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पाक समर्थित आतंक पर नकेल कसने में मददगार ओबामा यात्रा

अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा की सफल यात्रा से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को पाक समर्थित आतंकवाद पर नकेल का भरोसा बढ़ा है। भारत में सुरक्षा मामलों के जानकार भी मान रहे हैं कि भारत और अमेरिका जितना...

पाक समर्थित आतंक पर नकेल कसने में मददगार ओबामा यात्रा
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 26 Jan 2015 10:23 PM
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अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा की सफल यात्रा से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को पाक समर्थित आतंकवाद पर नकेल का भरोसा बढ़ा है। भारत में सुरक्षा मामलों के जानकार भी मान रहे हैं कि भारत और अमेरिका जितना करीब आएंगे, पाकिस्तान पर भारत में आतंकवाद नहीं परोसने का दबाव बढ़ेगा। इसकी सही दिशा ओबामा की यात्रा से तय हो गई है।

आतंक के खिलाफ बढ़ेगी साझेदारी :  सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञों का कहना है कि आतंकवाद को समाप्त करने के लिए भारत का अकेला प्रयास कारगर नहीं हो पाता, क्योंकि पाकिस्तान में अमेरिका और चीन जैसे देशों का हित शामिल रहता है। लेकिन ओबामा के ताजा दौरे के बाद भारत और अमेरिका के बीच आतंकवाद के खिलाफ साझेदारी बढ़ेगी। पाकिस्तान अपने यहां सक्रिय कट्टर आतंकी गुटों पर भले ही तुरंत कार्रवाई करने से हिचक रहा है। लेकिन ऐसे गुटों की सक्रियता पर लगाम उसे देर सबेर कसनी ही पड़ेगी।

दबाव बढ़ाना अमेरिका के हित में  : सुरक्षा मामलों के जानकार कमल मित्रा चिनॉय ने कहा निश्चित रूप से ओबामा की यात्रा से पाकिस्तान पर दबाव बढ़ेगा। उनके मुताबिक भारत और अमेरिका के बीच व्यापार बढ़ने की उम्मीद है। भारत ने सालों से अटके पड़े परमाणु करार को अमलीजामा पहनाने के लिए समझौता कर लिया है। परमाणु ऊर्जा के लिए भारत बड़ा बाजार है। रक्षा समझौते की दिशा में दोनों देशों ने मजबूती से कदम आगे बढ़ाए हैं। दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी भी आने वाले दिनों में बढ़ेगी। ऐसे में अमेरिका नहीं चाहेगा कि भारतीय उपमहाद्वीप में अशांति से उसके हितों पर प्रतिकूल असर पड़े।

घेरेबंदी की रणनीति : विशेषज्ञों के मुताबिक अमेरिका,ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ भारत से भी रणनीतिक साझेदारी बढ़ाकर चीन की घेरेबंदी मजबूत करने का प्रयास कर रहा है। चिनॉय ने कहा कि यह चिंता चीन में भी है। उनमें घबराहट नजर आ रही है। नई साझेदारी के लिए अमेरिका को पाकिस्तान को मजबूर करना होगा कि वह भारत विरोधी गतिविधियों के लिए आतंकी गुटों को पनाह नहीं दे। विशेषज्ञ मानते हैं कि चीन में भी आतंक से जुड़ी कुछ गतिविधियों ने उनको मजबूर किया है कि वे सोचें कि पाकिस्तान में तालिबान या अलकायदा का मजबूत होना ठीक नहीं है।

पाकिस्तान पर होगी सबकी नजर : सुरक्षा एजेंसी से जुड़े सूत्रों ने कहा, बदलते हुए माहौल में पाकिस्तान पर सबकी नजर होगी। उसने अमेरिका से मदद के बदले वादा किया है कि वह आतंकी गुटों में बिना भेदभाव किए कार्रवाई करेगा। दूसरी ओर अफगानिस्तान को लेकर भी अमेरिका की अपनी चिंताए हैं। लिहाजा पाकिस्तान को आने वाले दिनों में कई परीक्षा से गुजरना होगा।

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