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आपदा में इंटरनेट का करें बेहतर इस्तेमाल

प्राकृतिक आपदा की कोई भी घटना हो, इंटरनेट पर मौजूद सोशल मीडिया के मंचों का दुनिया भर में बेहतरीन उपयोग हो रहा है। नेपाल में शनिवार को आए विनाशकारी भूकंप में फिर से ट्विटर-फेसबुक ‘लाइफ...

आपदा में इंटरनेट का करें बेहतर इस्तेमाल
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 27 Apr 2015 01:56 PM
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प्राकृतिक आपदा की कोई भी घटना हो, इंटरनेट पर मौजूद सोशल मीडिया के मंचों का दुनिया भर में बेहतरीन उपयोग हो रहा है। नेपाल में शनिवार को आए विनाशकारी भूकंप में फिर से ट्विटर-फेसबुक ‘लाइफ लाइन’ बनकर उभरे। संवाद के तमाम माध्यमों के ध्वस्त होने के बाद भी सोशल मीडिया पर अपडेट आते रहे चाहे वे पहली तस्वीरें हो या फिर ‘मैं सुरक्षित हूं का संदेश’। आपदा के वक्त कैसे इंटरनेट व सोशल मीडिया के मंचों का बेहतर उपयोग कर सकते हैं। बता रहे हैं अचलेन्द्र कटियार

नेपाल में भूकंप के आते ही तमाम संसाधन जहां दम तोड़ गए वहीं फेसबुक और ट्विटर तबाही के संदेशों से पट गए। मसलन ‘आपका घर तबाह हो चुका हैं, आप यहां नहीं आ सकते हैं। आपका भाई शहर के दूसरे इलाके में है’ जैसे संदेश और वीडियो मैसेज सोशल मीडिया पर भेजे जाने लगे। नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप के बीच लोगों ने एक-दूसरे से जुड़ने के लिए फेसबुक और ट्विटर का इस्तेमाल किया। तो कुछ ही देर में गूगल ने आपदा के लिए ‘पर्सन फाइडंर सर्विस’ और फेसबुक ने ‘सिक्योरिटी चेक’ सेवा शुरू कर दी।

गूगल पर्सन फाइंडर को जानिए

गूगल पर्सन फाइंडर एक वेब एप्लीकेशन है। यह सेवा लोगों को अपने मित्रों व रिश्तेदारों को खोजने और उनकी सही स्थिति जानने की सुविधा देती है। यह एप्लीकेशन आपदा से जुड़ी संस्थाओं और एजेंसियों को भी गुमशुदा व्यक्तियों का ब्यौरा पहुंचाती है। व्यक्ति के मिल जाने पर अपडेट देती है। यह सेवा अभी 40 भाषाओं में मौजूद है। गूगल ने यह सेवा भारत और नेपाल के अपने होमपेज पर उपलब्ध कराई है। गूगल की यह सेवा बेहद लोकप्रिय है। गूगल तमाम मौकों पर इस सेवा को लॉन्च कर चुका है। नेपाल में भूकंप के बाद गूगल ने यह सेवा फिर शुरू की है। रविवार को करीब 3600 लोगों का डाटा इस पर डाला जा चुका था। यह सेवा इसलिए बेहतर है क्योंकि इसकी मदद से न सिर्फ आप अपने दोस्त और रिश्तेदार को खोज सकते हैं बल्कि खुद सकुशल होने की सूचना दे सकते हैं। गूगल ने इस सेवा को 2010 में हैती में आए भूकंप के दौरान शुरू किया था।

फेसबुक सिक्योरिटी चेक

नेपाल में आए भूकंप के बाद फेसबुक ने एक बार फिर से सेफ्टी चेक को शुरू किया है। फेसबुक ने 2011 में जापान में भूकंप आने के बाद इस फीचर को लॉन्च किया था। इसकी मदद से फेसबुक यूजर खुद के सकुशल होने की सूचना अपने मित्रों को दे सकते हैं। इतना ही नहीं आप अपने मित्रों के सुरक्षित होने की सूचना भी दे सकते हैं। आपके जिन दोस्तों का वर्तमान शहर भूकंप प्रभावित क्षेत्र में है तो फेसबुक उन्हें आपदा प्रभावित लोगों की सूची में दिखाएगा और आपसे पूछेगा कि क्या वे सुरक्षित हैं।

सूचित करने के साथ खोजेगी सेवा

फेसबुक की इस सेवा की सबसे बड़ी खूबी यह है कि अगर आपने आपदा वाले या फिर उसके आसपास के क्षेत्र से अपना स्टेट्स अपडेट किया है तो सिक्योरिटी चेक खुद ब खुद आपके वहां होने की सूचना आपके फॉलोवर और मित्रों को दे देगा। आपसे भी पूछेगा कि आप सुरक्षित हैं कि नहीं।

डाउनलोड कर लें अलर्ट एप

अगर आप कहीं ऐसी जगह घूमने जा रहे हैं जहां पर भू-स्खलन और एवलांच जैसी घटनाएं होती रहती हैं या फिर आप का पर्यटन स्थल पहाड़ी है। तो एप स्टोर से डिजास्टर अलर्ट एप्लीकेशन भी डाउनलोड कर सकते हैं।

क्या करें क्या न करें?

अफवाह कतई न फैलाएं: आपदा के वक्त संयम  का परिचय दें। सोशल मीडिया पर कोई भी अफवाह वाला मैसेज पोस्ट न करें। जो भी सूचनाएं पोस्ट करें उनकी प्रमाणिकता जांच लें या फिर वही सूचनाएं रीट्वीट या शेयर करें जो आधिकारिक हों? अगर आपदा में फंसे हैं तो अपने प्रियजनों के साथ संबंधित एजेंसी को भी स्थिति से अवगत कराएं। ऐसा करने से राहत और बचाव कार्य करने में न सिर्फ मदद मिलेगी, बल्कि आपकी कोशिश कई लोगों की जान बचाएगी।

फॉलो कर लें विशेष अकाउंट: ट्विटर-फेसबुक अकाउंट हैं तो जहां घूमने जा रहे हैं वहां की लोकल या क्षेत्रीय अथॉरिटी के अकाउंट को फॉलो कर  लें। ऐसा करने से न सिर्फ आप अपडेट रहेंगे बल्कि मुश्किल आने पर खुद को जल्दी से सक्रिय कर सकेंगे।

लोकेशन को रखे ऑन: अगर आप कोई विशेष शख्सियत नहीं है तो यात्रा के दौरान अपनी लोकेशन को ऑन रख सकते हैं ट्विटर, फेसबुक व गूगल के सभी एप्लीकेशन में यह फीचर मौजूद हैं। अनहोनी की स्थिति में आपकी लोकशन का जल्द पता चल जाएगा।

जरूरी सामग्री करें ट्वीट-पोस्ट: आपदा के बाद जारी किए  हेल्पलाइन नंबर को सोशल मीडिया पर प्रसारित करें ताकि हर किसी को वे नंबर मिल सकें।

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