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पूर्व सांसद धनंजय सिंह दुष्कर्म के आरोप से मुक्त

उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता और बसपा के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को अदालत ने दुष्कर्म और पीड़िता को जान से मारने की धमकी देने के आरोपों से बरी कर दिया है। अदालत ने यह फैसला पीड़ित महिला द्वारा अपने...

पूर्व सांसद धनंजय सिंह दुष्कर्म के आरोप से मुक्त
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 19 Dec 2014 06:54 PM
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उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता और बसपा के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को अदालत ने दुष्कर्म और पीड़िता को जान से मारने की धमकी देने के आरोपों से बरी कर दिया है। अदालत ने यह फैसला पीड़ित महिला द्वारा अपने बयान से मुकर जाने के बाद दिया है। पूर्व सांसद सिंह पर चार साल तक रेलवे के महिला कर्मचारी से दुष्कर्म करने का आरोप था।

कड़कड़डूमा स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सरिता बीरबल ने पीड़िता के बयान के बाद उत्तर प्रदेश के जौनपुर से पूर्व सांसद धनंजय सिंह को दुष्कर्म व जान से मारने की धमकी देने के आरोप से बरी कर दिया। अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि 42 वर्षीय पीड़िता ने अपने बयान में कहा है कि आरोपी सिंह ने न तो उसे धमकी दी है और न ही उसका यौन उत्पीड़न किया है। अदालत ने पीड़िता की गवाही के बाद फैसला सुनाने के लिए शुक्रवार की तारीख मुकर्रर की थी। पीड़ित महिला ने पुलिस और मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए बयान से अदालत में मुकर गई। महिला ने पुलिस और मजिस्ट्रेट के समक्ष अपने बयान में कहा था कि पूर्व सांसद सिंह ने लगभग चार सालों तक उससे दुष्कर्म किया और उसे जान से मारने की धमकी दी। पूर्व सांसद सिंह इस मामले में जमानत पर हैं। अदालत में उनकी ओर से अधिवक्ता एस.पी. एम. त्रिपाठी पेश हुए।

सूत्रों के अनुसार महिला ने इसी साल अप्रैल में गवाही देते हुए कहा था कि सिंह ने उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचाया और ना ही उससे दुष्कर्म नहीं किया।

दिल्ली पुलिस ने अदालत में दाखिल आरोपपत्र में कहा था कि कि पूर्व सांसद ने पीड़ित महिला के साथ जुलाई 2005 से मार्च 2009 के बीच कई बार दुष्कर्म किया। पुलिस ने कहा था कि सिंह ने महिला से दुष्कर्म किया और धमकी दी कि यदि उसने इस बारे में किसी को बताया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

अदालत में गवाही के दौरान पीड़िता ने बताया कि उसने पूर्व सांसद के खिलाफ इसलिए शिकायत दर्ज कराई थी, क्योंकि वह उसके वैवाहिक जीवन में दखल करते थे। महिला ने अदालत को बताया कि उसके पति ने उसे वर्ष 2009 में तलाक का नोटिस भेजा था, इसलिए वह परेशान थी। उसने यह कहा कि सिंह के खिलाफ कोई बयान नहीं देना चाहती थी और उसने मजिस्ट्रेट के समक्ष अपने रिश्तेदारों के दवाब में आकर बयान किया था। यह मामला पिछले साल नवंबर में तब दर्ज की गई जब सिंह और उनकी पत्नी जागृति सिंह को उनकी नौकरानी की हत्या मामले में गिरफ्तार किया था।

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