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जूलियन से झमाझम बारिश, फिर भी उत्तर पश्चिम भारत में पड़ेगा सूखा

अरब सागर में मैडन-जूलियन कंपन (एमजेओ) फैक्टर होने के कारण ही जून माह में देशभर में सामान्य से 16 फीसदी ज्यादा बारिश हुई। इसी कारण अब देश का बहुत बड़ा हिस्सा सूखे की चपेट में नहीं आएगा। हालांकि अल-नीनो...

जूलियन से झमाझम बारिश, फिर भी उत्तर पश्चिम भारत में पड़ेगा सूखा
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 04 Jul 2015 09:56 AM
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अरब सागर में मैडन-जूलियन कंपन (एमजेओ) फैक्टर होने के कारण ही जून माह में देशभर में सामान्य से 16 फीसदी ज्यादा बारिश हुई। इसी कारण अब देश का बहुत बड़ा हिस्सा सूखे की चपेट में नहीं आएगा। हालांकि अल-नीनो के कारण उत्तरपश्चिम भारत और पाकिस्तान में जुलाई-अगस्त में कम बारिश से सूखे का खतरा बरकरार है। यह बात अमेरिका की निजी वैश्विक मौसम एजेंसी एक्यूवेदर ने कही है। ऐसा ही कुछ भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) का भी कहना है। लेकिन देश की निजी मौसम कंपनी स्काईमैट का पूर्वानुमान मानसून की सामान्य वर्षा का है।

जूलियन से जून में झमाझम

एक्यूवेदर के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी जैसन निकोल्स के मुताबिक जून में मैडन-जूलियन आसलैशन (एमजेओ) के कारण जून में मानसून भरपूर बरसा। लेकिन जून के अंत में एमजेओ हिन्द महासागर के पूर्वी हिस्से में चला गया। इसका अब शरद ऋतु से पहले लौटना नामुमकिन है। एमजेओ एक ऐसा कारक है जो भूमध्यरेखीय क्षेत्रों में पश्चिम-पूर्व में आता-जाता रहता है।

जून ने किया सूखे का दायरा कम

एक्यूवेदर कंपनी के मौसम विज्ञानी एरिक लीस्टर ने कहा कि एमजेओ के कारण जून में हुई भरपूर बरसात जुलाई-अगस्त में संभावित कम वर्षा के आंकड़ों को संतुलित कर देगी। इसी कारण बड़े भूभाग में सूखा नहीं पड़ेगा। लीस्टर के मुताबिक अल-नीनो और सोमालिया से अरब सागर तक औसत से कम जल तापमान जुलाई-अगस्त में मानसून के आगमन को धीमा कर देगा।

कमजोर मानसून से भूटान-तिब्बत में भरपूर पानी

अल नीनो से भारत में भले ही मानसून कमजोर रहे पर यह भूटान, दक्षिणी तिब्बत, लाओस और वियतनाम के उत्तरी हिस्सों, दक्षिण-मध्य चीन को सराबोर कर देगा। मौसम विज्ञानी निकोलस का कहना है कि नई स्थितियों में मध्य भारत में मप्र से लेकर ओडिशा तक पहले के अनुमान के मुकाबले ज्यादा बरसात होगी। इन इलाकोंमें कुछ और तूफान आएंगे। निकोलस के मुताबिक भारतीय क्षेत्र में गर्मी या शरद तक एक और पल्स विकसित होगी। इससे पानी बरसेगा लेकिन इससे उत्तरपश्चिम भारत-पाक में सूखा खत्म नहीं हो पाएगा।

आईएमडी बनाम स्काईमेट बनाम एक्यूवेदर

जून में जारी मानसून अनुमान में आईएमडी और एक्यूवेदर ने देश में सूखा पड़ने की भविष्यवाणी की। लेकिन स्काईमैट अपने पहले के अनुमान पर टिका रहा।

आईएमडी ने ताजा अनुमान में अल-नीनो की स्थिति, द्वध्रुव की नकरात्मकता के कारण जुलाई-अगस्त में सामान्य से आठ से 10 प्रतिशत कम वर्षा की भविष्यवाणी की।

एक्यूवेदर ने जून अंत में कहा कि एमजेओ के खिसकने, अल-नीनो की मजबूती और द्विध्रुव के सकारात्मक न होने से उत्तर-पश्चिम भारत में सूखा पड़ेगा। हालांकि जुलाई में उसने कहा कि जून की भरपूर वर्षा के कारण सूखे का क्षेत्र थोड़ा कम हो जाएगा।

स्काईमैट अप्रैल की 104 प्रतिशत बारिश की भविष्यवाणी पर अभी भी अडिग है। उसने जुलाई में उत्तर, मध्य, पश्चिम और पूर्व भारत में सामान्य वर्षा की बात कही है। कंपनी ने कहा है कि जूलियन कंपन लौटेगा। यह जुलाई के दूसरे पखवाड़े में भरपूर बारिश कराएगा।

जुलाई में भारी मानसून बारिश की तीन दौर की तारीखें भी स्काईमैट ने बताई हैं। ये हैं 6 से 8, 14 से 17, 23 से 26। उसने 31 जुलाई से 2 अगस्त का भी एक दौर घोषित किया है।

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