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भारत-नेपाल संबंध

भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के तीन दिनी दौरे में नेपाली सियासी पार्टियों के शीर्ष नेताओं के साथ उनकी मुलाकातें चर्चा में रहीं। राष्ट्रपति राम बरन यादव, प्रधानमंत्री सुशील कोइराला और संविधान सभा...

भारत-नेपाल संबंध
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 29 Jul 2014 08:33 PM
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भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के तीन दिनी दौरे में नेपाली सियासी पार्टियों के शीर्ष नेताओं के साथ उनकी मुलाकातें चर्चा में रहीं। राष्ट्रपति राम बरन यादव, प्रधानमंत्री सुशील कोइराला और संविधान सभा के अध्यक्ष सुभाष नेमबांग से मुलाकात के बाद वह यूसीपीएन (माओ) के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल, मधेसी पार्टियों तथा सीपीएन-यूएमल के शीर्ष नेताओं से भी मिलीं। ये तमाम मुलाकातें नेपाल-भारत रिश्ते के लिहाज से सुखद कही जाएंगी। काठमांडू में सुषमा स्वराज की बैठकों ने महत्वपूर्ण सियासी संकेत दिए। यही नहीं, उन्होंने नेपाल-भारत संयुक्त आयोग की तीसरी बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भी किया। गौरतलब है कि यह एक उच्चस्तरीय मंच है, जिस पर द्विपक्षीय संबंधों का सारा दारोमदार है। इस संयुक्त आयोग की बैठक 23 साल के अंतराल पर हुई और इसमें कई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मुद्दे उठाए गए।

ऊर्जा क्षेत्र में तरक्की से हम विशेष तौर पर उत्साहित हुए हैं, काफी समय से यह मुद्दा परस्पर संदेह के कारण शिथिल पड़ा हुआ था। दोनों पक्षों ने नेपाल की पनबिजली क्षमता के इस्तेमाल के लिए ऊर्जा कारोबार संधि को अंतिम रूप देने पर सहमति जताई। अरुण तृतीय, अपर करनाली, अपर मारसेनग्दी और तामाकोशी द्वितीय जैसी पनबिजली परियोजनाओं पर भी बातचीत हुई। पंचेश्वर विकास प्राधिकरण के लिए विचारार्थ विषयों को अंतिम रूप देना और 400 केवी की ढालकेबार-मुजफ्फरपुर ट्रांसमिशन को लागू करना, ये दो स्वागत योग्य नतीजे सामने आए। भारतीय प्रधानमंत्री के आधिकारिक दौरे से पहले सुषमा स्वराज ने अपनी यात्रा से एक राजनीतिक जमीन तैयार कर दी है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन-चार अगस्त को नेपाल दौरे पर होंगे। आशा है कि क्षेत्रीय व उप-क्षेत्रीय पहलकदमियों में चीन की भूमिका को भारत जरूरत के हिसाब से बहुपक्षीय सहयोग के तौर पर लेगा। हालांकि, नेपाल-भारत संबंध में बहुत कुछ हमारी तत्परता व कूटनीति पर निर्भर होगा। अफसोस की बात है कि भारतीय विदेश मंत्री के दौरे के दौरान हमारे प्रधानमंत्री कार्यालय, विदेश व ऊर्जा मंत्रालय के बीच तालमेल की कमी दिखी।   
द काठमांडू पोस्ट, नेपाल

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