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मंगल गृह की परिक्रमा में ट्रैफिक जाम से बचने के लिए काम कर रहा है नासा

भारत के मंगल अभियान सहित पिछले साल दो और मार्स आर्बिटर मिशन को अंतरिक्ष में भेजे जाने से इस लाल ग्रह के चारों ओर यातायात बढ़ गया है। इसलिए नासा ने वहां अंतरिक्ष यानों की टक्कर नहीं होने देने के लिए एक...

मंगल गृह की परिक्रमा में ट्रैफिक जाम से बचने के लिए काम कर रहा है नासा
एजेंसीMon, 03 Aug 2015 09:07 AM
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भारत के मंगल अभियान सहित पिछले साल दो और मार्स आर्बिटर मिशन को अंतरिक्ष में भेजे जाने से इस लाल ग्रह के चारों ओर यातायात बढ़ गया है। इसलिए नासा ने वहां अंतरिक्ष यानों की टक्कर नहीं होने देने के लिए एक यातायात निगरानी प्रक्रिया का सहारा लिया है।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने एक यातायात निगरानी, संचार एवं युक्तिचालन योजना की प्रक्रिया को मजबूत किया है, जो यह सुनिश्चित करेगा कि मार्स आर्बिटर एक दूसरे के बहुत करीब नहीं आएं।

नासा ने कहा कि पिछले साल से दो नये अंतरिक्ष यान मंगल की परिक्रमा कर रहे हैं जिससे ऐसे सक्रिय अंतरिक्षयानों की संख्या पांच हो गई है।

नासा का मार्स एटमोसफेयर एंड वोलाटाइल इवोल्यूशन (मावेन) और भारत का मार्स आर्बिटर मिशन यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के 2003 के मार्स एक्सप्रेस तथा नासा के दो मंगल याऩ, 2001 के मास ओडिसी और 2006 के मार्स रिकानिसएंस आर्बिटर (एमआरओ) के साथ मंगल की परिक्रमा में शामिल हो गया।

यह नया टक्कर बचाव प्रक्रिया नासा के मार्स ग्लोबल सर्वेयर के संभावित स्थान पर भी नजर रखेगा। 1997 में भेजा गया यह आर्बिटर अब निष्क्रिय है।

केलिफोर्निया स्थित नासा के जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी में मंगल कार्यक्रम के मुख्य अभियंता ने बताया, पहले, ओडिसी और एमआरओ नेविगेशन टीमों के बीच टक्कर से बचने के लिये तालमेल बैठाया गया था।

उन्होंने कहा कि हम अब पहले की तुलना में काफी करीब से सभी आर्बिटर पर नजर रख रहे हैं। हालांकि किसी तरह के मार्ग परिवर्तन की बहुत कम संभावना है लेकिन यह कुछ ऐसी चीज है जिससे हमें निपटना होगा।

मंगल पर यातायात प्रबंधन पथ्वी की कक्षा की तुलना में बहुत कम जटिल है, जहां 1,000 से अधिक सक्रिय आर्बिटर तथा अतिरिक्त निष्क्रिय ठोस वस्तुएं जोखिम बढ़ा रही हैं।

सभी पांच सक्रिय मार्स आर्बिटर नासा के डीप स्पेस नेटवर्क के संचार एवं ट्रैकिंग सेवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं जिसकी कमान जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी में है।

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