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फिल्म इंडस्ट्री के स्टार मेकर थे ऋषिकेष मुखर्जी

(जन्मदिवस 30 सितंबर के अवसर पर) बॉलीवुड में ऋषिकेष मुखर्जी को ऐसे 'स्टार मेकर' के रूप में याद किया जाता है जिन्होंने धर्मेन्द्र, राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, अमोल पालेकर जया भादुड़ी जैसे सितारो को...

फिल्म इंडस्ट्री के स्टार मेकर थे ऋषिकेष मुखर्जी
एजेंसीTue, 30 Sep 2014 10:29 AM
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(जन्मदिवस 30 सितंबर के अवसर पर)

बॉलीवुड में ऋषिकेष मुखर्जी को ऐसे 'स्टार मेकर' के रूप में याद किया जाता है जिन्होंने धर्मेन्द्र, राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, अमोल पालेकर जया भादुड़ी जैसे सितारो को फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित किया।
     
ऋषिकेष मुखर्जी का जन्म 30 सितंबर 1922 को कोलकाता में हुआ था। उन्होनें अपनी स्नातक की शिक्षा कलकत्ता विश्वविद्यालय से पूरी की। इसके बाद कुछ दिनों तक उन्होंने गणित और विज्ञान के अध्यापक के रूप में भी काम किया। चालीस के दशक में ऋषिकेश मुखर्जी ने अपने सिने करियर की शुरुआत न्यू थियेटर में बतौर कैमरामैन की।
     
न्यू थियेटर में उनकी मुलाकात जाने माने फिल्म संपादक सुबोधमित्र से हुई। उनके साथ रहकर ऋषिकेष मुखर्जी ने फिल्म संपादन का काम सीखा। इसके बाद ऋषिकेष मुखर्जी फिल्मकार विमल राय के साथ सहायक के तौर पर काम करने लगे। ऋषिकेष मुखर्जी ने विमल राय की फिल्म 'दो बीघा जमीन' और 'देवदास' का संपादन भी किया।
    
बतौर निर्देशक ऋषिकेष मुखर्जी ने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 1957 में प्रदर्शित फिल्म 'मुसाफिर' से की। दिलीप कुमार, सुचित्रा सेन और किशोर कुमार जैसे नामचीन सितारों के रहने के बावजूद फिल्म टिकट खिड़की पर असफल साबित हुई। वर्ष 1959 में ऋषिकेष मुखर्जी को राजकपूर को फिल्म 'अनाड़ी' में निर्देशित करने का मौका मिला। फिल्म टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुई इसके साथ ही बतौर निर्देशक ऋषिकेष मुखर्जी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गये।
      
वर्ष 1960 में ऋषिकेष मुखर्जी की एक और फिल्म 'अनुराधा' प्रदर्शित हुई। बलराज साहनी और लीला नायडू अभिनीत इस फिल्म की कहानी ऐसी शादी शुदा युवती पर आधारित है जिसका पति उसे छोड़कर अपने आदर्श के निर्वाह के लिये गांव चला जाता है। हालांकि यह फिल्म टिकट खिड़की पर असफल साबित हुई लेकिन राष्ट्रीय पुरस्कार के साथ ही बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में भी इसे सम्मानित किया गया।
     
वर्ष 1966 में प्रदर्शित फिल्म 'आशीर्वाद' ऋषिकेष मुखर्जी के करियर की सर्वाधिक सुपरहिट फिल्म साबित हुई। इस फिल्म के जरिये ऋषिकेष मुखर्जी ने न सिर्फ जातिगत प्रथा और जमीन्दारी प्रथा पर गहरी चोट की बल्कि एक पिता की व्यथा को भी रूपहले पर्दे पर साकार किया। इस फिल्म में अशोक कुमार पर फिल्माया यह गीत 'रेलगाड़ी रेलगाड़' उन दिनों काफी लोकप्रिय हुआ था।
    
