरू किया गया था।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें