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सिर उठाते तालिबान

अफगानिस्तान दो मुश्किलों से जूझ रहा है। पहली मुश्किल तालिबान ने पैदा की और इस बारे में दुनिया जानती है। मगर बदकिस्मती से, दूसरी मुश्किल सदर के इंतिखाब में फर्जीवाड़े के इल्जाम के बाद पैदा हुई, जिसकी...

सिर उठाते तालिबान
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 30 Jul 2014 08:39 PM
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अफगानिस्तान दो मुश्किलों से जूझ रहा है। पहली मुश्किल तालिबान ने पैदा की और इस बारे में दुनिया जानती है। मगर बदकिस्मती से, दूसरी मुश्किल सदर के इंतिखाब में फर्जीवाड़े के इल्जाम के बाद पैदा हुई, जिसकी वजह खुद अफगान हुकूमत है। सदर के चुनाव पर मंडराता संकट काफी वक्त और सूझबूझ की मांग करता है, जबकि इन दोनों की सबसे ज्यादा जरूरत तालिबान से लोहा लेने के मोर्चे पर है। हालांकि, अफगान हुकूमत सदर के चुनाव से जुड़े विवाद को दूर करने में जुटी है। दूसरी तरफ, तालिबान इस मौके का फायदा उठाने की ओर है। जो रिपोर्टें आ रही हैं, उनके मुताबिक गए कुछ दिन बेहद खौफनाक रहे हैं। बताया जा रहा है कि तालिबान लड़ाकों ने कई अहम इलाकों में अपनी पैठ पुख्ता की है, कई जगहों पर दहशतगर्दी फैलाई है और इन सबमें जान-माल का अच्छा-खासा नुकसान हुआ है। ऐसे में, एक बार फिर अफगान सुरक्षा-बल की क्षमता पर सवाल उठा है। क्या जब अमेरिकी फौज अफगानिस्तान से चली जाएगी, तब अफगान सुरक्षा बल मुल्क की हिफाजत कर पाएगा? जाहिर है, ऐसे सवाल और ऐसी रिपोर्टें, दोनों सुरक्षा बलों का हौसला पस्त करते हैं और तालिबान का खौफ बढ़ाते हैं। तालिबान के नेता मुल्ला मुहम्मद उमर ने बीते जुम्मे को चेतावनी दी कि जंग और तेज होगी, क्योंकि द्विपक्षीय सुरक्षा संधि हजारों अमेरिकी फौजियों को इस साल के अंत के बाद भी अफगानिस्तान में टिके रहने की इजाजत देती है। उन्होंने सदर पद के दोनों उम्मीदवारों को इस करार पर दस्तखत करने से मना किया है। साफ है, तालिबान परंपरागत गढ़ों से आगे निकल चुके हैं और शहरों के आसपास की जगहों पर कब्जा जमा रहे हैं। इस तरह वह राजधानी को घेरने में कामयाब दिखाई देते हैं। उनकी बढ़ी ताकत काफी हद तक नजरअंदाज हो रही है, क्योंकि अमेरिकी जवान मैदान छोड़ चुके हैं और सरकारी अफसर इस पर चर्चा नहीं करते। जब अफगान सशस्त्र बल अमेरिकी फौज से प्रशिक्षण पा रहा था, तभी सदर के इंतिखाब का मसला अटका व हुकूमत को इस तरफ ध्यान देना पड़ा। हालात बताते हैं कि यह सब जारी रहा, तो इस मुल्क की दोनों मुश्किलें खत्म नहीं होंगी।  
द पेनिनसुला, कतर

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