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Hindi Newsमुफ्ती के बयान पर उठे विवाद से भाजपा ने खुद को किया अलग

मुफ्ती के बयान पर उठे विवाद से भाजपा ने खुद को किया अलग

जम्मू एवं कश्मीर में शांतिपूर्ण चुनाव का श्रेय पाकिस्तान, अलगाववादियों और आतंकवादियों को दिए जाने वाले मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के बयान को लेकर लोकसभा में विपक्षी दलों के सदस्यों ने मंगलवार को...

मुफ्ती के बयान पर उठे विवाद से भाजपा ने खुद को किया अलग
एजेंसीTue, 03 Mar 2015 07:14 PM
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जम्मू एवं कश्मीर में शांतिपूर्ण चुनाव का श्रेय पाकिस्तान, अलगाववादियों और आतंकवादियों को दिए जाने वाले मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के बयान को लेकर लोकसभा में विपक्षी दलों के सदस्यों ने मंगलवार को भी हंगामा किया। लेकिन सरकार की ओर से मिले जवाब के बाद सदस्यों ने सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से चलने दी। सरकार ने राज्य में शांतिपूर्ण चुनाव का श्रेय राज्य की जनता और सुरक्षा बलों को दिया।

विपक्षी दलों के हंगामे के बाद सरकार की ओर से स्पष्टीकरण देते हुए केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार सईद के बयान से खुद को पूरी तरह अलग करती है। राज्य में शांतिपूर्ण चुनाव का श्रेय निर्वाचन आयोग और सुरक्षा बलों को जाता है। यही सरकार का रुख है और इसे ही सदन की राय समझा जाना चाहिए।

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इससे पहले कहा कि सरकार सईद के बयान से सहमत नहीं है। उन्होंने कहा, ''मुख्यमंत्री ने बयान दिया, जिसके बाद कई सदस्यों ने इस पर सवाल उठाए। मैंने इसे कल स्पष्ट कर दिया था कि हमारी सरकार तथा हमारी पार्टी इस तरह के बयान से खुद को पूरी तरह अलग करती है। ऐसी टिप्पणियों का स्वागत करने का सवाल ही पैदा नहीं होता।''

राजनाथ ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में शांतिपूर्ण चुनाव का श्रेय निर्वाचन आयोग, सेना, अर्धसैनिक बलों तथा राज्य की जनता को जाता है। उन्होंने कहा, ''मैं समझता हूं कि पूरा सदन इससे सहमत है। मुख्यमंत्री के बयान का समर्थन करने का सवाल ही पैदा नहीं होता।''

विपक्ष के सदस्य इसके बावजूद संतुष्ट नहीं हुए, जिसके बाद नायडू ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री ने बयान दिया है। यह सदन की राय है। हमें आगे बढ़ना चाहिए।

नायडू के बयान के बाद लोकसभा का कामकाज सुचारु रूप से शुरू हुआ।

मुफ्ती के बयान को लेकर मंगलवार को लोकसभा की कार्यवाही दो बार स्थगित हुई। सदन की कार्यवाही पहले 11.30 बजे तक और उसके बाद 11.45 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी पार्टियों ने इस पर प्रस्ताव लाने की मांग की थी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी इस पर बयान देने की मांग की थी।

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