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विपक्षी दलों के हमलों के बीच मुख्यमंत्री सईद अपने बयान पर कायम

जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण ढंग से विधानसभा चुनाव संपन्न कराने का श्रेय पाकिस्तान, आतंकियों और हुर्रियत को देकर विवाद को जन्म देने वाले राज्य के नवनियुक्त मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने कहा है कि...

विपक्षी दलों के हमलों के बीच मुख्यमंत्री सईद अपने बयान पर कायम
एजेंसीMon, 02 Mar 2015 07:58 PM
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जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण ढंग से विधानसभा चुनाव संपन्न कराने का श्रेय पाकिस्तान, आतंकियों और हुर्रियत को देकर विवाद को जन्म देने वाले राज्य के नवनियुक्त मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने कहा है कि वह अपने बयान पर कायम हैं। हालांकि कांग्रेस और नेशनल कान्फ्रेंस सईद के बयान को जनता का अपमान बताते हुए उनसे माफी की मांग की है।

सईद की पार्टी पीडीपी की अध्यक्ष और उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती ने भी कहा है कि उनके पिता ने जो कुछ भी कहा है, वे उस पर कायम हैं। सोमवार को एक टीवी चैनल से बातचीत में महबूबा ने कहा, ‘लोकसभा चुनाव की तुलना में विधानसभा चुनाव के दौरान कम हिंसा हुई। सेना पिछले चुनाव में भी थी लेकिन तब ज्यादा हिंसा हुई थी। हमें शांति प्रक्रिया में पाकिस्तान और हुर्रियत को भी शामिल करना चाहिए। अगर अलगाववादी और आतंकी हिंसा के रास्ते से पीछे हट रहे हैं तो हमें उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए।’

महबूबा ने कहा कि हमने चुनाव में जोशोखरोश दिखाने वाली जनता से श्रेय नहीं छीना है। लेकिन, उनके पिता युद्ध उन्मादी नहीं हैं और उनसे पाकिस्तान पर बमबारी करने वाले बयान देने की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। महबूबा ने कहा कि इस मसले पर भाजपा से कोई बातचीत नहीं हुई थी। मीडिया ने उनके बयान को तिल का ताडम् बना दिया क्योंकि वे कश्मीर को नहीं समझते हैं।

नेकां और कांग्रेस ने कहा, माफी मांगे सीएम
जम्मू-कश्मीर में विपक्षी दल कांग्रेस और नेकां ने सईद के बयान को राज्य की जनता का अपमान करार देते हुए उनसे माफी मांगने की मांग की है। बांदीपोरा से कांग्रेस विधायक उस्मान माजिद ने सोमवार को कहा कि आतंकियों ने निर्वाचित सरपंचों की हत्या की और सेना पर हमलाकर मतदाताओं में भय का माहौल बनाने की कोशिश की। ऐसे में सईद का शांतिपूर्ण चुनाव के लिए आतंकियों को श्रेय देना जनता का अपमान है। नेकां के विधायक मोहम्मद अकबर लोन ने कहा कि आतंकवादियों ने चुनावों में गड़बड़ी करने का हरसंभव प्रयास किया और हुर्रियत ने घाटी में चुनाव विरोधी अभियान चलाया। लेकिन जनता ने बहिष्कार की अपील को ठुकराकर भारी मतदान किया। ऐसे में मुख्यमंत्री को जनता से माफी मांगनी चाहिए।

मुफ्ती मोहम्मद सईद को गठबंधन धर्म सीखना चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तब हम एक बार फिर बिना उनकी मदद के कश्मीर की सुरक्षा के लिए हिचकेंगे नहीं।
 -सुब्रमण्यम स्वामी, भाजपा नेता


  भाजपा और पीडीपी दोनों की विचारधारा और नीति अलग है। सरकार बनाने के बाद दोनों ने अलग-अलग विचार देना शुरू कर दिया है। मुङो नहीं लगता है कि यह सरकार लंबे समय तक चलेगी।
- मायावती, बसपा प्रमुख

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