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महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना में बढ़ी तकारार, किसी भी समय टूट सकता है गठबंधन

पूर्व पाकिस्तानी विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी का मुंबई में बुक लांच कराया जाना भाजपा को महंगा पड़ सकता है। शिवसेना के विरोध के बावजूद कसूरी का पुस्तक विमोचन कराये जाने से उद्धव बेहद नाराज हैं और...

महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना में बढ़ी तकारार, किसी भी समय टूट सकता है गठबंधन
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 13 Oct 2015 12:07 PM
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पूर्व पाकिस्तानी विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी का मुंबई में बुक लांच कराया जाना भाजपा को महंगा पड़ सकता है। शिवसेना के विरोध के बावजूद कसूरी का पुस्तक विमोचन कराये जाने से उद्धव बेहद नाराज हैं और इस बात की संभावनाएं जोर पकड़ रही हैं कि भाजपा-शिवसेना गठबंधन बहुत जल्द टूट सकता है।

शिवसेना सूत्रों के मुताबिक, उद्धव बहुत जल्द उनकी पार्टी के मंत्रियों से देवेंद्र फड़नवीस का कार्यालय छोड़ने को कह सकते हैं। नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर शिवसेना के एक प्रमुख व्यक्ति ने बताया है कि इस बात की बहुत संभावनाएं हैं कि सेना-भाजपा गठबंधन अब टूट सकता है। शिवसेना का एक बड़ा धड़ा अब यह चाहता है कि शिवसेना को भाजपा से अलग हो जाना चाहिए। शिवसेना को लगता है कि यदि वह अब भी भाजपा के साथ बनी रही तो आने वाले चुनावों में उसे इसका नुकसान झेलना पड़ सकता है।

शिवसेना ने सुधींद्र कुलकर्णी को पाकिस्तान का एजेंट और पाक आतंकवादी अजमल कसाब से ज्यादा खतरनाक बताया है। शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा गया है कि कुलकर्णी जैसे लोगों के भारत में मौजूद रहते हुए पाकिस्तान को कसाब जैसों को भेजकर यहां घातक कार्रवाइयां करने की आवश्यकता नहीं है। सौ कसाब जो नहीं कर सकते, वह काम कुलकर्णी जैसे फिसड्डी बम हिन्दुस्तान में रहकर कर रहे होते हैं। संपादकीय में यह भी कहा गया है कि कुलकर्णी जैसे लोगों को कसाब शिरोमणि पुरस्कार देकर उन्हें सौ लात मारे बिना शांत नहीं बैठेगी।

गौरतलब है कि सोमवार को पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी की किताब ‘नाइदर हॉक नॉर ए डोव-एन इनसाइडर्स अकाउंट ऑफ पाकिस्तान्स फॉरेन पॉलिसी’ के लोकार्पण से ठीक पहले शिवसैनिकों ने शिवसेना स्टाइल में समारोह के आयोजक सुधींद्र कुलकर्णी पर काला ऑयल पेंट फेंका, उन्हें गालियां दी और धमकाया। महाराष्ट्र सरकार में शामिल शिवसेना ने इस कृत्य को मर्दानगी बताते हुए इसका समर्थन किया और कुलकर्णी व कसूरी को पाकिस्तानी एजेंट बताया।

शिवसेना ने इससे पहले पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली के संगीत समारोहों को बाधित करने की धमकी दी थी। इसके बाद उनके मुंबई और पुणे में होने वाले कार्यक्रमों को हाल ही में रद्द कर दिया गया था।

वहीं, पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी ने आज कहा कि सुधींद्र कुलकर्णी पर कालिख पोते जाने से वो बेहद दुखी हैं। कसूरी ने कहा कि मुंबई से मेरा पुराना रिश्ता है, मेरे पिता मुंबई में रहे हैं और मुझे इस शहर से प्यार है। कसूरी ने कहा कि सभी लोगों को प्रदर्शन करने का हक है, लेकिन इस तरह के प्रदर्शन से किसी का भला नहीं होता है। कसूरी ने कहा कि भारत और पाक के बीच विवाद रहे हैं, लेकिन लोगों को विरोध करने का तरीका बदलना चाहिए।

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सुधींद्र कुलकर्णी पर हुए इस हमले के विरोध में ट्वीट कर कहा कि उद्वव ठाकरे को अपने गुंडों पर काबू में रखना चाहिए। मैं सुधींद्र का पूरा समर्थन करता हूं। सिंह ने कहा कि पहले गुलाम अली का कार्यक्रम और अब कसूरी का बुक लांच। हम भारत में एक देसी तालिबान नहीं चाहते हैं। दिग्गी ने कहा कि जो भी लोग इस तरह के तालिबानी रवैये के खिलाफ हैं, उन्हें इस बुक लांच का समर्थन करना चाहिए।

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