वर्ष 1969 में प्रदर्शित फिल्म 'सत्यकाम' ऋषिकेष मुखर्जी निर्देशित महत्वपूर्ण फिल्मों में शुमार की जाती है। धर्मेन्द्र और शर्मिला टैगोर की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म की कहानी एक ऐसे युवक पर आधारित है जिसने स्वतंत्रता के बाद जैसा सपना देश के बारें में सोचा था वह पूरा नहीं हो पाता है। हालांकि यह फिल्म भी टिकट खिड़की पर असफल साबित हुई लेकिन सिने प्रेमियों का मानना है कि यह फिल्म ऋषिकेष मुखर्जी की उत्कृष्ट फिल्मों में एक है।
     
जया भादुड़ी को प्रारंभिक सफलता दिलाने में निर्माता-निर्देशक ऋषिकेष मुखर्जी की फिल्मों का बड़ा योगदान रहा। उन्हें पहला बड़ा ब्रेक उन्ही की फिल्म 'गुड्डी' 1971 से मिला। इस फिल्म में उन्होंने एक ऐसी लड़की की भूमिका निभाई जो फिल्में देखने की काफी शौकीन है और अभिनेता धर्मेन्द्र से प्यार करती है। अपने इस किरदार को जया भादुड़ी ने इतने चुलबुले तरीके से निभाया कि दर्शक उस भूमिका को आज भी भूल नहीं पाये हैं।
    
फिल्म 'गुड्डी' के बाद जया भादुड़ी ऋषिकेष मुखर्जी की पसंदीदा अभिनेत्री बन गयी। ऋषिकेश मुखर्जी जया भादुड़ी को अपनी बेटी की तरह मानते थे और उन्होंने जया भादुड़ी को लेकर 'बावर्ची', 'अभिमान', 'चुपके-चुपके' और 'मिली' जैसी कई फिल्मों का निर्माण भी किया।
    
1972 में ही प्रदर्शित फिल्म 'आनंद' ऋषिकेष मुखर्जी निदेर्शित सुपरहिट फिल्म में शुमार की जाती है। फिल्म में राजेश खन्ना ने आनंद की टाइटिल भूमिका निभाई। फिल्म के एक दृश्य में राजेश खन्ना का बोला गया यह संवाद 'बाबूमोशाय! हम सब रंगमंच की कठपुतलियां हैं जिसकी डोर ऊपर वाले की उंगलियों से बंधी हुई है कब किसकी डोर खिंच जाये ये कोई नहीं बता सकता' उन दिनों सिने दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ था और आज भी सिने दर्शक उसे नहीं भूल पाये हैं। 
       
वर्ष 1973 में प्रदर्शित फिल्म 'अभिमान' ऋषिकेष मुखर्जी निर्देशित महत्वपूर्ण फिल्म में शुमार की जाती है। अमिताभ बच्चन और जया भादुड़ी की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म में अमिताभ बच्चन एक ऐसे अभिमानी पति की भूमिका में दिखाई दिये जो पत्नी को संगीत के क्षेत्र में बढ़ता देखकर अंदर ही अंदर जलने लगता है।
   
वर्ष 1975 में प्रदर्शित फिल्म 'चुपके चुपके' ऋषिकेष मुखर्जी के करियर की महत्वपूर्ण फिल्मों में एक है। इस दौर में अमिताभ बच्चन और धर्मेन्द्र को लेकर फिल्मकार केवल मारधाड़ और एकशन से भरपूर फिल्म का निर्माण किया करते थे लेकिन उन्होंने उन दोनो को लेकर हास्य से भरपूर फिल्म 'चुपके चुपके' का निर्माण करके सबको आश्चर्यचकित कर दिया।
    
वर्ष 1979 में प्रदर्शित फिल्म 'गोलमाल' ऋषिकेष मुखर्जी के सिने करियर की सुपरहिट फिल्म में शुमार की जाती है। जब कभी हास्य फिल्मों की चर्चा की जायेगी तब फिल्म 'गोलमाल' का नाम अवश्य लिया जायेगा। अमोल पालेकर और उत्पल दत्त अभिनीत इस फिल्म के जरिये ऋषिकेष मुखर्जी ने दर्शको को हंसते-हंसते लोटपोट कर दिया।

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