हिट एंड रन केसः सलमान को बड़ा झटका, कमाल खान को गवाह के तौर पर बुलाने की याचिका खारिज
बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को अभिनेता सलमान खान द्वारा दायर उस आवेदन को खारिज कर दिया जिसमें अभियोजन पक्ष को उनके मित्र और गायक कमाल खान का परीक्षण करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। गौरतलब है...
बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को अभिनेता सलमान खान द्वारा दायर उस आवेदन को खारिज कर दिया जिसमें अभियोजन पक्ष को उनके मित्र और गायक कमाल खान का परीक्षण करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। गौरतलब है कि साल 2002 के हिट एंड रन मामले में सलमान को पांच साल के कारावास की सजा सुनाई गई है।
सलमान खान ने 16 नवंबर को न्यायमूर्ति ए आर जोशी के समक्ष एक याचिका दायर की थी जो दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ अभिनेता की अपील पर सुनवाई कर रहे हैं। यह सजा 2002 के हिट एंड रन मामले में उन्हें सत्र अदालत ने सुनाई थी।
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 391 के तहत उच्च न्यायालय की अपील पर सुनवाई के दौरान किसी गवाह को तलब कर सकता है अगर उसे लगता है कि अतिरिक्त साक्ष्य की आवश्यकता है।
न्यायमूर्ति जोशी ने हालांकि कमाल को तलब करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा, धारा 391 का सहारा सिर्फ विशेष मामलों में लिया जा सकता है जब परिस्थितियों के तहत इसकी जरूरत हो। मौजूदा मामले में ऐसा कुछ भी नहीं है कि अपीलकर्ता (सलमान) द्वारा दायर आवेदन पर विचार किया जाए और कमाल खान को तलब किया जाए।
न्यायमूर्ति जोशी ने कहा, इस बात को दर्शाने के लिए कुछ भी नहीं है लेकिन कमाल खान के ठोस साक्ष्य के लिए अपील में फैसला नहीं किया जा सकता। अगर कमाल खान के परीक्षण की गंभीर आवश्यकता नहीं है और अगर उपलब्ध साक्ष्य का विश्लेषण किया जा सकता है तो इस अदालत की सोची-समझी राय है कि धारा 391 का सहारा आखिरी जरूरत नहीं है।
अदालत ने इस तथ्य का भी संज्ञान लिया कि जब अभियोजन पक्ष ने सत्र अदालत से अपने सभी गवाहों के परीक्षण के दौरान कहा कि कमाल खान का पता नहीं लगाया जा सका है तो सलमान ने उस वक्त कोई कदम नहीं उठाया।
अदालत ने कहा, मुकदमे के आखिरी चरण में अपीलकर्ता (सलमान) ने बचाव पक्ष के गवाह के तौर पर अशोक सिंह को सत्र अदालत के समक्ष बुलाना चुना। हालांकि, कमाल खान को बचाव पक्ष के गवाह के तौर पर बुलाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
अभियोजन और बचाव पक्ष के अनुसार कमाल खान सितंबर 2002 की घटना के समय और उससे पहले कार में मौजूद था। वह अपना बयान दर्ज कराने के लिए मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष पेश नहीं हुआ। उसका बयान सिर्फ दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 161 के तहत 2002 में पुलिस के समक्ष दर्ज किया गया।
न्यायमूर्ति जोशी मंगलवार से सलमान द्वारा दायर अपील पर अभियोजन पक्ष की दलीलों पर सुनवाई जारी रखेंगे।
सलमान की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई ने अदालत द्वारा पारित आदेश की एक प्रति मांगी। उन्होंने संकेत दिया कि वे इस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में जाएंगे।
देसाई ने कहा था, क्यों अभियोजन पक्ष ने निचली अदालत में इस गवाह का परीक्षण नहीं किया था। कमाल खान अभियोजन के समक्ष सर्वश्रेष्ठ प्रत्यक्षदर्शी थे क्योंकि वह 28 सितंबर 2002 को सलमान की कार में मौजूद थे जब अभिनेता ने बांद्रा में एक दुकान को टक्कर मारी थी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए।
वकील ने कहा था कि कमाल इस बात पर प्रकाश डाल सकते हैं कि कौन कार चला रहा था। सलमान के वकील कह रहे हैं कि कार सलमान के चालक अशोक सिंह चला रहे थे।
अधिवक्ता देसाई ने कहा कि एक अन्य गवाह सलमान के पुलिस अंगरक्षक रवींद्र पाटिल की 2007 में मुकदमे के दौरान मौत हो गई। अभियोजन ने मजिस्ट्रेट के समक्ष उनके बयान पर भरोसा किया जिसमें सलमान को फंसाया गया था लेकिन बचाव पक्ष उनके साथ जिरह नहीं कर सका जिससे अभिनेता के साथ पक्षपात हुआ।
निचली अदालत ने छह मई को सलमान को गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराया था। अदालत ने पुलिस के मामले को सही ठहराया था कि सलमान नशे में धुत्त थे और कार चला रहे थे जब उपनगरीय बांद्रा में हादसा हुआ।