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विपक्ष का न होना

जब संसद में कोई विधेयक पेश होता है, तब सत्ताधारी दल और प्रमुख विपक्षी दल के बीच विधेयक से जुड़े प्रावधानों पर कई बार तीखी, मगर सार्थक बहस होती है, हमारी संसदीय प्रणाली ने इसके कई अच्छे नतीजे देखे...

विपक्ष का न होना
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 27 Aug 2014 10:01 PM
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जब संसद में कोई विधेयक पेश होता है, तब सत्ताधारी दल और प्रमुख विपक्षी दल के बीच विधेयक से जुड़े प्रावधानों पर कई बार तीखी, मगर सार्थक बहस होती है, हमारी संसदीय प्रणाली ने इसके कई अच्छे नतीजे देखे हैं। लेकिन 16वीं लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस को जिस कदर पराजय का सामना करना है, उससे उसे नेता विपक्ष की कुरसी नहीं मिली। हाल ही में लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि नेता विपक्ष के पद पर बैठने के लिए 55 संसद सदस्य अनिवार्य हैं, लेकिन कांग्रेस 44 लोकसभा सदस्य ही संसद में ला सकी। मात्र 10 कदम दूर होने के कारण उसको विपक्ष का दर्जा नहीं मिल सका। अब प्रश्न उठता है कि राजग भारी बहुमत से लोकसभा में है, परंतु बिना विपक्ष के उसको अपनी खामियों का पता नहीं चल रहा। इसलिए कांग्रेस को मुख्य विपक्षी दल का दर्जा देना चाहिए, ताकि संसद में पेश होने वाले विधेयकों के विषय में उसे अपना विरोध दर्ज कराने का या सरकार द्वारा बनाए जाने वाले कानून का समर्थन और विरोध करने का सही मंच मिल सके।
शरदचंद्र झा
दिल्ली विश्वविद्यालय
नए दौर की योजना
अपनी चुनावी घोषणाओं में ‘डिजिटल इंडिया’ का नारा देने वाले प्रधानमंत्री ने बीते दिनों कैबिनेट की बैठक में डिजिटलाइजेशन योजना को हरी झंडी दे दी है। इस प्रकार डिजिटल इंडिया के सपने के जल्द ही साकार होने के आसार को बल मिला है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य दूरवर्ती इलाकों को सूचना-तकनीक से जोड़ना और उसका लाभ वहां के जन-जन तक पहुंचाना है। इसके जरिये सुशासन, बेहतर नागरिक सेवाओं, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के लाभ देश के हरेक तबके के लोगों तक पहुंचाए जाएंगे। इस योजना की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसकी निगरानी समिति की अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इसके माध्यम से दूर-दराज के गांवों को ब्रॉड बैंड से जोड़ा जाएगा, ताकि वहां के लोगों को भी इंटरनेट की सुविधा सहज उपलब्ध कराई जा सके। इससे सरकारी कामकाजों में पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा। इसके अलावा, डिजिटलाइजेशन से शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी, युवाओं को दूरस्थ शिक्षा का लाभ मिलेगा, समय और राशि की बचत होगी तथा गरीबों को भी मोबाइल और ई-बैंकिंग सेवाओं का लाभ मिल सकेगा।
राकेश रंजन
गौतम नगर, नई दिल्ली
प्रजातंत्र में प्रधानमंत्री
प्रजातंत्र में प्रधानमंत्री हेडमास्टर की भांति होता है। मुख्यमंत्री अपने-अपने राज्य के अध्यापक होते हैं। जब हेडमास्टर कक्षाओं के निरीक्षण पर जाते हैं और देखते हैं कि मुख्यमंत्री की कक्षा में विद्यार्थी शोर मचा रहे हैं और राज्य के अध्यापक उन पर नियंत्रण नहीं बना पा रहे, तो हेडमास्टर बच्चाों को शांत करते हैं। केंद्र या राज्य के सरकारी समारोह किसी राजनीतिक दल के न होकर राजकीय कार्यक्रम होते हैं। उन पर व्यय भी सरकार की ओर से होता है। हाल ही में प्रधानमंत्री के हरियाणा व झारखंड दौरे में जनता ने वहां के मुख्यमंत्रियों की हूटिंग की तथा उनको बोलने नहीं दिया। वहां की जनता का व्यवहार अशोभनीय था और उससे अशोभनीय था प्रधानमंत्री का शांत रहना। जनता प्रधानमंत्री के विचार जरूर सुने,पर राज्य के मुख्यमंत्री को बोलने न देना, यह कैसी परंपरा है?
ब्रजमोहन, पश्चिम विहार, नई दिल्ली
अनंत में विलीन
एक बड़ा रचनाकार वह होता है, जिसकी ख्याति उसके कद और उसके क्षेत्र से कहीं अधिक बड़ी होती है। यह ख्याति जितनी फैलती जाती है, वह व्यक्ति उतना ही बड़ा रचनाकार बनता जाता है। अगर आधुनिक भारत के कुछ ऐसे बड़े रचनाकारों की चर्चा करें, जिनकी ख्याति दुनिया भर में थी, तो उनमें एक यू आर अनंतमूर्ति का नाम भी शामिल है। बीते दिनों उनका निधन हो गया। उनका जाना भारतीय साहित्य जगत के लिए बड़ी क्षति है।
सुशील कुमार, मायापुरी, दिल्ली

यूरोप में महायुद्ध छिड़ गया?

खबर है कि एक कानफ्रेंस में, जिसे इस साल की सबसे महत्वपूर्ण कानफ्रेंस  कहा जाता है और जिसमें हर हिटलर और उसके मंत्री व फौजी अधिकारी शामिल थे, पोलैंड के बारे में निर्णय हो गया है, यद्यपि अभी यह पता नहीं कि निश्चित रूप से वह निर्णय क्या है। अन्य देशों की राजधानियों से बराबर इस तरह की खबरें आ रही हैं कि महायुद्ध की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। वारसा (पोलैंड) में सैनिक लोग अपने कुटुम्बियों से विदा ले रहे हैं। इटली में मुसोलिनी ने वहां के सेनाधिकारियों की कानफ्रेंस की है। ब्रिटिश परराष्ट्र-विभाग के दफ्तर ने अंग्रेजों को इस बात की चेतावनी दी है कि वे विदेशों में न जाएं। मास्को की खबर है कि ब्रिटिश और फ्रेंच सैनिक अधिकारियों ने रूस से चल देने का निश्चय कर लिया था, लेकिन अब फिर कुछ समय ठहरने का निश्चय किया है। जर्मनी और पोलैंड की सीमा वाले नगरों से ‘दुर्घटनाओं’ की खबरें आ रही हैं। एक जगह तो दो जर्मन बमवर्षकों को पोलिस ‘फाइटर’ वायुयानों ने नीचे उतरने के लिए बाध्य कर दिया। हर हिटलर, हर वान रिव्बनट्राप और मार्शल गोरिंग कल शाम के 7 बजे से मंत्रणा कर रहे हैं। ऐसा खयाल किया जाता है कि विविध सेनाधिकारी भी इस मंत्रणा में शामिल हैं।

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