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आईपीएल 8: ‘महामुकाबले’ के लिये तैयार धोनी और रोहित

खेल, रोमांच, मनोरंजन और मालामाल करने वाले दुनिया के सबसे लोकप्रिय दनादन क्रिकेट टूर्नामेंट इंडियन प्रीमियर लीग में छठी बार फाइनल में पहुंची चेन्नई सुपरकिंग्स और पूर्व चैंपियन मुंबई इंडियन्स रविवार को...

आईपीएल 8: ‘महामुकाबले’ के लिये तैयार धोनी और रोहित
एजेंसीSat, 23 May 2015 04:19 PM
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खेल, रोमांच, मनोरंजन और मालामाल करने वाले दुनिया के सबसे लोकप्रिय दनादन क्रिकेट टूर्नामेंट इंडियन प्रीमियर लीग में छठी बार फाइनल में पहुंची चेन्नई सुपरकिंग्स और पूर्व चैंपियन मुंबई इंडियन्स रविवार को ऐतिहासिक ईडन गार्डन मैदान पर पूरे दमखम के साथ आठवें संस्करण का खिताब पाने के लिये उतरेंगे।

महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में दो बार खिताब जीत चुकी चेन्नई तीसरी बार चैंपियन का ताज पाने के लिये उतरेगी तो दूसरी तरफ सितारों से सजी मुंबई अपने युवा कप्तान के नेतृत्व में दूसरी बार खिताब पर कब्जा करने के लिये चुनौती पेश करेगी। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि फाइनल तक पहुंचने वाली हर टीम श्रेष्ठ होती है इसलिये किसी को भी कमतर आंकना गलत होगा और ऐसे में इनके बीच महामुकाबले की अपेक्षा की जा सकती है।

चेन्नई ने दूसरे क्वालिफायर में रायल चैलेंजर्स बेंगलूर को नाकआउट कर फाइनल में जगह पक्की की। आईपीएल का यह आठवां संस्करण है और टूर्नामेंट में यह ओवरआल छठा मौका है जब चेन्नई ने फाइनल में प्रवेश किया है। वर्ष 2008, 2010, 2011, 2012, 2013 और अब 2015 में आईपीएल के खिताबी मुकाबले में जगह पक्की की है और 2010-11 में लगातार दो बार खिताब जीता। दूसरी ओर मुंबई 2013 की चैंपियन है। मुंबई तीसरी बार आईपीएल के फाइनल में पहुंची है जबकि 2010 में वह उपविजेता रही थी।

मौजूदा संस्करण की बात करें तो चेन्नई ने जहां अपेक्षा के अनुरूप ही प्रदर्शन किया और ग्रुप चरण में अच्छे प्रदर्शन की बदौलत अंकतालिका में शीर्ष पर रही तो मुंबई ने सबसे बड़ा उलटफेर किया और शुरुआती चार मैच हारने तथा एक समय अंकतालिका में सबसे आखिरी स्थान पर पहुंचने के बावजूद ऐसी जबरदस्त वापसी की कि आखिर में न सिर्फ दूसरे स्थान पर पहुंची बल्कि पहले क्वालिफायर में शीर्ष टीम चेन्नई को चौंका कर सीधे फाइनल में भी जगह पक्की कर ली और चेन्नई के लिये इस टीम से पार पाना निश्चित ही आसान नहीं होगा।

सचिन तेंदुलकर, रिकी पोंटिंग, अनिल कुंबले और जोंटी रोड्स जैसे विश्वस्तरीय सपोर्ट स्टाफ से ही विपक्षियों को दबाव में ले आने वाली मुंबई के क्रिकेटरों ने भी भारी दबाव और आलोचनाओं के सामने अपना मनोबल नहीं गिरने दिया और टूर्नामेंट से बाहर होने की स्थिति में पहुंचने के बावजूद खिताबी जंग के लिये जगह पक्की की।

मुंबई और चेन्नई के लिये अब फाइनल भी एक तरह से पहले क्वालिफायर को दोहराने जैसा होगा जहां मुंबई अपनी उसी लय को बरकरार रखने के इरादे से उतरेगी जिसमें उसने चेन्नई को गेंदबाजी से लेकर बल्लेबाजी तक हर विभाग में पूरी तरह परास्त किया तो वहीं चेन्नई के लिये इस हार से सबक लेने और इसी टीम के सामने पिछले मुकाबले में हुई गलतियों को सुधारने का मौका होगा।

कह सकते हैं कि फाइनल से पहले यह मुकाबला दोनों टीमों के बीच अभ्यास मुकाबले की तरह रहा जिसमें मुंबई ने 25 रन की जीत दर्ज कर सीधे फाइनल का टिकट कटाया था। लेकिन फायदा सबसे सफल कप्तान धोनी का भी है जिन्हें अब यह पता होगा कि किन गलतियों से बचना है और किस खिलाड़ी के सामने किस तरह की रणनीति के साथ उतरना है। वैसे भी धोनी मौजूदा समय में क्रिकेट में चतुर रणनीतिकार माने जाते है।
 
