फोटो गैलरी

Hindi Newsटर्मिनेटर जेनेसिस यानि एक्शन और साइंस फैंटेसी का महाडोज

टर्मिनेटर जेनेसिस यानि एक्शन और साइंस फैंटेसी का महाडोज

आईएम बैक और आस्ता ला विस्ता बेबी, इन दो लाइनों का आकर्षण वो लोग सहज समझ सकते हैं, जिन्होंने 80 और 90 के दशक में निर्देशक जेम्स कैमरून की ‘दि टर्मिनेटर’ और ‘दि जजमेंट डे’ को...

टर्मिनेटर जेनेसिस यानि एक्शन और साइंस फैंटेसी का महाडोज
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 04 Jul 2015 10:27 AM
ऐप पर पढ़ें

आईएम बैक और आस्ता ला विस्ता बेबी, इन दो लाइनों का आकर्षण वो लोग सहज समझ सकते हैं, जिन्होंने 80 और 90 के दशक में निर्देशक जेम्स कैमरून की ‘दि टर्मिनेटर’ और ‘दि जजमेंट डे’ को घोट-घोट कर पिया है। एक पूरी पीढ़ी इस सीरिज की फिल्मों को देख कर बड़ी हुई है। इस सीरिज की पांचवी कड़ी है ‘टर्मिनेटर : जेनेसिस’, जिसके बारे में केवल इतना कहा जा सकता है कि इस सीरिज का आकर्षण बरकरार रखना है तो ट्राईस्टार और पैरामाउंट को अब इसे यहीं रोक देना चाहिए। क्योंकि इस सीरिज की चौथी किस्त ‘टर्मिनेटर सेल्वेशन’ से ही यह साफ हो गया था कि इसमें अब मनोरंजन की गुजाइश खत्म हो रही है। फिर भी आर्नोल्ड ने इस नई किस्त में जान डालने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है।

फिल्म की कहानी एक अजीबो गरीब विज्ञान फंतासी के साथ शुरू होती है, जो टाइम ट्रैवल के संदर्भ के साथ साराह कॉनर (एमिला क्लार्क) और जॉन कॉनर (जेसन क्लार्क) को आमने-सामने ला खड़ा करती है। यही वजह है कि मां साराह अपने बेटे जॉन से छोटी दिखती है, जबकि दि टर्मिनेटर-टी 800 (आर्नोल्ड श्वार्जनेगर) इन सबका रखवाला बन कर आता है, लेकिन उसे भी हैरानी होती है जब वो देखता है कि जॉन अब उनके लिए नहीं किसी और के लिए जीता है। इस कहानी में दिलचस्प मोड़ कम हैं और दुविधाएं ज्यादा हैं।

आर्नोल्ड पर उम्र हावी है। वो भारी-भरकम हथियार उठाते हैं, लेकिन वो उन पर फबते नहीं हैं। एक्शन सीन्स में साफ पता चलता है कि उनसे जबरदस्त की जा रही है। उन्हें स्क्रीन पर देखने का आकर्षण केवल इस सीरिज की वजह से है। इसलिए जब जब वो अपने चिर-परिचित संवाद बोलते हैं तो अच्छे लगते हैं।

साराह के रोल में एमिला ने प्रभावित किया है, लेकिन उनका किरदार बड़ी जिम्मेदारियों से भरा पड़ा है। एक युवती की नाजुक कलाईयां अपने से पांच गुना ज्यादा वजन की मशीन गन कैसे संभालती हैं, ये इस फिल्म में देखिये।

इन तमाम बातों के बावजूद यह फिल्म पूरी तरह से बांधे नहीं रखती। कहानी में साइंस फिक्शन हावी है। मानवीय पहलू नदारद हैं, जबकि इस सीरिज की शुरुआत ही मानवीय पहलुओं और मशीन के तालमेल के साथ हुई थी। इसलिए अगर आप आर्नी के फैन हैं तो ही इस फिल्म को पचा पाएंगे।

रेटिंग 2.5 स्टार
कलाकार : आर्नोल्ड श्वार्जनेगर, जेसन क्लार्क, एमिला क्लार्क, जय कर्टनी, ली-ब्यंग- हु
निर्देशक: एलन टेलर
निर्माता: डेविड एलिसन, मेगन एलिसन

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें