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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास नहीं है अपना ई-मेल आईडी

भारत के लोगों को डिजिटल इंडिया का सपना दिखाने वाले और सोशल साइट्स पर सबसे सक्रिय राजनेताओं में शुमार होने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास अपना ई-मेल आईडी नहीं है। छत्तीसगढ़ के एक बिजनेसमैन ने...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास नहीं है अपना ई-मेल आईडी
एजेंसीThu, 05 Mar 2015 12:57 PM
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भारत के लोगों को डिजिटल इंडिया का सपना दिखाने वाले और सोशल साइट्स पर सबसे सक्रिय राजनेताओं में शुमार होने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास अपना ई-मेल आईडी नहीं है। छत्तीसगढ़ के एक बिजनेसमैन ने प्रधानमंत्री कार्यालय से सूचना का अधिकार (आरटीआई) के जरिए यह चौंकाने वाली जानकारी हासिल की है।

छत्तीसगढ़ की सीएसआर कंपनी के फाउंडर रुसेन कुमार ने आरटीआई एक्ट के तहत प्रधानमंत्री कार्यालय में पत्र लिखकर उनका प्रयोग में आने वाला ई-मेल एड्रेस मांगा था। इसके जवाब में पीएमओ की ओर से 17 फरवरी को एक पत्र (क्रमांक 10335/2014) भेजा गया, जिसमें बताया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास कोई निजी मेल आईडी नहीं है।

पत्र में यह भी लिखा गया कि किसी भी विषय में जानकारी, फीडबैक, सुझाव या शिकायत के लिए वे प्रधानमंत्री की आधिकारिक वेबसाइट पीएमइंडिया डॉट गोव डॉट इन/इएन/इंटरएक्ट-विथ-पीएम के माध्यम से संपर्क किया जा सकता है। प्राधनमंत्री कार्यालय का जवाब मिलने के बाद रुसेन ने बुधवार को रायगढ़ में कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री के पास एक अदद ई-मेल आईडी नहीं है।

मोदी सरकार भारत को डिजिटल इंडिया बनाने की ओर अग्रसर हैं। मोदी के प्रधानमंत्री बनने में सबसे बड़ा योगदान सोशल मीडिया का रहा है ऐसे में इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और ई-गवर्नेस को बढ़ावा देने वाली सरकार के प्रधानमंत्री के पास ई-मेल आईडी का न होना कई सवाल उठाता है।

रुसेन ने यह भी दावा किया कि पत्र में दिए यूआरएल के माध्यम से पीएम तक अपनी बात पहुंचाने के लिए एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। प्रधानमंत्री से जुड़ने के लिए यूजर को वहां एक नया अकाउंट बनाना पड़ता है। साथ ही इस वेबसाइट को एकतरफा कम्युनिकेशन के लिए तैयार किया गया है। रिक्वेस्ट/ फीडबैक/सुझाव भेजने के बाद वह प्रधानमंत्री तक पहुंचा कि नहीं इसकी जानकारी निकालने का कोई तरीका नहीं है।

रुसेन का कहना है कि प्रधानमंत्री तक अपनी बात पहुंचाने के लिए आम आदमी को ऐसा कोई मंच नहीं दिया गया है जो आसान, सस्ता और त्वरित हो।

 

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