चेन्नई ने पिछले मैच में बेंगलूर को तीन विकेट से हराया था। इस मुकाबले में टीम के बल्लेबाजों और गेंदबाजों ने संयंमित प्रदर्शन किया और विपक्षी टीम के क्रिस गेल, विराट कोहली और ए बी डीविलियर्स जैसे धाकड़ बल्लेबाजों की मौजूदगी के बावजूद टीम को 139 के मामूली स्कोर पर थाम लिया। चेन्नई के पास अच्छे स्पिनर और मजबूत तेज गेंदबाज हैं जिनपर धोनी को काफी भरोसा है।

रविचंद्रन अश्विन सबसे अनुभवी स्पिनर हैं जबकि आशीष नेहरा इस पूरे टूर्नामेंट में कमाल की फार्म में रहे हैं और असाधारण प्रदर्शन से कई बार टीम की जीत में अहम योगदान निभाया। इस मैच में इन गेंदबाजों का प्रदर्शन ही था कि बल्लेबाजों का काम आसान हो गया। नेहरा ने 28 रन पर जहां तीन विकेट चटकाये तो अश्विन ने चार ओवरों में 3.25 के किफायती इकोनोमी रेट से 13 रन देकर एक विकेट लिया। भारतीय क्रिकेट टीम के विशेषज्ञ आफ स्पिनर अश्विन बेहद कंजूसी से रन देते हैं और यही वजह है कि टीम में उनका स्थान लेने वालों में फिलहाल और कोई नाम सामने नहीं है।

चेन्नई के बेहतरीन लाइनअप में गेंदबाजी क्रम में मोहित शर्मा, सुरेश रैना, ड्वेन ब्रावो और रवींद्र जडेजा भी अहम है। कैरेबियाई खिलाड़ी ब्रावो टीम के सबसे खतरनाक खिलाडियों में है जिन्होंने अब तक 16 मैचों में सर्वाधिक 24 विकेट निकाले हैं जबकि बल्ले से भी रन बनाने में सक्षम है। इसके अलावा नेहरा 22 विकेट लेकर दूसरे नंबर पर है। लेकिन अश्विन ने सबसे किफायती 5.59 के इकोनोमी रेट से 13 मैचों में 10 विकेट लिये हैं।

ऐसे में मुंबई के धाकड़ बल्लेबाजों को बड़ा स्कोर बनाने से रोकने की जिम्मेदारी सबसे अधिक उनके कंधों पर रहेगी। बल्लेबाजों में चेन्नई के लिये ब्रैंडन मैकुलम का जाना सबसे बड़ा झटका है क्योंकि वह टीम के शीर्ष स्कोरर थे। लेकिन माइकल हसी की वापसी से ओपिनग में उम्मीदें बंधी हैं जबकि फाफ डू प्लेसिस, ड्वेन स्मिथ, सुरेश रैना और धोनी तथा जडेजा निचले क्रम में रन बनाने में सक्षम है। बेंगलूर के खिलाफ हसी ने कमाल की 56 रन की अर्धशतकीय पारी खेली थी जबकि प्लेसिस और धोनी ने भी मैच उपयोगी पारियां खेली थी।

दूसरी ओर मुंबई इस समय पूरी फार्म में है और पिछले मैच में चेन्नई को हराने के बाद उसके हौंसले और बुलंद है। कप्तान रोहित शर्मा, कीरोन पोलार्ड, लसित मिलगा, हरभजन सिंह,लेंडल सिमंस और पार्थिव पटेल जैसे अनुभवी खिलाड़ी उसके पास हैं जिन्होंने पिछले सभी मैचों में अपना योगदान दिया है। मुंबई एक टीम की तरह खेल रही है और यही उसकी ताकत है।

पहले क्वालिफायर में सिमंस ने 65 रन की अर्धशतकीय पारी से टीम को बेहतरीन शुरूआत दिलाई तो पार्थिव, पोलार्ड और रोहित ने रनों में इजाफा किया और धोनी के धुरंधरों के सामने इतना बड़ा लक्ष्य रखा कि टीम इससे पार नहीं पा सकी। इस मैच में मिलगा ने भी कमाल की गेंदबाजी की थी और किफायती गेंदबाजी करते हुये 23 रन पर तीन विकेट निकाले। तेज गेंदबाज मिलगा 22 विकेट लेकर टीम के शीर्ष विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं और मुंबई को उनसे बहुत उम्मीदें होंगी जबकि आफ स्पिन में दो वर्षों बाद भारतीय टेस्ट टीम में वापसी करने वाले हरभजन का नेतृत्व रहेगा।

भज्जी 16 विकेट के साथ दूसरे नंबर पर है जबकि मिशेल मैक्लेनगन ने अब तक 15 और जगदीश सुचित ने 10 विकेट लिये हैं और गेंदबाजी विभाग में उनकी भी अहम भूमिका रहेगी। सिमंस (472) टीम के शीर्ष स्कोरर हैं जबकि रोहित दूसरे नंबर पर हैं और निश्चित ही खिताबी मुकाबले में वह अपनी भूमिका को समझदारी से निभायेंगे।

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