कैंसर से बचाव पर जोर देगी सरकार
आने वाले दशक में देश में कैंसर के मामलों में तेज वृद्धि होने की संभावना है, जिसे देखते हुए नरेंद्र मोदी की सरकार पूरे देश में वृहद कैंसर जांच अभियान की शुरुआत करने के साथ-साथ देश के लगभग हर हिस्से...
आने वाले दशक में देश में कैंसर के मामलों में तेज वृद्धि होने की संभावना है, जिसे देखते हुए नरेंद्र मोदी की सरकार पूरे देश में वृहद कैंसर जांच अभियान की शुरुआत करने के साथ-साथ देश के लगभग हर हिस्से में अत्याधुनिक कैंसर संस्थान सीरीज स्थापित करने की योजना बना रही है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में हर साल 28 लाख कैंसर रोगी मिलते हैं, तथा हर वर्ष कैंसर के 11 लाख नए मामले सामने आते हैं। जिसमें से हर साल तकरीबन पांच लाख लोगों की मौत हो जाती है।
स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव अंशु प्रकाश ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘अगर इसमें कमी लानी है तो इस बीमारी से बचाव और शुरुआती चरण में ही जल्द से जल्द इसकी पहचान करना ही एकमात्र उपाय है।’’
स्वास्थ्य मंत्रालय में कैंसर विभाग के प्रभारी अंशु प्रकाश ने कहा कि सरकार पूरे देश में 20 अत्याधुनिक कैंसर उपचार केंद्र स्थापित करने की योजना बना रही है।
प्रकाश ने कहा, ‘‘देश में 36 राज्य हैं, लेकिन इनमें से कुछ राज्य बहुत छोटे हैं। इसलिए ऐसे राज्यों में इन संस्थानों की जरूरत नहीं है।’’ प्रकाश ने यह भी बताया कि दिल्ली और चंडीगढ़ जैसे राज्यों में चूंकि पहले से ही एम्स और पीजीआई जैसे उच्च गुणवत्ता वाले संस्थान हैं, अत: ऐसी जगहों पर नए उपचार केंद्र स्थापित नहीं किए जाएंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘कैंसर पीड़ित व्यक्ति के परिवार में अस्थिरता का माहौल रहता है। परिजनों को उनके इलाज के लिए काफी दूर जाना पड़ता है और इलाज में काफी लंबा वक्त भी लगता है। अत: सरकार इस योजना के जरिए कैंसर पीड़ित व्यक्ति के परिवार वालों को राहत पहुंचाना चाहती है।’’
केंद्र सरकार इस योजना में बड़े स्तर पर योगदान दे रही है। प्रस्तावित प्रत्येक कैंसर उपचार केंद्र स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार 120 करोड़ रुपये देगी। इसके अलावा उपचार केंद्र स्थापित करने की कुल लागत की 25 फीसदी धनराशि राज्य सरकार से ली जाएगी। इसके अलावा पूर्वोत्तर और पर्वतीय राज्यों को केंद्र ज्यादा आर्थिक मदद देगी और उन्हें मात्र 10 फीसदी धनराशि देनी होगी। कैंसर की जांच, परामर्श और अत्याधुनिक उपचार प्रदान करने के अलावा ये उपचार केंद्र प्रशिक्षण भी प्रदान करेंगे।
इस योजना के अलावा केंद्र सरकार ‘कैंसर, मधुमेह, हृदयरोग बचाव एवं नियंत्रण राष्ट्रीय कार्यक्रम’ नाम से एक और योजना चला रही है।
प्रकाश ने कहा, ‘‘इस योजना का उद्देश्य जिला स्तर पर कैंसर का उपचार प्रदान करना है तथा इसके तहत ओरल, ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर पर विशेष तौर पर ध्यान केंद्रित करना है, क्योंकि भारत में सर्वाधिक कैंसर रोगी इसी श्रेणी में पाए जाते हैं।’’
जैव प्रौद्योगिकी राष्ट्रीय सूचना केंद्र से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, देश में 2020 तक कैंसर मरीजों की संख्या बढ़कर 11,48,757 हो जाएगी, जो 2010 में 9,79,786 थी।
कैंसर के खिलाफ सरकार के इस प्रयास का चिकित्सकों ने समर्थन किया है और निजी क्षेत्र के चिकित्सकों का कहना है कि सरकार समय-समय पर कैंसर जागरूकता कार्यक्रम चलाती रहती है, इसके बावजूद कैंसर से लड़ने के लिए और बेहतर योजना की जरूरत है।
नोएडा के जेपी अस्पताल में कैंसर रोग विशेषज्ञ सुमित गोयल ने कहा, ‘‘सरकार को और बेहतर नीतियां लागू करने की जरूरत है, जिसमें आम आदमी और समाज की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाए ताकि इसका लाभ हर किसी को मिल सके।’’