धर्मांतरण के मुद्दे पर जनता की राय जानेगी भाजपा
धर्मांतरण के मुद्दे पर संसद के भीतर और बाहर घिरी मोदी सरकार के बचाव में संघ और भाजपा मिल कर काम करेंगे। इस मुद्दे पर भाजपा जनता का मूड जानने की कोशिश करेगी और अगर जरूरी हुआ तो कानून लाने का प्रयास...
धर्मांतरण के मुद्दे पर संसद के भीतर और बाहर घिरी मोदी सरकार के बचाव में संघ और भाजपा मिल कर काम करेंगे। इस मुद्दे पर भाजपा जनता का मूड जानने की कोशिश करेगी और अगर जरूरी हुआ तो कानून लाने का प्रयास करेगी।
संसद के शीतकालीन सत्र समाप्त होने के एक दिन पहले भाजपा और आरएसएस के शीर्ष नेताओं ने गडकरी के आवास पर विचार मंथन किया। भाजपा और संघ नेताओं की बैठक में तीन मुद्दों पर खास तौर पर चर्चा हुई। धर्मांतरण के अलावा संसद में लटके विधेयक और भाजपा नेताओं के विवादित बयानों पर भी चर्चा की गई।
यह तय किया गया कि लटके विधेयकों के बारे में जनता को बताया जाएगा। यह भी बताया जाएगा कि ये विधेयक कितने जरूरी थे और इन्हें विपक्ष ने लटकाया उससे जनता किस तरह नुकसान उठाना पड़ेगा। संघ और भाजपा के नेता मिलकर धर्मांतरण जैसे मुद्दे पर जनता का मूड भांपने की कोशिश करेंगे।
वहीं संघ और भाजपा से जुड़े भगवा नेताओं के आए विवादित बयानों के बारे में ये तय किया गया कि नेताओं को पूरी तरह मना किया जाएगा कि इस तरह के बयान न दें। भाजपा के नेताओं का मानना था कि धर्मांतरण को लेकर हो रहे विवाद के कारण सरकार चलाने में दिक्कत आ रही है। खासतौर पर धर्मांतरण को लेकर अंतरराष्ट्रीय मीडिया में आ रही खबरों को लेकर केंद्र सरकार को चिंता है क्योंकि अगले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत की यात्रा पर आ रहे हैं।
बैठक में यह भी तय किया गया कि किसी भी तरह के समन्वय के लिए भाजपा की ओर राम लाल और राम माधव संघ से बात करेंगे। वहीं जब संघ को सरकार से बात करनी होगी तो वह केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से बात करेगा।