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केंद्र अर्धसैन्य बल को दे सकता है अतिरिक्त्‍ा भत्ता

अर्धसैन्य बल के जवानों व अधिकारियों को अतिरिक्त भत्ता देने के संबंध में गृहमंत्रालय जल्द फैसला करेगा। इस संबंध में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने वित्तमंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखा है। सरकार का प्रयास है...

केंद्र अर्धसैन्य बल को दे सकता है अतिरिक्त्‍ा भत्ता
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 30 Jan 2015 10:02 PM
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अर्धसैन्य बल के जवानों व अधिकारियों को अतिरिक्त भत्ता देने के संबंध में गृहमंत्रालय जल्द फैसला करेगा। इस संबंध में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने वित्तमंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखा है। सरकार का प्रयास है कि सेना के मुकाबले वेतन और भत्तों को लेकर विसंगतियों का सामना कर रहे अर्धसैन्य बलों को अतिरिक्त भत्ता के रूप में कुछ तोहफा दिया जाए। गृहमंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि राजनाथ सिंह ने अर्धसैन्य बलों की कठिन डय़ूटी और उनके समर्पण का जिक्र करते हुए उन्हें ज्यादा सुविधाएं देने और सीमा या दुरुह इलाकों में डय़ूटी कर रहे जवानों को सेना की तरह ही भत्ता व सुविधाएं देने का आग्रह किया है। वित्तमंत्रालय की ओर से अभी इस मामले में हरी झंडी नहीं मिली है।

वेतन विसंगति और प्रोन्नति पर फैसला नहीं
गृहमंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि गृहमंत्री इस संबंध में वित्तमंत्री से निजी तौर पर बातचीत करके अर्धसैन्य बलों की लंबे समय से चली आ रही शिकायतों को दूर करने का प्रयास करेंगे। हालांकि वेतन विसंगति और प्रोन्नति के मामले में अर्धसैन्य बलों की मांग स्वीकार करने की स्थिति में सरकार नहीं नजर आ रही है। सूत्रों ने कहा कि आर्थिक तंगी का हवाला देकर वित्तमंत्रालय बजट कटौती का संकेत दे रहा है। ऐसे में कोई लोकलुभावन ऐलान सरकार के लिए आसान नहीं होगा।

अर्धसैन्य बलों में है आक्रोश
गौरतलब है कि देश के सभी अर्धसैन्य बलों में प्रोन्नति और वेतन विसंगति को लेकर आक्रोश है। बीएसएफ,सीआरपीएफ,सीआईएसएफ के जवानों को सेना के जवानों की तुलना में काफी कम वेतन मिलने और सालों तक प्रोन्नति का इंतजार करना पड़ता है। सीमा सुरक्षा बल के कई जवान और अधिकारी बीस साल से ज्यादा समय तक एक ही पद पर काम करने को मजबूर हैं। सूत्रों ने कहा कि एक जवान जिस पद पर भरती होता है कई बार उसे समान पद पर ही रिटायर होना पड़ता है। गृह मंत्रालय का ध्यान इस संबंध में कई बार दिलाया गया है। अर्धसैन्य बलों के अधिकारी मानते हैं कि जब सीमा पर गोलीबारी में उन्हें सीधे सामना करना पडम्ता है तो सुविधाओं और वेतन के मामले में उन्हें सेना के मुकाबले कई गुना पीछे क्यों रखा जाता है। इन बलों की शिकायत है कि उनके जवानों की शहादत के समय भी दी जाने वाली सुविधाएं सेना के मुकाबले मेल नहीं खातीं।

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