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नीरज कुमार सिंह को सर्वोच्च वीरता पुरस्कार अशोक चक्र

राष्ट्रीय राइफल के नायक नीरज कुमार सिंह को मरणोपरांत शांतिकाल में दिए जाने वाले देश के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार अशोक चक्र से सम्मानित किया जाएगा। तीन सैन्यकर्मियों को कीर्ति चक्र, 12 को शौर्य चक्र, 48...

नीरज कुमार सिंह को सर्वोच्च वीरता पुरस्कार अशोक चक्र
एजेंसीSun, 25 Jan 2015 07:39 PM
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राष्ट्रीय राइफल के नायक नीरज कुमार सिंह को मरणोपरांत शांतिकाल में दिए जाने वाले देश के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार अशोक चक्र से सम्मानित किया जाएगा। तीन सैन्यकर्मियों को कीर्ति चक्र, 12 को शौर्य चक्र, 48 को वीरता के लिए सेना पदक. दो को वीरता के लिए नौसेना पदक तथा 1 को वीरता के लिए वायु सेना पदक से सम्मानित किया जाएगा।

इसके अलावा 28 सैन्यकर्मियों को परम विशिष्ट सेवा पदक, तीन को उत्तम युद्ध सेवा पदक. 53 को अति विशिष्ट सेवा पदक, 13 को युद्ध सेवा पदक, 42 को सेना पदक, आठ को नौसेना पदक, 19 को वायु सेना पदक और 124 को विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया जाएगा।

राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी नायक नीरज कुमार सिंह के परिवार के किसी सदस्य को कल गणतंत्र दिवस के अवसर पर अशोक चक्र से सम्मानित करेंगे। राष्ट्रपति राष्ट्रीय राइफल के ही मेजर मुकुंद वर्धराजन को भी मरणोपरांत अशोक च्रक्र से सम्मानित करेंगे। मेजर वर्धराजन को पिछले वर्ष 15 अगस्त को यह सम्मान देने की घोषणा की गई थी।

नायक नीरज कुमार ने जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में एकतलाशी अभियान के दौरान आतंकवादियों से लोहा लेते हुए प्राणों का बलिदान दिया। उन्होंने अपने सहयोगी को गोली लगने के बाद न केवल बचाया, बल्कि दो आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया। नायक नीरज कुमार ने सीने में गोली लगने के बावजूद आमने-सामने की लड़ाई में एक आतंकवादी को मार गिराया। गंभीररूप से घायल होने के बावजूद उन्होंने मुठभेड़ स्थल से जाने से इनकार कर दिया और अंत तक लड़ते हुए एक अन्य आतंकवादी को मार दिया। बाद में अस्पताल ले जाते समय उन्होंने दम तोड़ दिया।

मेजर मुकुंद वर्धराजन ने पिछले वर्ष अप्रैल में जम्मू कश्मीर केशोपियां जिले में आतंकवादियों से मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के तीन आतंकवादियों को ढेर कर दिया। उन्हें असाधारण वीरता और अदम्य साहस का परिचय देने के लिए गत 15 अगस्त को अशोक चक्र से सम्मानित करने की घोषणा की गई थी।

सेना के कैप्टन जयदेव, नायब सूबेदार कोश बहादुर गुरंग और सूबेदार अजय वर्धन मरणोपरांत को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा सेना के लैफ्टिनेंट कर्नल संकल्प कुमार मरणोपरांत, मेजर मुकुंद शर्मा, मेजर अभिजल मरणोपरांत, मेजर आशुतोष कुमार पांडे, मेजर आर वी कृष्णन, मेजर बी ढौंडियाल, नायक स्रूप कुमार घोराई, पैराटूपर बलविंदर सिंह मरणोपरांत, राइफलमैन मांगाराम, नौसेना के कमांडर जी कोस्तुभ विजय कुमार, गृह मंत्रालय में निरीक्षक मंजीत सिंह और सिपाही मुस्ताक अहमद को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया जाएगा। 

नौसेना के कमांडर जी कौस्तुभ विजयकुमार शौर्य चक्र से सम्मानित
नौसेना के कमांडर जी कौस्तुभ विजय कुमार को अदम्य साहस तथा नेतृत्व क्षमता के लिए शौर्य चक्र और कमांडर कुंतल वाधवा तथा नाविक विष्णु पी उन्नी को अदम्य साहस तथा वीरता के लिए गणंतत्र दिवस पर वीरता के लिए नौसेना पदक से सम्मानित किया जायेगा।

कमांडर कुंतल वाधवा तथा नाविक विष्णु पी उन्नी को यह सम्मान मरणोपरांत दिया जायेगा। कमांडर विजय कुमार ने गत जुलाई में 16 दिन के भीतर चार अलग अलग बचाव अभियानों में अपनी जान पर खेलकर 15 लोगों की जान बचाई। उन्हें अदम्य साहस, वीरता और नेतृत्व क्षमता के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया जायेगा। 

कमांडर वाधवा ने आईएनएस कोलकाता में परीक्षण के दौरानकार्बन डाई आकसाईड के रिसाव को रोकने के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी। वह गैस का रिसाव रोकने, अपने सहयोगियों की जान बचाने तथा पोत को नुकसान होने से रोकने में सफल रहे लेकिन सिर में चोट लगने तथा कार्बन डाईआक्‍साइड गैस के प्रभाव से अपनी जान गंवा बैठे। उन्हें असाधारण वीरता तथा कर्तव्य की राह में साहस का प्रदर्शन करने के लिए मरणोपरांत नौसेना के वीरता पदक से सम्मानित किया जायेगा।

नाविक विष्णु पी उन्नी ने गत अकटूबर में अपनी जान पर खेलकर कोच्चि के निकट समुद्र में छलांग लगाने वाली एक महिला तथा उसके बच्चे को बचाया। शहीद उन्नी इन दोनों को तो समय रहते नौका में पहुंचाने में सफल रहे लेकिन इसके बाद उनका सांस उखड गया और वह तैरने की कोशिश में बेहाल होकर डूब गये। उनके असाधारण साहस और वीरता के लिए उन्हें मरणोपरांत नौसेना के वीरता पदक से सम्मानित किया जायेगा।

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