फोटो गैलरी

Hindi Newsलैस्जलो करास्जनाहोरकाई ने जीता मैन बुकर पुरस्कार

लैस्जलो करास्जनाहोरकाई ने जीता मैन बुकर पुरस्कार

हंगरी के लेखक लैस्जलो करास्जनाहोरकाई को इस वर्ष के लिए मैन बुकर पुरस्कार के लिए चुना गया है। 61 वर्षीय करास्जनाहोरकाई को उनकी प्रमुख कृति 'द मेलानचोली ऑफ रेसिस्टेंस', 'सियोबो देयर बिलो' और 'सतनतैंगो'...

लैस्जलो करास्जनाहोरकाई ने जीता मैन बुकर पुरस्कार
एजेंसीWed, 20 May 2015 03:47 PM
ऐप पर पढ़ें

हंगरी के लेखक लैस्जलो करास्जनाहोरकाई को इस वर्ष के लिए मैन बुकर पुरस्कार के लिए चुना गया है। 61 वर्षीय करास्जनाहोरकाई को उनकी प्रमुख कृति 'द मेलानचोली ऑफ रेसिस्टेंस', 'सियोबो देयर बिलो' और 'सतनतैंगो' के लिए इस पुरस्कार के लिए चुना गया है। उन्हें पुरस्कार स्वरुप 90 हजार डॉलर दिए जाएंगे। उन्होंने दस प्रतिभागियों को पीछे छोड़ते यह पुरस्कार जीता है जिसमें भारत सहित लीबिया, मोजाम्बिक, गुआदली, दक्षिण अफ्रीका और कांगों के लेखक शामिल थे। लंदन में पुरस्कार समारोह में विजेता की घोषणा के दौरान पैनल की अध्यक्ष मारिना वार्नर ने कहा कि लैस्जलो करास्जनाहोरकाई असाधारण प्रतिभा और मुखर क्षमता का एक दूरदर्शी लेखक हैं। उन्होंने अपनी कृति में दृश्यों को अजूबे, अनोखे, हास्य के पुट के साथ और बहुत ही सुंदर तरीके से समाहित किया है। करास्ज्नाहोरकाई ने 1985 में 'सतनतैंगों' की रचना की थी जिसपर 1994 में हंगीरियाई फिल्म निर्माता बेला टार ने इस पर फिल्म बनाई। इसमें पूर्वी यूरोप में साम्यवाद के पतन को दिखाया गया है। 1993 में उन्हें 'द मेलानचोली ऑफ रेसिस्टेंस' के लिए जर्मन बेस्टएनलिस्ट पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें हंगरी का सर्वोच्च पुरस्कार द कोस्सुथ पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें