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जानिए मालभाड़े में वृद्धि से कितनी बढ़ेगी महंगाई

मालभाड़ा बढ़ोतरी प्रस्तावित अनाज व दालें        10 प्रतिशत यूरिया            10 कोयला   ...

जानिए मालभाड़े में वृद्धि से कितनी बढ़ेगी महंगाई
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 27 Feb 2015 12:31 PM
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मालभाड़ा बढ़ोतरी प्रस्तावित
अनाज व दालें        10 प्रतिशत
यूरिया            10
कोयला            6.3
सीमेंट            2.7
मूंगफली तेल        2.1
लौह-इस्पात        0.8
एलपीजी            0.8
केरोसिन            0.8

कमी का भी प्रस्ताव
लाइमस्टोन, डोलोमाइट और मैंगनीज व स्पीड डीजल तेल पर दरों में क्रमश: 0.3 और एक प्रतिशत की कमी 

असर
4000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई करेगी रेलवे माल भाडम बढमकर
सीमेंट का बैग 10 रुपये तक होगा महंगा, 5 पैसे यूनिट महंगी होगी बिजली

प्रभु ने नहीं सुना महंगाई का तर्क
रेल मंत्री ने कुछ जिंसों में मालभाड़े में बढ़ोतरी को वृद्धि नहीं बताया है। उनका कहना है कि यह जिंसों के पुनर्वर्गीकरण का हिस्सा है। रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि किसानों के लिए यूरिया कीमतों में इजाफा नहीं होगा।

विभिन्न जिंसों के लिए मालभाड़े में 10 प्रतिशत तक वृद्धि के प्रस्ताव से खाद्यान्न, दालें, सीमेंट और इस्पात जैसी आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ़ सकते हैं। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने गुरुवार को संसद में पेश वित्त वर्ष 2015-16 के रेल बजट में 12 जिंसों के भाड़े में 0.8 से 10 प्रतिशत तक वृद्धि का प्रस्ताव किया है। इसके अलावा यूरिया पर मालभाड़े में 10 प्रतिशत वृद्धि के प्रस्ताव से सब्सिडी का बोझ बढ़ने के आसार हैं।

भारतीय उर्वरक संघ (एफएआई) के महानिदेशक सतीश चंदर ने कहा, ‘मालभाड़े में बढ़ोतरी से यूरिया के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी में 300 करोड़ रुपये की वृद्धि होगी। अभी सरकार यूरिया पर 3,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी देती है।’ यूरिया पर उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि मालभाड़े में बढ़ोतरी से यूरिया कीमतों में बढ़ोतरी नहीं होगी। उन्होंने कहा, ‘हम यूरिया 5,360 रुपये प्रति टन पर उपलब्ध कराना जारी रखेंगे। इससे सिर्फ यूरिया पर सब्सिडी बढ़ेगी।’

डालमिया भारत सीमेंट समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहिंद्र सिंगी ने कहा, ‘हमारी उत्पादन की लागत 50 किलो के सीमेंट के बैग पर दो से चार रुपये बढ़ेगी।’ यह पूछे जाने पर कि क्या कंपनी सीमेंट के दाम बढ़ाएगी, उन्होंने कहा कि कीमत मांग और पूर्ति पर निर्भर करती है। इस पर हम बाद में फैसला करेंगे। एक प्रमुख सीमेंट विनिर्माता ने कहा कि कोयला, इस्पात और सीमेंट पर मालभाड़े में बढ़ोतरी से सीमेंट की कीमतों में प्रति बैग पांच से 10 रुपये का इजाफा होगा।

इस बीच, इस्पात कंपनियों ने रेल बजट पर मिलीजुली प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि अगले पांच साल में रेलवे में 8.5 लाख करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश के प्रस्ताव से इस्पात की मांग बढ़ेगी। हालांकि, इसके बावजूद कुछ निराशा है, क्योंकि मंत्री ने डीजल कीमतों में कमी आने के बावजूद मालभाड़े में कमी नहीं की है।

महंगी होगी बिजली

कोयला की ढुलाई की दरें बढ़ाने से बिजली की दरें बढ़ जाएंगी। एनटीपीसी के अधिकारी का कहना है कि बिजली के उत्पादन लागात में 2 फीसदी की बढ़ोतरी हो जाएगी। कंसल्टिंग फर्म डीटीटी इंडिया के सीनियर निदेशक देबाशीष मिश्रा कहते हैं कि कोयला ढुलाई महंगा होने से उपभोक्ताओं को 5 पैसे यूनिट तक बिजली की अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी। देश में 70 फीसदी बिजली थर्मल पावर प्लांट से मिलती है जिन्हें कोयले की जरूरत होती है।

सही कदम नहीं
रेलवे मामलों की विशेषज्ञ मोनिका पॉल का कहना है कि रेल बजट में मालभाड़ा बढ़ाने का फैसला सही कदम नहीं है। मालभाड़ा बढ़ाने से 50 फीसदी की ग्रोथ हासिल करना मुश्किल हो जाएगा। मालभाड़े में 10 फीसदी की बढ़त से भले ही आम आदमी पर असर नहीं होगा लेकिन सरकार पर सब्सिडी का बोझ बढ़ जाएगा।

मुनाफा कमाने में जुटी सरकार : पायलट

रेल बजट में सरकार ने मालभाड़े में बढ़ोतरी की है जिससे महंगाई और बढ़ेगी। यह दिशाहीन रेल बजट है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में काफी गिरावट दर्ज की गई है, बावजूद इसके मालभाड़े में बढ़ोतरी करना जनता के साथ नाइंसाफी हैं। सचिन पायलट, पूर्व केंद्रीय मंत्री

रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने गुरुवार को पेश अपने जीवन के पहले रेल बजट में यात्री किराया तो नहीं बढ़ाया, लेकिन डीजल सस्ता होने के बावजूद माल भाड़ा 10 फीसदी तक बढ़ा दिया। उन्होंने किसी राज्य को कोई नई गाड़ी भी नहीं दी। उन्होंने सेवा की गुणवत्ता और सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई घोषणाएं कीं और योजना मद को 52 फीसदी बढ़ाकर 2015-16 के लिए 1,00,011 करोड़ रुपये (16.7 अरब डॉलर) का कर दिया।

प्रभु ने अपने बजट भाषण में माल भाड़ा बढ़ाने का हालांकि जिक्र नहीं किया, फिर भी उन्होंने इसमें 2.1 फीसदी से लेकर 10 फीसदी तक की वृद्धि की। जुलाई में प्रस्तुत रेल बजट में मोदी सरकार ने यात्री किराये में करीब 15 फीसदी और माल भाड़े में 6.5 फीसदी वृद्धि की थी। मंत्री ने संचालन अनुपात को घटाकर 88.5 फीसदी करने का लक्ष्य दिया। इसका मतलब है कि प्रत्येक 100 रुपये कमाने के लिए रेलवे 88.5 रुपये खर्च करेगी। यानी शेष बचत होगा, जिसका उपयोग सुरक्षा और विस्तार पर किया जा सकेगा। 2013-14 में संचालन अनुपात 93.6 फीसदी था, जो मौजूदा कारोबारी साल में 91.8 फीसदी है। वैश्विक स्तर पर 75-8० फीसदी या इससे कम को स्वस्थ्य सीमा माना जाता है।

रेलवे संपत्ती नहीं बिकेंगी
रेलवे के पास पड़ी अतिरिक्त जमीन तथा अन्य संपत्तियों के बारे में प्रभु ने कहा कि उसे बेचा नहीं जाएगा, बल्कि उसका दोहन किया जाएगा। उन्होंने कहा, वित्त मंत्रालय से बजटीय सहायता मांगने की आम प्रथा न तो टिकाऊ है और न ही जरूरी है। उन्होंने यात्री किराये से होने वाली आय में 16.7 फीसदी और माल भाड़े से होने वाली आय में 13.5 फीसदी वृद्धि का अनुमान दिया और योजना मद को 52 फीसदी बढ़ाते हुए 1,00,011 करोड़ रुपये कर दिया। उन्होंने वित्तीय फासले की भरपाई के लिए बाजार से जुटाई जाने वाली राशि में 46.5 फीसदी वृद्धि का प्रस्ताव रखा।

सेंसेक्स में करीब 261 अंक की गिराबट

रेल बजट प्रस्तुत होते ही बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स में करीब 261 अंक या करीब एक फीसदी गिरावट दर्ज की गई और रेलवे से संबंधित अधिकतर कंपनियों के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए। प्रभु ने कहा, ‘पिछले कुछ दशकों में रेलवे की सुविधा में व्यापक सुधार नहीं हुआ है। इसका एक प्रमुख कारण ऐतिहासिक रूप से रेलवे में कम निवेश होना है।’ उन्होंने कहा, ‘इसके परिणामस्वरूप क्षमता सुधार प्रभावित हुआ, सुरक्षा प्रभावित हुई और सेवाओं की गुणवत्ता घटी। इसके परिणामस्वरूप क्षमता घटी है और माल ढुलाई और यात्रियों की संख्या जितनी होनी चाहिए उतनी हो नहीं पाई और वित्तीय संसाधन में कमी रही। इसके परिणाम स्वरूप निवेश में कमी का एक दुष्चक्र शुरू हो गया।’ उन्होंने कहा, ‘इसे समाप्त करना होगा। हमें भारतीय रेल को सुरक्षा और अवसंरचना के मामले में मानक संगठन बनाना होगा।’’

..तो भगवान ने नहीं दिया जवाब
शब्दों के साथ खेलते हुए प्रभु ने प्रभु को भी याद किया और कहा, ‘‘मैंने पूछा ‘हे प्रभु’ यह सब कैसे होगा।’ इस पर हंसी के फव्वारे छूटे। उन्होंने कहा, ‘भगवान ने कुछ जवाब नहीं दिया और भारतीय रेल में फिर से जान फूंकने की यह जिम्मेदारी मैंने खुद पर ले ली।’ इससे पहले मंत्री ने भारतीय रेल पर एक श्वेतपत्र पेश किया था। उनके मुताबिक, रेल बजट और दृष्टिकोण 2030 दस्तावेज के साथ मिलकर यह एक तिकड़ी बनाएगा। दृष्टिकोण दस्तावेज इस साल के आखिर में पेश होगा।

चार लक्ष्य किए निर्धारित
भारतीय रेल की माली हालत सुधारने के लिए उन्होंने चार लक्ष्य भी निर्धारित किए। रेलमंत्री ने कहा कि हम स्वच्छता के लिए एक अलग विभाग भी स्थापित करेंगे।
- ग्राहकों के अनुभव में सुधार
- सुरक्षित यात्रा
- आधुनिक अवसंरचना
- वित्तीय स्व-टिकाऊपन।

भारतीय रेल अपने नेटवर्क में

7,172 स्टेशन
12,617 यात्री रेलगाड़ी
7,412 माल गाड़ियां

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