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सब्सिडी का फायदा गरीबों से अधिक अमीरों को

सरकार की तरफ से खाद्यान्न, रसोई गैस, बिजली और पानी पर दी जाने वाली सब्सिडी का फायदा जरूरतमंदों के बजाए अमीरों को होता है। सरकार ने वर्ष 2014-15 में विभिन्न सब्सिडी पर 3.77 लाख करोड़ रुपए खर्च किए है।...

सब्सिडी का फायदा गरीबों से अधिक अमीरों को
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 27 Feb 2015 08:02 PM
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सरकार की तरफ से खाद्यान्न, रसोई गैस, बिजली और पानी पर दी जाने वाली सब्सिडी का फायदा जरूरतमंदों के बजाए अमीरों को होता है। सरकार ने वर्ष 2014-15 में विभिन्न सब्सिडी पर 3.77 लाख करोड़ रुपए खर्च किए है। पर इनमें से कुछ हिस्सा ही जरूरतमंदों तक पहुंचा है।

केंद्र सरकार ने 2014-15 की आर्थिक समीक्षा पेश करते हुए कहा है कि खाद्यान्न सब्सिडी पर सरकार ने 1,29 हजार करोड़ रुपए खर्च किए है। पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत आवंटित 54 फीसदी गेहूं, 46 प्रतिशत चीनी और 15 फीसदी चावल की कालाबाजारी होती है।

सरकार ने उर्वरक सब्सिडी पर करीब 74 हजार करोड़ रुपए खर्च किए। इस सब्सिडी का लाभ किसानों से ज्यादा यूरिया, पीएंडके (फास्‍फोरस और पोटाश) बनाने वाली कंपनियों को ज्यादा हुआ है। सरकार ने रसोई गैस पर डीबीटीएल योजना शुरू की है। सबसे कमजोर पचास फीसदी परिवार सिर्फ 25 प्रतिशत ही रसोई गैस की खपत करते हैं। यह स्थिति रेलवे की भी है।

रेल में सब्सिडी युक्त किराए पर सरकार ने लगभग 51 हजार करोड़ रुपए है, लेकिन नीचे के 80 फीसदी परिवार की कुल यात्री किराए में सिर्फ 28.1 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। बिजली बिल पर दी जाने वाली सब्सिडी का फायदा सिर्फ 67.3 प्रतिशत परिवारों को ही मिल पाता है।

मिट्टी के तेल पर सरकार की तरफ से मिलने वाली सब्सिडी का लाभ भी गरीब के बजाए अमीरों को ज्यादा होता है। वहीं, पानी के लिए आवंटित सब्सिडी का 85 प्रतिशत हिस्सा सब्सिडी वाले निजी नलों पर खर्च किया जाता है। जबकि 60 फीसदी गरीब परिवार सरकारी नलों से पानी भरते हैं।

सरकार ज्यादा से ज्यादा योजनाओं को नकद हस्तांतरण के दायरे में लाने की तैयारी कर रही है। केंद्रीय उवर्रक मंत्री अनंत कुमार ऐलान कर चुके  है कि वह खाद सब्सिडी को सीधे किसानों के खाते में जमा करने की योजना पर विचार कर रहे हैं। खाद्य मंत्रालय भी इस दिशा में बढ़ रहा है।

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