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कानपुर ने ली मतदान का रिकॉर्ड बनाने की शपथ

माहौल बूढ़े से बूढ़े व्यक्ति में जोश भर देता है। फिर बात भ्रष्टचार मुक्त देश के निर्माण के लिए योगदान करने की हो तो भला कोई पीछे क्यों रहने वाला? शनिवार को हिन्दुस्तान और जिला प्रशासन के ‘रन...

कानपुर ने ली मतदान का रिकॉर्ड बनाने की शपथ
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 19 Apr 2014 03:34 PM
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माहौल बूढ़े से बूढ़े व्यक्ति में जोश भर देता है। फिर बात भ्रष्टचार मुक्त देश के निर्माण के लिए योगदान करने की हो तो भला कोई पीछे क्यों रहने वाला? शनिवार को हिन्दुस्तान और जिला प्रशासन के ‘रन फॉर वोट’ कार्यक्रम के लिए नानाराव पार्क और ग्रीनपार्क स्टेडिडयम में जुटे हजारों बच्चों, बुजुर्गों और जवानों ने शहर के पिछले वोटिंग रिकॉर्ड को तोड़ने की शपथ ली।

इस दौड़ में हजारों की तादाद में आम नागरिक, व्यवसाई, उद्योगपति, डॉंक्टर, खिलाड़ी, अध्यापक, अध्यापिकाएं और छात्र-छात्राओं ने शिरकत की। नेक उद्देश्य के लिए यूपी के पहले टेस्ट प्लेयर गोपाल शर्मा, पूर्व यूपी कप्तान शशिकांत खंडकर तो दौड़े ही, 57 किलोमीटर दूर पतारा ब्लॉक प्राथमिक विद्यालय दहेली से अपनी तीन साल की बच्ची जस्विया को गोद में उठाए अध्यापिका फरजाना और हिना भी दौड़ीं। वेटरन एथलीट 72 वर्षीय सुरेन्द्र सिंह रैय्यत ने भी तेज कदमों से युवाओं का साथ देने का प्रयास किया। सबसे आगे दौड़ रहे थे आईजी, डीआईजी, डीएम, एडीएम सिटी, एडीएम वित्त, जिला विद्यालय निरीक्षके, बीएसए समेत तमाम प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी। दौड़ शहरियों को 30 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिए जगाने और लोकतंत्र में अपने वोट की ताकत का प्रयोग करने को प्रेरित करने के लिए थी। क्या आम और क्या खास, सभी दौड़े। जो नहीं दौड़ सकते थे, वे चलकर शपथ लेने ग्रीनपार्क तक पहुंचे। यह ऐलान था कि इस बार कानपुर मतदान का नया रिकॉर्ड कायम करने के लिए तैयार हो चुका है। 

वीआईपी रोड पर जनसैलाब
साढ़े सात बजते-बजते वीआईपी रोड पर ट्रैफिक की रफ्तार थम सी गई। अब इस रोड पर ग्रीनपार्क तक इंसान ही इंसान नजर आ रहे थे। हाथों में बैनर और जुबान पर भ्रष्टाचार को उखाड़ फेंकने के लिए वोट जरूर करने के नारों से पूरा इलाका गूंज रहा था। इस जनसैलाब को संख्या में आकना रिकार्ड के लिए भले ही महत्वपूर्ण हो लेकिन अहमियत उस जज्बे की है, जो हर हाल में पोलिंग बूथ तक पहुंचने की शपथ लेने के लिए दिखाया गया। वीआईपी रोड पर जनसमुद्र हिलोरे लेता नजर आ रहा था। भीड़ के पहले जत्थे को निकले डेढ़ घंटा बीत चुका था, लेकिन नानाराव पार्क से ग्रीनपार्क का कनेक्शन टूटने का नाम नहीं ले रहा था। 70 हजार से ज्यादा लोग वोट के लिए दौड़े। ये देश के वे प्रहरी थे जो वोट की चोट मारकर राजनीति की नई इबारत लिखने को तैयार हैं।photo1

