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मोदी का चला जादू, पहली तिमाही 5.7% विकास दर

भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जादू चल गया है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में खनन विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों के प्रदर्शन में सुधार होने से आर्थिक विकास दर उम्मीद से अधिक...

मोदी का चला जादू, पहली तिमाही 5.7% विकास दर
एजेंसीSat, 30 Aug 2014 08:19 AM
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भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जादू चल गया है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में खनन विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों के प्रदर्शन में सुधार होने से आर्थिक विकास दर उम्मीद से अधिक बढ़कर ढाई वर्ष के उच्चतम स्तर 5.7 प्रतिशत पर पहुंच गयी। 
       
सरकारी बयान के अनुसार पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह दर 4.7 प्रतिशत रही थी। चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-जून तिमाही में अर्थव्यवस्था में महती भूमिका निभाने वाले विनिर्माण क्षेत्र का प्रदर्शन बेहतर रहा है। इस दौरान विनिर्माण क्षेत्र 3.5 प्रतिशत की दर से बढ़ा जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 1.2 प्रतिशत रिणात्मक रहा था। निर्माण क्षेत्र 4.8 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। हालांकि कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के 4.0 प्रतिशत से घटकर 3.8 प्रतिशत पर आ गयी है। बिजली गैस और जलापूर्ति क्षेत्र की विकास दर 10.2 प्रतिशत रही जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 3.8 प्रतिशत रही थी। इस दौरान वित्त बीमा रियल एस्टेट और कारोबारी सेवा क्षेत्र की विकास दर भी 10.4 प्रतिशत रही है। सामुदायिक  सामाजिक एवं व्यक्तिगत सेवाओं की वृद्धि दर 9.1 प्रतिशत रही है। 
       
केन्द्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में निर्णायक और स्थिर सरकार बनने से अर्थव्यवस्था को गति मिली है। पिछले दो वित्त वर्ष में लगातार विकास दर पांच प्रतिशत से नीचे बनी हुई थी लेकिन पहली तिमाही में हुई वृद्धि से अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे दिन आ गये हैं। 
     
उद्योग संगठनों ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास दर के ढाई साल के उच्चतम स्तर 5.7 प्रतिशत पर पहुंचने पर संजोष जताते हुये इसे उम्मीद से बेहतर बताया है तथा कहा है कि सरकार को इसमें और तेजी लाने के लिए आर्थिक सुधारों के रास्ते पर आगे बढ़ते रहना चाहिये।

एसोचैम ने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में सुधार की और गुंजाइश है। साथ ही खनन तथा सेवा क्षेत्र में होटल और परिवहन में भी अभी और सुधार अपेक्षित है। उसका कहना है कि कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी कमी के कारण अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ेगी जिससे यह और मजबूत होगी।
       
भारतीय उद्योग एवं वाणिज्य महासंघ (फिक्की) ने इस गति को बरकरार रखने की आवश्यकता जताते हुये कहा कि जनवरी-मार्च की तिमाही में 4.6 प्रतिशत विकास दर के बाद अप्रैल-जून की तिमाही में इसके 5.7 प्रतिशत पर पहुंचने का वह स्वागत करता है। उसने कहा कि पिछले कुछ महीनों के दौरान आर्थिक धारणा में सुधार हुआ है। फिक्की ने कहा कि उसे विश्वास है कि नयी सरकार द्वारा उठाये गये विभिन्न सकारात्मक कदमों से पूरे वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक विकास का रुख कायम रहेगा।
       
फिक्की ने विनिर्माण क्षेत्र में दो लगातार तिमाहियों में नकारात्मक विकास के बाद 3.5 प्रतिशत की वृद्धि को राहत देने वाला बताया। उसने कहा कि निवेश में हो रही बढ़ोतरी को और आगे ले जाने की जरूरत है। उसने सरकार द्वारा की गयी कुछ घोषाणाओं को और मजबूत किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया। फिक्की ने कहा कि प्रधानमंत्री का 'मेक इन इंडिया' का सपना जरूरी नीति के साथ लागू कर भारत को विनिर्माण केंद्र बनाया जा सकता है।

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