कश्मीर में पीडीपी-भाजपा की नयी सरकार ने सत्ता संभाली
पीडीपी नेता मुफ्ती मोहम्मद सईद की अगुवाई में जम्मू-कश्मीर में नयी गठबंधन सरकार ने रविवार को सत्ता संभाली। राज्य की सरकार में पहली बार भाजपा शामिल हुई है जिसने अपने पुराने रख से हटते हुए अनुच्छेद 370...
पीडीपी नेता मुफ्ती मोहम्मद सईद की अगुवाई में जम्मू-कश्मीर में नयी गठबंधन सरकार ने रविवार को सत्ता संभाली। राज्य की सरकार में पहली बार भाजपा शामिल हुई है जिसने अपने पुराने रख से हटते हुए अनुच्छेद 370 पर यथास्थिति बनाये रखने का वायदा किया है।
राज्य में नयी सरकार बनने के साथ 49 दिन के राज्यपाल शासन का समापन हुआ। आज राज्यपाल एन एन वोहरा ने सईद के साथ उनकी सरकार के 25 मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। अलगाववादी से सक्रिय राजनीति में आये सज्जाद लोन ने भाजपा कोटे से कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली।
शपथग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शरीक हुए। उन्होंने सईद और उनकी नयी टीम को बधाई देते हुए कहा कि पीडीपी-भाजपा सरकार ने जम्मू कश्मीर की जनता को आकांक्षाएं पूरी करने तथा राज्य को प्रगति की नयी ऊंचाइयों पर ले जाने का ऐतिहासिक अवसर दिया है।
समारोह में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी महासचिव राम माधव ने भाग लिया।
भाजपा के निर्मल सिंह राज्य के नये उप मुख्यमंत्री होंगे। सईद के बाद दूसरे नंबर पर उन्होंने शपथ ली। कुल मिलाकर पीडीपी से सईद समेत 13 और भाजपा तथा पीपुल्स कांफ्रेंस गठजोड़ के 12 विधायकों को मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गयी।
नेशनल कांफ्रेंस के साथ कांग्रेस के अनेक नेताओं और विधायकों ने शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया। हालांकि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सैफुद्दीन सोज ने जम्मू विश्वविद्यालय के जोरावर सभागार में आयोजित समारोह में भाग लिया।
सईद और सिंह ने समारोह के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने वहां 16 पन्नों का एजेंडा ऑफ दल अलायंस जारी किया जिसमें दोनों दलों ने अनुच्छेद 370 पर यथास्थिति बनाये रखने की सहमति जताई है। इसमें कहा गया है, विशेष दर्जा समेत सभी संवैधानिक प्रावधानों पर यथास्थिति बनाये रखी जाएगी।
हालांकि भाजपा के राष्ट्रीय एजेंडे में इस अनुच्छेद को समाप्त करने की बात है। गठबंधन सरकार के एजेंडा दस्तावेज के अनुसार, पीडीपी और भाजपा ने सहमति और एजेंडा के आधार पर गठबंधन में सरकार बनाई है। यह एजेंडा जम्मू कश्मीर पर राष्ट्रीय सुलह बनाने की दिशा में प्रयास है।
पीडीपी-भाजपा सरकार ने आफ्सपा के संदर्भ में अशांत इलाकों को गैरअधिसूचित करने की जरूरत पर विचार करने का वायदा किया है, लेकिन एजेंडा में इस विवादस्पद कानून को हटाने के संबंध में कोई समयसीमा नहीं बताई गयी है।
पीडीपी ने अपने चुनावी घोषणापत्र में अशांत क्षेत्रों की अधिसूचना से जुड़े मुद्दों पर नये सिरे से अध्ययन की बात कही थी ताकि आफ्स्पा को वापस लेने का रास्ता साफ हो सके, हालांकि भाजपा इस तरह के कदम के खिलाफ रही है।
जब सईद से संवाददाता सम्मेलन में पूछा गया कि क्या वह आफ्स्पा हटाने पर किसी तरह की सहमति नहीं होने पर असंतुष्ट हैं तो उन्होंने कहा कि मैं निराश नहीं हूं। मुख्यमंत्री के रूप में मैं यूनाइटेड कमांड का अध्यक्ष हूं। मैं उन्हें जवाबदेह बनाऊंगा। मुझे मालूम है कैसे माहौल को बनाना है।