सरकार ने शुरू की अगले सीबीआई प्रमुख के चयन की प्रकिया
सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा का कार्यकाल खत्म होने में महज कुछ दिन बाकी है और इसके साथ ही केंद्र ने जांच एजेंसी के लिए नये प्रमुख को चुनने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ...
सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा का कार्यकाल खत्म होने में महज कुछ दिन बाकी है और इसके साथ ही केंद्र ने जांच एजेंसी के लिए नये प्रमुख को चुनने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सीबीआई निदेशक को चुनने के लिए एक चयन समिति बनेगी। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने चयन समिति बनाने के लिए एक पैनल के वास्ते पात्रता पूरी करने वाले वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नाम मांगे हैं। सिन्हा का कार्यकाल दो दिसंबर को खत्म हो रहा है।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई के लिए नोडल प्राधिकरण के तौर पर काम करने वाले डीओपीटी ने अगले सीबीआई प्रमुख को चुनने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है और मौजूदा निदेशक का कार्यकाल खत्म होने के पहले नई नियुक्ति की घोषणा हो जाने की उम्मीद है।
लोकपाल कानून के मुताबिक, केंद्र सरकार सीबीआई प्रमुख की नियुक्ति प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली एक चयन समिति की सिफारिशों के आधार पर करेगी जिसमें विपक्ष के नेता और प्रधान न्यायाधीश या सुप्रीम कोर्ट के एक न्यायाधीश को वह सदस्यों के तौर पर नामित करेंगे।
उन्होंने बताया कि गह मंत्रालय आईपीएस अधिकारियों के नाम डीओपीटी को भेजेगा। यहां से नाम वरिष्ठता, निष्ठा और भ्रष्टाचार रोधी मामले में अनुभवों के आधार पर तैयार ऐसे अधिकारियों का पैनल चयन समिति को भेजेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक मामले की सुनवाई करते वक्त करोड़ों रुपये के टू जी घोटाला मामले से सिन्हा को अलग कर दिया था।
सूत्रों ने बताया कि सरकार सीबीआई प्रमुख की नियुक्ति को लेकर लोकपाल और दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (डीएसपीई) कानून, 1946 में संशोधन की प्रक्रिया में भी जुटी है क्योंकि लोकसभा में विपक्ष के अधिकतर नेता नहीं है, जो चयन समिति के सदस्य हों।
सूत्रों ने बताया कि लोकपाल और डीएसपीई कानूनों में संशोधन होना है जिससे कि चयन समिति में कोरम (निर्दिष्ट संख्या) की जरूरत नहीं पड़े और सदस्य की गैरमौजूदगी या रिक्ती को लेकर पैनल की कार्रवाई को अवैध नहीं माना जाए।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 10 नवंबर को लोकपाल और डीएसपीई कानूनों में संशोधन के लिए डीओपीटी के प्रस्ताव को मुल्तवी कर दिया था। कानूनों में बदलाव को मंत्रिमंडल की मंजूरी इसलिए दी जानी है ताकि इसे संसद में रखा जा सके। सरकार द्वारा इस संबंध में, सोमवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान एक विधेयक लाने की उम्मीद है।
कुल 543 सदस्यों वाली लोकसभा में कांग्रेस के 44 सदस्य हैं। यहां भाजपा के बाद कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है लेकिन विपक्ष के नेता पद पर दावे के लिए उसके पास 11 सीटें कम है। इसके लिए कम से कम 55 की संख्या होनी जरूरी है।
इसके पहले सीबीआई निदेशक का चयन डीएसपीई कानूनों के प्रावधानों के तहत होता रहा है।