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'मशाल' के दौरान बॉलीवुड छोड़ने का मन बना रहे थे बर्मन

मुंबई में अपने प्रारंभिक दिनों में संगीतकार सचिन देव बर्मन ने संगीत के साथ जो प्रयोग किए वे खासे सफल नहीं हुए और उन्होंने हिंदी फिल्मों में संगीत देने की इच्छा का त्याग कर कोलकाता वापस लौटने का मन...

'मशाल' के दौरान बॉलीवुड छोड़ने का मन बना रहे थे बर्मन
एजेंसीTue, 02 Sep 2014 06:14 PM
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मुंबई में अपने प्रारंभिक दिनों में संगीतकार सचिन देव बर्मन ने संगीत के साथ जो प्रयोग किए वे खासे सफल नहीं हुए और उन्होंने हिंदी फिल्मों में संगीत देने की इच्छा का त्याग कर कोलकाता वापस लौटने का मन बना लिया लेकिन अशोक कुमार के समझाने पर वह रुक गए।
   
हाल में सत्य सरन की बर्मन पर आई नई किताब सुन मेरे बंधु रे : द म्यूजिकल वर्ल्ड ऑफ एस.डी.बर्मन में बताया गया है कि उन दिनों अशोक कुमार मशाल फिल्म की शूटिंग कर रहे थे ,जब बर्मन कोलकाता जाने के लिए अपना सामान बांध रहे थे।
   
सरन ने लिखा है, उनको कुछ प्रलोभन देकर थोड़े दिन और रोक लेने की आशा से अशोक कुमार ने उनसे मशाल के लिए संगीत देने को कहा। काम शुरू हो गया लेकिन बर्मन अभी भी दुखी थे। उन्होंने निर्णय लिया कि वे अपने सहयोगी मन्ना डे को अपना काम सौंप देंगे लेकिन अशोक कुमार के समझाने पर बर्मन मान गए और उन्होंने अपने साथ साथ मन्ना डे की जिंदगी की भी दास्तां को बदल दिया।
   
बिमल रॉय की आखिरी फिल्म 'बंदिनी' के गाने मेरा गोरा रंग लई ले से जुड़े किस्से के साथ-साथ इस किताब में सचिन के जीवन से जुड़े कई रोचक किस्से हैं। इस किताब का प्रकाशन हार्पर कॉलिन्स इंडिया ने किया है।

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