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कालेधन के मुद्दे पर कांग्रेस का कार्यस्थगन प्रस्ताव नामंजूर

विदेशों में जमा काले धन के मुद्दे पर सदन में चर्चा कराने के कांग्रेस के कार्य स्थगन प्रस्ताव के नोटिस को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आज नियमों के विरुद्ध बताते हुए खारिज कर...

कालेधन के मुद्दे पर कांग्रेस का कार्यस्थगन प्रस्ताव नामंजूर
Wed, 26 Nov 2014 01:57 PM
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विदेशों में जमा काले धन के मुद्दे पर सदन में चर्चा कराने के कांग्रेस के कार्य स्थगन प्रस्ताव के नोटिस को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आज नियमों के विरुद्ध बताते हुए खारिज कर दिया।

सुबह बैठक शुरू होने पर सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि भाजपा की अगुवाई वाली राजग सरकार ने चुनाव से पहले और चुनाव के बाद भी कई मौकों पर काले धन को विदेशी बैंकों से वापस लाने और जनता के बीच उस धन को बांटने का वादा किया था।

अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन को सूचित किया कि उन्हें काले धन पर चर्चा के संबंध में खड़गे, वीरप्पा मोइली, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कमलनाथ, के सी वेणुगोपाल और एन के प्रेमचंद्रन के कार्य स्थगन प्रस्ताव के नोटिस मिले हैं लेकिन लोकसभा की कार्यवाही के संचालन संबंधी नियम 56 के तहत यह विषय कार्य स्थगित कर चर्चा कराने के मापदंडों के तहत नहीं आता।

महाजन ने कहा कि वह कार्य स्थगन प्रस्ताव का नोटिस स्वीकार नहीं कर सकती हैं। इससे पूर्व खड़गे ने सरकार से इस वादे के संबंध में जानना चाहा कि अभी तक ऐसा कितना काला धन विदेशों से लाया गया है और किस किस का है यह सब देश की जनता जानना चाहती है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर जानकारी नहीं देना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किए गए वादे का उल्लंघन है।

आज की कार्यसूची में काले धन के मुद्दे पर नियम 193 के तहत चर्चा कराए जाने की व्यवस्था का जिक्र करते हुए तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने भी कहा कि सरकार काली रात में काले धन पर चर्चा कराना चाहती है। जरूर इसमें दाल में कुछ काला है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर तुरंत चर्चा करायी जाए।

संसदीय मामलों के मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार कल ही स्पष्ट कर चुकी है कि वह इस मसले पर चर्चा को तैयार है। उन्होंने कहा कि राजग सरकार कुछ भी छुपा नहीं रही है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, छुपाने के लिए कुछ नहीं है हमारे पास। हमारे जमाने में कुछ नहीं हुआ जो कुछ भी हुआ वह आपके (कांग्रेस) के जमाने में हुआ है। कांग्रेस सदस्य ज्योतिरादित्य ने इसे गंभीर विषय बताते हुए अध्यक्ष से इस पर प्रश्नकाल के बाद चर्चा कराने की अपील की। अध्यक्ष ने इन सभी की बात सुनने के बाद कार्य स्थगन प्रस्ताव के नोटिस को नामंजूर कर दिया।

गौरतलब है कि विदेशों में जमा भारतीयों के काले धन को वापस लाने की मांग को लेकर लगभग समूचे विपक्ष ने कल लोकसभा में जबरदस्त हंगामा किया था जिसके कारण सदन की कार्यवाही कई बार बाधित हुई थी। कल तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस, राजद, सपा, जदयू और आप के सदस्यों आसन के समक्ष आकर काला धन वापस लाओ के नारे लगाए थे और तृणमूल के कुछ सदस्य छतरियां खोल कर आसन के समक्ष आ गए थे जिन पर लिखा था  काला धन वापस लाओ।

विपक्ष ने कल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इस संबंध में जवाब की मांग थी। उनका इशारा लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी द्वारा सत्ता में आने पर सौ दिन के भीतर काला धन वापस लाने के संबंध में किए गए वादे की तरफ था। संसदीय मामलों के राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कल कहा था कि सरकार काले धन पर चर्चा कराने के लिए पूरी तरह तैयार है।

लोकसभा अध्यक्ष की सदस्यों को चेतावनी

विपक्षी सदस्यों द्वारा काले धन के मुद्दे को लेकर कल लोकसभा में किए गए हंगामे और नारेबाजी की पृष्ठभूमि में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आज सदस्यों को परोक्ष रूप से कड़ी कार्रवाई की चेतावनी देने के साथ ही उन्हें सदन के नियमों का पालन करने को कहा। महाजन ने कहा कि सदन के नियम आप लोगों के बनाए हुए हैं। ये सदन आपका अपना है। इसके कुछ तो मायने रखिए। उन्होंने कहा कि अब तो विरोध जताने के लिए सदस्य अनुचित तरीकों और व्यंगात्मक टिप्पणी के साथ ही अमर्यादित भाषा का भी इस्तेमाल करने लगे हैं। उन्होंने सदस्यों को परोक्ष चेतावनी देते हुए एक कहानी का संदर्भ दिया और कहा कि डांटने ,फटकारने और दुत्कारने वाली मां बच्चों को अच्छी नहीं लगती है लेकिन समय पर यदि नहीं डांटा जाए तो ऐसे बच्चे बाद में मां का ही कान काटते हैं और कहते हैं कि मां आपने पहले क्यों नहीं समझाया था।

कल के हंगामे और तृणमूल कांग्रेस सदस्यों द्वारा नारे लिखे छाते खोलकर आसन के समक्ष आने की घटना का जिक्र करते हुए अध्यक्ष ने कहा, इस अनुचित आचरण का मैं कड़ा विरोध करती हूं। बीच में तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंधोपाध्याय ने कहा कि पिछली लोकसभा में भी तो तत्कालीन विपक्ष हंगामा और सदन को बाधित करता रहा था। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि बीती बातों में ना जाएं और संसद की मार्यादा को बनाए रखने के लिए काम करें। तृणमूल की ही एक अन्य सदस्य ने टिप्पणी की आपसे (भाजपा) सीखा, आप हमारे गुरु हैं।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि मैं शिष्टाचार के मानदंडों की ओर सदस्यों का ध्यान ले जाना चाहती हूं। उन्होंने कहा कि सदन के संचालन के कुछ नियम हैं जिनमें नियम 349 के उपबंध 11 और 16 पर सदस्यों ने भी ध्यान दिया होगा। महाजन ने कहा कि नियमों के तहत सदस्य नारेबाजी नहीं कर सकते और न ही प्लेकार्ड, बैनर आदि दिखा सकते हैं। महाजन ने छात्रों समेत समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों के संसदीय कार्यवाही को देखने के लिए सदन की दर्शक दीर्घा में आने का उल्लेख किया और सदस्यों से सदन की गरिमा बनाए रखने को कहा।

हालांकि कुछ विपक्षी सदस्यों ने दबी आवाज में यह भी कहा कि पिछले दस साल तक विपक्ष में रहते हुए राजग ने भी तो यही किया था। गौरतलब है कि अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने छाते लेकर आसन के समक्ष आने के सदस्यों के विरोध के इस तरीके पर कड़ी आपत्ति जतायी थी और कहा था कि हर रोज इस प्रकार के नए तरीके खोज लेना उचित नहीं है और सदस्यों का यह व्यवहार भी आपत्तिजनक है।

 

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