फोटो गैलरी

Hindi NewsBirthday Special श्रोताओं के दिलों में खास पहचान बनायी सोनू निगम ने

Birthday Special: श्रोताओं के दिलों में खास पहचान बनायी सोनू निगम ने

स्टेज शो से अपने कैरियर की शुरुआत करके सफलता की बुलंदियों तक पहुंचने वाले हिन्दी सिनेमा के सुप्रसिद्ध पाश्र्वगायक सोनू निगम अपने गानों से आज भी श्रोताओं के दिलों पर राज कर रहे...

Birthday Special: श्रोताओं के दिलों में खास पहचान बनायी सोनू निगम ने
एजेंसीThu, 30 Jul 2015 10:40 AM
ऐप पर पढ़ें

स्टेज शो से अपने कैरियर की शुरुआत करके सफलता की बुलंदियों तक पहुंचने वाले हिन्दी सिनेमा के सुप्रसिद्ध पाश्र्वगायक सोनू निगम अपने गानों से आज भी श्रोताओं के दिलों पर राज कर रहे हैं।
      
सोनू निगम का जन्म हरियाणा के फरीदाबाद शहर में 30 जुलाई 1973 को हुआ। उनके पिता माता-पिता गायक थे। बचपन से ही सोनू निगम उनका रूझान संगीत की ओर था और वह भी अपने माता-पिता की तरह गायक बनना चाहते थे। इस दिशा में शुरुआत करते हुए उन्होंने अपने पिता के साथ महज तीन वर्ष की उम्र से स्टेज कार्यक्रमों में हिस्सा लेना शुरू कर दिया।
      
सोनू निगम 19 वर्ष की उम्र में गायक बनने का सपना लेकर अपने पिता के साथ मुंबई आ गए। यहां उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। अपने जीवन यापन के लिए वह स्टेज पर मोहम्मद रफी के गाये गानों के कार्यक्रम पेश किया करते थे। इसी दौरान प्रसिद्ध कंपनी टी-सीरीज ने उनकी प्रतिभा को पहचान उनके गाये गानो का एलबम 'रफी की यादें' निकाला।
      
सोनू निगम ने पाश्र्वगायक के रूप में अपने सिने करियर की शुरुआत फिल्म 'जनम' से की लेकिन दुर्भाग्य से यह फिल्म प्रदर्शित नहीं हो सकी। लगभग पांच वर्ष तक वह मुंबई में पाश्र्वगायक बनने के लिए संघर्ष करने लगे। आश्वासन तो सभी देते लेकिन उन्हें काम करने का अवसर कोई नहीं देता था। इस बीच सोनू निगम ने बी और सी ग्रेड वाली फिल्मों में पाश्र्वगायन किया लेकिन इन फिल्मों से उन्हें कोई खास फायदा नहीं पहुंचा।

सोनू निगम के करियर के लिए 1995 अहम वर्ष साबित हुआ और उन्हें छोटे पर्दे पर कार्यक्रम 'सारेगामा' में होस्ट के रूप में काम करने का अवसर मिला। इस कार्यक्रम से मिली लोकप्रियता के बाद वह कुछ हद तक अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गए। इस बीच उनकी मुलाकात टी-सीरीज के मालिक गुलशन कुमार से हुई जिन्होंने उनकी प्रतिभा को पहचान करके अपनी फिल्म 'बेवफा सनम' में पाश्र्वगायक के रूप में काम करने का मौका दिया।
        
इस फिल्म में उनके गाए गीत 'अच्छा सिला दिया तूने मेरे प्यार का' उन दिनों श्रोताओ के बीच क्रेज बन गया। फिल्म और गीत की सफलता के बाद वह पाश्र्वगायक के रूप में फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गए।
        
'बेवफा सनम' की सफलता के बाद सोनू निगम को कई अच्छी फिल्मों के प्रस्ताव मिलने शुरू हो गए। जिनमें 'दिल से', 'सोल्जर', 'आ अब लौट चले', 'सरफरोश', 'हसीना मान जाएगी' और 'ताल' जैसी बड़े बजट की फिल्में शामिल थी। इन फिल्मों की सफलता के बाद उन्होंने सफलता की नयी बुलंदियों को छुआ और एक से बढकर एक गीत गाकर श्रोताओं को मंत्रमुंग्ध कर दिया।

सोनू निगम वर्ष 1997 में अनु मलिक के संगीत निर्देशन में 'बॉर्डर' फिल्म में पाश्र्वगायन करने का अवसर मिला। इस फिल्म में उन्होंने 'संदेशे आते हैं' गीत के जरिये अपने ऊपर लगे मोहम्मद रफी के क्लोन के ठप्पे को सदा के लिए मिटा दिया।
        
वर्ष 1997 में ही सोनू निगम को शाहरुख खान अभिनीत फिल्म 'परदेस' में पाश्र्वगायन करने का अवसर मिला। नदीम श्रवण के संगीत निर्देशन में उन्होंने 'ये दिल दीवाना' गीत गाकर न सिर्फ अपनी बहुआयामी प्रतिभा का परिचय दिया बल्कि युवाओं के बीच क्रेज भी बन गए।
       
सोनू निगम अब तक दो बार फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किये जा चुके हैं। सबसे पहले उन्हे 2002 में फिल्म साथिया के 'साथिया' गाने के लिए सर्वश्रेष्ठ गायक का फिल्म फेयर पुरस्कार दिया गया। इसके बाद 2003 में फिल्म 'कल हो ना हो' के गीत 'कल हो ना हो' के लिए भी उन्हें सर्वश्रेष्ठ पाश्र्वगायक के फिल्म फेयर पुरस्कार के साथ ही राष्ट्रीय पुरस्कार भी दिया गया।

आमिर खान और शाहरुख खान जैसे नामचीन नायकों की आवाज कहे जाने वाले सोनू निगम ने तीन दशक से भी ज्यादा लंबे करियर में लगभग 320 फिल्मों के लिए गीत गाए हैं। उन्होंने हिन्दी के अलावा उर्दू, अंग्रेजी, तमिल, बंगला, पंजाबी, मराठी, तेलुगू, भोजपुरी, कन्नड़, उड़िया और नेपाली फिल्मों के गीतों के लिए भी अपनी आवाज दी है।
        
बहुमुखी प्रतिभा के धनी सोनू निगम ने कई फिल्मों में अभिनय भी किया है। उन्होनें प्यारा दुश्मन 'कामचोर', 'उस्तादी उस्ताद से', 'बेताब', 'हमसे है जमाना' और 'तकदीर' जैसी फिल्मों में बाल कलाकार के रूप में काम किया है और जानी दुश्मन एक अनोखी प्रेम कहानी 'लव इन नेपाल' तथा 'काश आप हमारे होते' जैसी फिल्मों में भी बतौर अभिनेता के रूप में काम कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया है।
      
सोनू निगम सामाजिक उत्थान में भी सक्रिय भूमिका निभाते रहे है और कई कल्याणकारी संगठनों से सदस्य के रूप में जुड़े हुए है। इनमें कैंसर रागियों, कुष्ठ रोगियों और दृष्टिहीन लोगों के कल्याण के लिए चलायी जाने वाली संस्था खास तौर पर उल्लेखनीय है।
      
इसके अलावा सोनू निगम ने कारगिल युद्ध भूंकप से पीड़ित परिवारो और बच्चों के उत्थान के लिए चलायी जाने वाली संस्था 'क्रेऑन' में भी सक्रिय योगदान दिया है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें