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खुशियां बांटकर अपना गम भुला रहे हैं राजन

संगमनगरी के चुनिंदा संगीत प्रेमियों के लिए व्हाट्सएप अब फरमाइशी गीतों का भी अड्डा बन गया है। दो महीने से सक्रिय गुड लिसनर्स नाम का ग्रुप नए-पुराने गानों के शौकीन सदस्यों के बीच खासा चर्चित है। यह...

खुशियां बांटकर अपना गम भुला रहे हैं राजन
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 04 Sep 2015 09:43 AM
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संगमनगरी के चुनिंदा संगीत प्रेमियों के लिए व्हाट्सएप अब फरमाइशी गीतों का भी अड्डा बन गया है। दो महीने से सक्रिय गुड लिसनर्स नाम का ग्रुप नए-पुराने गानों के शौकीन सदस्यों के बीच खासा चर्चित है। यह ग्रुप राजन अरोड़ा (57) ने बनाया है जिनकी रीढ़ की हड्डी आंशिक रूप से गल चुकी है और वे अपने पैरों पर खड़े नहीं हो सकते।

मार्च 2013 से बिस्तर पर पड़े एडमिन राजन के लिए यह ग्रुप उनके दर्द को भुलाने का जरिया बन चुका है। बकौल राजन ‘बचपन में रेडियो पर गाने सुनते-सुनते कब इनका शौक लगा पता नहीं चला। बीमारी ने बिस्तर पर पटका तो समय काटना मुश्किल हो गया। 16 सितम्बर 2014 को सबसे पहले अपने परिवार के सदस्यों के लिए एक ग्रुप बनाया।

फिर गानों के शौक ने 26 जून 2015 को गुड लिसनर्स नाम से ग्रुप बनवा दिया। इस पर सदस्यों की डिमांड पर उनके पसंदीदा गाने एडमिन राजन गीतों के अपने संग्रह में से भेजते हैं। जो गाना उनके कलेक्शन में नहीं होता उसे इंटरनेट से डाउनलोड करके भेजते हैं। इस ग्रुप पर सदस्यों का जन्मदिन मनाने से लेकर सदस्य अपने मन की बातें भी साझा करते हैं।

सदस्यों के बीच बाबा नाम से लोकप्रिय राजन ने एक सितम्बर को इसी ग्रुप के समानान्तर लिसनर्स ड्राप बाक्स ग्रुप बनाया है। गुड लिसनर्स के सदस्य जो फरमाइश भेजते हैं उस गाने को वे ड्राप बाक्स में डाल देते हैं ताकि एक जगह पर सारे गानों का कलेक्शन हो जाए। दो महीने में ही इस ग्रुप के सदस्यों की संख्या 71 हो गई है। इस ग्रुप में इलाहाबाद, दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, लखनऊ, कानपुर, जौनपुर जैसे शहरों के डॉक्टर, सीए, शिक्षा अधिकारी, शिक्षक, पत्रकार समेत समाज के हर वर्ग के सदस्य जुड़े हैं।

स्वभाव से भावुक राजन के ग्रुप में कई सदस्य ऐसे हैं जिन्हें वे जानते तक नहीं। लेकिन उनका स्नेह ग्रुप के सभी सदस्यों के लिए समान है। एडमिन राजन उन सदस्यों को ग्रुप से बाहर भी कर देते हैं जो गानों की फरमाइश नहीं भेजते या जिनकी संगीत में रुचि नहीं। गानों की डिमांड नहीं करने पर कभी-कभार सभी सदस्यों को प्यार भरी डांट भी पड़ती है।

उनकी पत्नी ऊषा सरकारी अफसर हैं। बेटी की शादी हो गई और एक लड़का पढ़ने चला जाता है। घर में अकेले राजन का सहारा पुराना सैमसंग वाई मोबाइल है जिससे सदस्यों के पसंदीदा गाने ग्रुप में शाम से लेकर देर रात तक या कभी-कभी भोर होने तक भेजा करते हैं। सबके गानों की पसंद का ख्याल है लेकिन खुद आपके दिल के करीब कौन सा गाना है? प्रश्न के जवाब में वे गुनगुनाने लगे-‘एहसान तेरा होगा मुझ पर...’।

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