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सात विषयों के साथ शुरू होगा नया अध्याय

नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय की मूल भावना प्राचीन महाविहार की तर्ज पर होगी। तत्कालीन महाविहार में बौद्ध धर्म के महायान और हीनयान सम्प्रदायों के धार्मिक ग्रंथों के अलावा हेतुविद्या (न्याय), शब्द...

सात विषयों के साथ शुरू होगा नया अध्याय
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 02 Sep 2014 09:55 AM
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नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय की मूल भावना प्राचीन महाविहार की तर्ज पर होगी। तत्कालीन महाविहार में बौद्ध धर्म के महायान और हीनयान सम्प्रदायों के धार्मिक ग्रंथों के अलावा हेतुविद्या (न्याय), शब्द विद्या (व्याकरण), चिकित्सा विद्या और वेदों की पढ़ाई होती थी। नए विश्वविद्यालय में सात विषयों की पढ़ाई होगी।

इनमें इतिहास व पर्यावरण विज्ञान के अलावा बुद्धिस्ट स्टडीज, फिलॉसॉफी एंड कॉम्प्रेटिव रेलिजंस, लिंग्विस्टिक्स एंड लिटरेचर, इंटरनेशनल रिलेशन एंड पीस स्टडीज और इंफॉर्मेशन साइंस एंड टेक्नोलॉजी विषयों की पढ़ाई होनी है। डीन डॉं. अंजना शर्मा के अनुसार, इन सात विषयों के सिलेबस का निर्माण भी इस कदर किया गया है कि पुराने विषयों की सामग्री शामिल हों। हां, इसमें आधुनिक परिवेश जरूर शामिल किया गया है, ताकि इसकी उपयोगिता और अधिक बन जाए।

विश्वविद्यालय का भवन प्राचीन की तरह स्थापत्य कला का नायाब उदाहरण होगा। नए भवनों की दीवारें काफी मोटी और इनकी संरचना ऐसी होगी कि एयर कंडीशन की जरूरत नहीं पड़ेगी। पूरा कैंपस प्रदूषणमुक्त होगा। जीरो पावर यूज के सिद्धांत पर आधारित भवन बनाए जा रहे हैं। अर्थात यहां बिजली का उपयोग नहीं होगा। यह पूरी तरह इको फ्रेंडली होगा। कैम्पस के बीच में विशालकाय लाइब्रेरी होगी। इसके चारों ओर सातों विषयों के स्कूल होंगे, ताकि सभी विषयों के छात्र सीधे पुस्तकालय से जुड़े हों। प्राचीन काल में भी महाविहार के बीचोंबीच रत्नोदधि, रत्नसागर व रत्नरजक नामक तीन पुस्तकालय थे।

यहां के छात्र आदर्श नागरिक के साथ ही विश्व में ज्ञान व आपसी समझदारी विकसित करने की समझ रखने वाले होंगे। पहले भी यहां देश के अलावा विदेश के छात्र पढ़ने आते थे। अब भी यहां विश्व भर के छात्र नामांकन ले रहे हैं। ह्वेनसांग ने यात्रा वृतांत में लिखा है कि नालंदा महाविहार शिक्षा एवं विद्या का अद्वितीय केन्द्र था। 

हमें तो मंजिल मिल गयी: कुलपति डॉं. गोपा सभरवाल ने कहा कि कई झंझावातों को झेलते हुए हमने अपने लक्ष्य की पहली कड़ी पार कर ली है। कई बाधाएं आईं। रुकावटें पैदा की गईं। आरोप दर आरोप लगाए गए, लेकिन एक के बाद एक सभी आरोप बेबुनियाद साबित होते गए। हम अपनी मंजिल की ओर बढ़ते गए। परिणाम सबके सामने है। डीन डॉं. शर्मा ने कहा कि जीत का दूसरा नाम नालंदा है। नालंदा नाम से ही द्वेष समाप्त हो जाता है। हम यूनिवर्सिटी के माध्यम से इसे सार्थक करेंगे। जो भी छात्र यहां से पढ़कर बाहर निकलेंगे, अपने क्षेत्र में अद्वितीय ज्ञान के साथ ही विश्व को शांति की राह पर ले जाने की सोच वाले होंगे।

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