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कालेधन पर 427 विदेशी खातों की जांच: अरुण जेटली

विदेशी बैंकों से काला धन वापस लाने के लिए सरकार के सही मार्ग पर चलने का दावा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि विदेशी बैंकों के 427 खाताधारकों की पहचान कर ली गयी है तथा उनमें से...

कालेधन पर 427 विदेशी खातों की जांच: अरुण जेटली
एजेंसीThu, 27 Nov 2014 09:05 AM
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विदेशी बैंकों से काला धन वापस लाने के लिए सरकार के सही मार्ग पर चलने का दावा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि विदेशी बैंकों के 427 खाताधारकों की पहचान कर ली गयी है तथा उनमें से 250 ने खाते होने की बात स्वीकार की है।

राज्यसभा में विदेशों में जमा काले धन के मुद्दे पर हुई अल्पकालिक चर्चा का जवाब देते हुए जेटली ने सदन को आश्वासन दिया कि सरकार काला धन रखने वाले लोगों का सक्रियता से पीछा करेगी तथा अंतिम खाते की पहचान हो जाने तक वह शांत नहीं बैठेगी।

विदेशों में जमा काले धन को वापस नहीं लाने के बारे में कोई निश्चित समय सीमा नहीं बताये जाने और वित्त मंत्री के जवाब से अंसतोष जताते हुए कांग्रेस, वाम, तृणमूल कांग्रेस, जदयू एवं सपा के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।

इससे पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि विदेश में रखे काले धन को लाने की प्रक्रिया में समय लगेगा। उन्होंने यह बात विपक्ष द्वारा भाजपा के नेताओं के 100 दिनों के भीतर विदेशों से काले धन को वापस लाने के वादे के बारे में किये गये सवालों के जवाब में कही।

काले धन के बारे में सरकार द्वारा उठाये गये कदमों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि गोपनीयता के प्रावधान के कारण विदेशी खाता धारकों के नामों का खुलासा नहीं किया जा सकता है, बशर्ते अदालत में उनके खिलाफ अभियोजन चल रहा हो।

उन्होंने 627 खाताधारकों की एचएसबीसी सूची का जिक्र करते हुए कहा कि उनमें से 427 की पहचान हो चुकी है। उनमें से 250 लोगों ने बैंक खाते होने की बात स्वीकार कर ली है। इससे सरकार का काम आसान हो गया है। वित्त मंत्री ने दावा किया कि पिछली सरकारों ने जो किया, उससे कहीं ज्यादा हमने 100 दिनों में किया है।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत भाजपा के शीर्ष नेताओं द्वारा आम चुनाव पूर्व किए गए दावों को लेकर राजग सरकार को निशाना बनाते हुए कांग्रेस ने बुधवार को सत्तारूढ़ पार्टी पर राजनीतिक फायदे के लिए काले धन को लेकर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया और साथ ही माफी की मांग की।


संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन मंगलवार को इस मुद्दे पर हुए हंगामे के बाद लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को इस पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान यह कहकर जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया था कि विदेशों में जमा भारतीयों के काले धन को वापस लाए जाने के बाद देश के हर व्यक्ति को 15 लाख रुपये मिलेंगे।

खड़गे ने कहा कि अब आप प्रधानमंत्री बन गए हैं। आपके पास सारी शक्तियां हैं। मैं आपको दुखी नहीं करना चाहता बल्कि आपको याद दिलाना चाहता हूं। उन्होंने भाजपा को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि भाजपा नेताओं ने सत्ता में आने के सौ दिनों के भीतर सारे काले धन को वापस लाने का वादा किया था लेकिन एक पाई भी वापस नहीं आयी है।

विदेशी सरकारों के साथ हुए समझौते के कारण सभी संदिग्ध खाताधारकों के नामों का खुलासा करने को लेकर सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय में दिए गए बयान के बारे में खड़गे ने कहा कि संप्रग शासन का भी तो यही कहना था।

उन्होंने कहा कि यदि आपको यही बात कहनी थी तो आपने संप्रग सरकार को क्यों बदनाम किया। आपने 125 करोड़ लोगों को गुमराह किया आप पहले भी सत्ता में रह चुके हैं। आप एक सरकार की मुश्किलों को जानते हैं। झूठ बोलने और झूठे वादे करने के लिए आज आपके पास जनता से माफी मांगने का मौका है।

खड़गे ने कहा कि विभिन्न भाजपा नेताओं ने काले धन को लेकर अलग अलग अनुमान जताए थे। राजनाथ सिंह जो अब गृह मंत्री हैं और नितिन गडकरी जो अब परिवहन मंत्री हैं, इन्होंने क्रमश: 25 लाख करोड़ रुपये और 21 लाख करोड़ रुपये का काला धन विदेशी बैंक खातों में जमा होने की बात कही थी। कांग्रेस नेता ने कहा कि क्या लोगों की भावनाओं को भड़काने से देश का कोई फायदा हुआ आपको जनता के बीच तोल कर बोलना चाहिए।

उधर भाजपा सदस्य अनुराग सिंह ठाकुर ने कांग्रेस पर विदेशी खातों में काला धन रखने वालों को बचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के बाद पहला फैसला विशेष जांच दल का गठन करने का लिया था जिससे कि कांग्रेस हमेशा बचती रही।

ठाकुर ने कहा कि यह हमारी सरकार है जिसने सीलबंद लिफाफे में एचएसबीसी बैंक में खाता रखने वाले लोगों के नाम एसआईटी को दिए। समूह 20 की शिखर बैठक के दौरान सबसे पहले वैश्विक मंच पर प्रधानमंत्री मोदी ने काले धन का मुद्दा उठाया। भाजपा सदस्य ने कहा कि आपने पिछले 5- 10 सालों में कुछ नहीं किया। जब आप सत्ता में थे तो आपने काले धन को वापस लाने की प्रतिबद्धता नहीं जतायी और जब आप सत्ता में नहीं हैं तो आप अभी भी काले धन को वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध नहीं हैं।

 

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