महाराष्ट्र में गठबंधन की सरकार बनना तय
महाराष्ट्र की जनता ने किसी भी राजनीतिक दल को पूर्ण बहुमत नहीं दिया है जिससे स्थायी सरकार का गठन किया जा सके। भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर कर सामने आई है और वह सत्ता के करीब है। ऐसे में उसके...
महाराष्ट्र की जनता ने किसी भी राजनीतिक दल को पूर्ण बहुमत नहीं दिया है जिससे स्थायी सरकार का गठन किया जा सके। भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर कर सामने आई है और वह सत्ता के करीब है। ऐसे में उसके सामने गठबंधन सरकार बनाने की भी मजबूरी है।
भाजपा के बाद दूसरे नंबर पर शिवसेना है जो उसका पुराना साथी है। इसलिए भाजपा और शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने की संभावना दिख रही है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि शिवसेना उसका राजनीतिक दुश्मन नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने संकेत दिया है कि शिवसेना से गठबंधन करके सरकार बनाई जा सकती है।
दूसरी ओर शिवसेना नेता अनिल जेसाई ने कहा है कि जनादेश शिवसेना और भाजपा को मिला है। सरकार बनाने के लिए अगर भाजपा की ओर से प्रस्ताव आता है तो उस पर बातचीत हो सकती है। उन्होंने सरकार बनाने के लिए शिवसेना-भाजपा के साथ आने का संकेत देते हुए कहा कि भाजपा के साथ हमारा स्वाभाविक रिश्ता है। लेकिन शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे अंतिम फैसला लेंगे।
शिवसेना के साथ गठबंधन बनाने के लिए भाजपा में एकमत नहीं दिखता है। भाजपा नेता ओम माथुर ने कहा है कि हम किसी से समर्थन नहीं मांगेंगे। शिवसेना के बिना भी सरकार बनाना संभव है।
सूत्रों का कहना है कि सरकार बनाने के लिए शिवसेना और भाजपा के बीच कुछ शर्तों पर गठबंधन हो सकता है। इसमें पहली शर्त ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री का पद तो दूसरी बड़ी शर्त स्वतंत्र विदर्भ का गठन नहीं करने की होगी। इसके अलावा अगर मुख्यमंत्री पद का दावा छोड़ने के लिए शिवसेना पर दबाव बना तो ऐसी स्थिति में शिवसेना की ओर से दिवंगत भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की जा सकती है। इससे उद्धव को अपने शिवसैनिकों को समझाने में आसानी होगी कि पंकजा शिवसेना की पसंद हैं। पंकजा के मुख्यमंत्री बनने से शिवसेना को भी परेशानी नहीं होगी। साथ ही कुछ महत्वपूर्ण मंत्रलय की भी मांग कर सकती है।
कुछ बड़े मुद्दों पर चुनाव से पहले शिवसेना और भाजपा का गठबंधन टूटा था। चुनाव प्रचार के दौरान भी उद्धव ने अखंड महाराष्ट्र का मुद्दा उठाया था और यह दोहराया था कि केंद्र में भाजपा का प्रधानमंत्री तो महाराष्ट्र में शिवसेना का मुख्यमंत्री हो। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है कि शिवसेना का मुख्यमंत्री हो। शिवसेना की शर्तो पर एक बार फिर शिवसेना और भाजपा के बीच मतभेद हो सकता है जिससे सरकार के गठन में देरी हो सकती है। शर्तो की आशंकाओं को देखते हुए भाजपा सांसद किरीट सोमैया ने भी अपनी तरफ से शर्त रख दी है कि सरकार बनाने के लिए भाजपा को समर्थन करने वाली पार्टी को भाजपा के घोषणा पत्र का समर्थन करना होगा। इस घोषणा पत्र में स्वतंत्र विदर्भ की बात नहीं है। लेकिन इसमें छोटे राज्य के गठन की वकालत की गई है।