मॉर्निंग वॉकर्स भी शामिल हुए
रोज फर्राटा भरने वाली वीआईपी रोड पर शनिवार सुबह साढ़े पांच बजे से ही हरकत कुछ बढ़ी हुई थी। नानाराव पार्क और फूलबाग में रोज आने वाले मॉर्निंग वॉकर्स को घर लौटने की जल्दी नहीं थी। मॉडल टाउन, सीएसए, मोतीझील और जेके मन्दिर में जाने वाले वॉकर्स भी सुबह नानाराव पार्क का रुख कर चुके थे। वहां से वे मतदान करने के अपने-अपने प्रण का साथ ग्रीनपार्क की ओर बढ़ लिए थे। रोज के वॉक के बाद ग्रीनपार्क तक सवा दो किलोमीटर आने और फिर इतना ही नानाराव पार्क तक लौटने की मेहनत कुछ अतिरिक्त थकावट वाली थी, पर इसकी फिक्र किसको थी।photo2

तुम्हारे पापा किसको वोट देंगे?
सुबह साढ़े सात बजे रन फॉर वोट के लिए जैसे ही आईजी एसके गुप्ता, डीआईजी आरके चतुर्वेदी, जिलाधिकारी डॉं. रोशन जैकब और एडीएम सिटी अविनाश सिंह, एडीएम वित्त शत्रुघन सिंह और आईएमए अध्यक्ष डॉं, आरतीलाल चंदानी ने मिल कर जैसे ही हरी झंडी दिखाई, विभिन्न स्कूलों से आए नन्हे मुन्नों ने सबसे पहले फर्राटा भरा। वे वोटर तो नहीं हैं, लेकिन उनको वोट का मतलब और उसकी ताकत का बखूबी अहसास है। हिन्दुस्तान की ओर से बंटी कैप पहनकर ‘रन फॉर वोट’ के लिए निकले बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों के आपसी संवाद से यह साफ नजर आया कि देशवासियों को अब अपने वोट की ताकत का अहसास है। ‘क्यों तुम्हारे पापा किसको वोट देंगे’ एक स्कूली छात्रा ने बैनर लेकर चल रही अपनी सहपाठी से पूछा, क्या जवाब मिला कानों तक पहुंच नहीं पाया। लेकिन इतना अहसास जरूर हो गया कि वे बच्चे भी देश की राजनीति को समझने का प्रयास कर रहे हैं, जिनको अभी वोट नहीं देना है। बाइक सवार एक राहगीर ने एक कल्याणपुर के प्राथमिक विद्यालय की छात्रा स्मिता पाल से जब कहा कि तुम्हारा तो अभी वोट ही नहीं है, तो तत्काल जवाब मिला कि हमारे मम्मी-पापा का तो है, हम उनकी तरफ से शपथ लेने आए हैं। वोट तो नहीं दे सकते, लेकिन इतना जरूर पता है कि वोट की ताकत क्या होती है।

खूब नारे भी लगाए
भ्रष्टाचार मुक्त भारत के निर्माण और देश के विकास व तरक्की के लिए वोट की अहमियत समझाने वाले नारे भी खूब लगाए गए। ये नारे स्कूलों के छात्र-छात्राएं और संस्थाएं अपने साथ तख्तियों व बैनरों में लिखकर लाए थे। ‘हर एक वोट है बड़ा महान, यह है अपने देश की शान।, युवा शक्ति के तीन काम, शिक्षा, सेवा और मतदान’, मतदान को जगाना है, वोट देने जाना है, वोट डालने जाना है, शशक्त कानून बनाना है, आंधी आए या तूफान, करना है हमको मतदान, जैसे कई नारे दो ढाई घंटे के कार्यक्रम के दौरान फिजां में गूजते रहे।

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