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पाक से सभी मुद्दे बातचीत से सुलझाना चाहते हैं: एनएसए

भारत ने कहा कि कहा कि वह पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद से निपटने के लिए प्रभावी प्रतिरोधक क्षमता रखते हुए उसके साथ अपने सभी मुद्दे का समाधान बातचीत से करना चाहेगा। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार...

पाक से सभी मुद्दे बातचीत से सुलझाना चाहते हैं: एनएसए
एजेंसीTue, 21 Oct 2014 06:18 PM
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भारत ने कहा कि कहा कि वह पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद से निपटने के लिए प्रभावी प्रतिरोधक क्षमता रखते हुए उसके साथ अपने सभी मुद्दे का समाधान बातचीत से करना चाहेगा।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत क्षेत्रीय संप्रभुता पर कोई समझौता किए बिना आर्थिक प्रगति करने वाले चीन के साथ मैत्री संबंध रखना चाहता है। उन्होंने पाकिस्तान की ओर से हाल में किए गए संघर्षविराम उल्लंघनों की पृष्ठभूमि में कहा कि हम अपनी सभी समस्याओं को बातचीत और वार्ता से सुलझाना चाहते हैं। मैं नहीं समझता कि ऐसी कोई भी समस्या है जिसका समाधान बातचीत से नहीं हो सकता।

डोभाल ने कहा कि वहीं दूसरी ओर भारत आतंकवाद से निपटने के लिए एक प्रभावी प्रतिरोधक क्षमता रखना चाहेगा। उन्होंने यहां द म्युनिख सिक्युरिटी कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सभी पड़ोसियों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध होने पर जोर दिया और कहा कि भारत की आर्थिक प्रगति क्षेत्रीय देशों को साथ ला सकती है।

उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि पड़ोस के साथ बेहतर संबंध विकसित करना महत्वपूर्ण है। भारत का आर्थिक विकास क्षेत्र को एकसाथ बांध सकता है जो निहित हित देखेगा कि भारत का विकास अधिक मौके लाएगा और उन्हें कमजोर महसूस नहीं करना चाहिए।

उन्होंने चीन के बारे में कहा कि भारत उसे एक बहुत महत्वपूर्ण पड़ोसी मानता है जिसके साथ हमारे सदियों से अच्छे संबंध रहे हैं। चीनी सैनिक हाल के समय में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ में लिप्त रहे हैं। उन्होंने कहा कि 1962 में कुछ खराब अनुभव रहे हैं (जब चीन ने भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया था), राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि यद्यपि हमारे पास आर्थिक सहयोग और वाणिज्य के लिए मौका रहा है। मैं हमारे संबंध को ऐसे स्तर तक विकसित करना चाहूंगा, जहां हमें क्षेत्रीय और अभिन्न संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं करना पड़े। हमें मिल बैठकर अपने सीमा विवाद को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाना चाहिए।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल ने आतंकवाद पर बात करते हुए कहा कि यूएन कम्प्रेहेंसिव कन्वेंशन आन इंटरनेशनल टेररिज्म (सीसीआईटी) के परिणाम जल्द निकलने चाहिए जिसे पाकिस्तान जैसे देशों ने बाधित कर रखा है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर सम्मेलनों के अलावा कुछ नहीं हुआ है। संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव लंबित है।

हमारे पास यूएन कन्वेंशन आफ टेररिज्म नहीं है। उन्होंने कहा कि लोग आतंकवाद को परिभाषित नहीं कर पाए। पाकिस्तान कहता है स्वतंत्रता सेनानियों को आतंकवादी नहीं माना जाना चाहिए।

इस पर सवाल उठाते हुए कि आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र संधि क्यों नहीं हो सकती तो उन्होंने कहा कि ऐसा कदम दो देशों को इस बारे में अधिक जिम्मेदार बनाएगा कि एक देश को क्या कदम उठाने चाहिए और उस पर एक सामूहिक प्रतिक्रिया किस तरह से हो सकती है।

उन्होंने कहा कि क्या हम प्रत्यर्पण कानूनों पर विचार कर सकते हैं जो हमें इस प्रक्रिया में मदद कर सकते हैं। यह तेजी से बढ़ता स्वरूप है और कार्रवाई 24 से 48 घंटे में होनी चाहिए। नहीं तो इसका कोई मतलब नहीं। डोभाल ने अपने बिंदु पर जोर डालने के लिए अमेरिका में 9/11 हमले का उल्लेख किया और कहा कि 13 वर्षों के दौरान घरेलू मोर्चे और विभिन्न देशों में आतंकवाद और खतरों से निपटने के लिए काफी कुछ हुआ है लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुछ भी पर्याप्त कारगर नहीं हुआ।

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