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अब चीन में मच्छरों से लड़ेगी मच्छरों की फौज

दक्षिणी चीन में गुआंगडोंग प्रांत में मच्छरों का उत्पादन करने के लिए एक कारखाना लगाया गया है। यहां हर सप्ताह लगभग 10 लाख बंध्या नर मच्छर पैदा किए जा रहे हैं जो देश में डेंगू बुखार का प्रकोप दूर करने...

अब चीन में मच्छरों से लड़ेगी मच्छरों की फौज
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 02 Aug 2015 03:29 PM
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दक्षिणी चीन में गुआंगडोंग प्रांत में मच्छरों का उत्पादन करने के लिए एक कारखाना लगाया गया है। यहां हर सप्ताह लगभग 10 लाख बंध्या नर मच्छर पैदा किए जा रहे हैं जो देश में डेंगू बुखार का प्रकोप दूर करने में सहायक होंगे।

‘पीपुल्स डेली ऑनलाइन’ के अनुसार, गुआंगडांग साइंस सिटी स्थित यह कारखाना दुनिया का सबसे बड़ा मच्छर कारखाना है। यहां उत्पादित किए जा रहे विशेष मच्छरों को शाजी द्वीप के चारों ओर हर सप्ताह छोड़ दिया जाता है। यह काम इस प्रोजेक्ट के नेता जी झियोंग की देखरेख में किया जाता है।

वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि ये बंध्या मच्छर डेंगू बुखार का मुकाबला करने में सक्षम होंगे। साथ ही सामान्य मच्छरों की आबादी कम करने में भी सहायक होंगे। वैज्ञानिकों का कहना है कि इन बंध्या मच्छरों के कारण संक्रमित अंडे विकसित नहीं हो सकेंगे जिससे सामान्य मच्छरों की आबादी में कमी आएगी। डेंगू बुखार एक वायरस जनित संक्रमण है जो मच्छरों से फैलता है। इस अनूठे तरीके की पूरी सफलता अभी साबित होनी है, लेकिन इसके पहले परीक्षण के दौरान मच्छरों की आबादी में 90 फीसदी की कमी देखी गई। मच्छर कारखाना लगाने का विचार चीन को तब आया जब उसने डेंगू के बीते दो दशक के सबसे भयानक प्रकोप का सामना किया। बीते साल डेंगू के 47 हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए। इनमें से करीब सारे मामले गुआनडांग प्रांत के थे। दुनिया में हर साल करीब 22 हजार लोग डेंगू के शिकार बनते हैं।

जानलेवा बीमारी
डेंगू से संक्रमण में तेज बुखार, सरदर्द और हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द होता है। तेज बुखार और दर्द की वजह से इसे ‘हड्डीतोड़ बीमारी’ (ब्रेकबोन डिजीज) भी कहा जाता है। समय रहते उपचार नहीं होने पर यह जानलेवा बन जाता है।

मधुमक्खियां बच्चों को टीका लगाती हैं

मधुमक्खियां भी अपने बच्चों को बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए कुदरती तरीके से टीका लगाती हैं। वैज्ञानिकों को मधुमक्खियों के खून में मौजूद प्रोटीनों का अध्ययन करने के दौरान यह जानकारी मिली है। मधुमक्खियों की बस्ती में रानी मधुमक्खी ही सारे बच्चे जनती है। कामगार मधुमक्खियां रानी के आहार के लिए पराग और फूलों के रस की ‘शाही जेली’ ले आती हैं। इस जेली में उनके भीतर मौजूद रोगाणु मिल जाते हैं जो रानी के पेट में पहुंच जाते हैं। वहां ये रोगाणु रानी के लिवर जैसे अंग तक पहुंचते हैं जहां वे एक खास प्रोटीन से चिपक जाते हैं और रानी के रक्तप्रवाह के जरिये अंडों तक पहुंच जाते हैं। इनसे निकले बच्चों में पहले से ही प्रतिरोधी क्षमता होती है।

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