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भारत रत्न : 43 में से सिर्फ 5 ही महिलाएं

देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न देश और दुनिया में अमूल्य योगदान के लिए दिया जाता है। यह सम्मान जितना बड़ा है उतना ही बड़ा इसका विवादों से नाता है। साल 1954 से शुरू हुआ भारत रत्न पुरस्कार अब तक 43...

भारत रत्न : 43 में से सिर्फ 5 ही महिलाएं
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 28 Aug 2014 11:17 PM
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देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न देश और दुनिया में अमूल्य योगदान के लिए दिया जाता है। यह सम्मान जितना बड़ा है उतना ही बड़ा इसका विवादों से नाता है। साल 1954 से शुरू हुआ भारत रत्न पुरस्कार अब तक 43 लोगों को दिया जा चुका है। अगर इन 43 लोगों पर अध्ययन किया जाए तो पाएंगे कि यह सम्मान पाने वाले अधिकांश पुरुष ही हैं। साथ ही साथ अधिकतर पुरस्कार राजनेताओं को ही दे दिए गए हैं। यह स्थिति तब है जब सरकार ही भारत रत्न के लिए नामांकन और घोषणा करती है। महिला-पुरुष समानता की बात करने वाली सरकार ने सबसे ज्यादा इसी सम्मान को देने में भेदभाव किया है। अभी तक सिर्फ पांच महिलाओं को भारत रत्न से नवाजा गया है जबकि 38 पुरुषों को यह सम्मान दिया गया है। भारत रत्न के इतिहास को उजागर करती

बीते दिनों यह खबर आई कि केंद्र सरकार सुभाष चंद्र बोस, कांशी राम, मदनमोहन सिंह मालवीय और अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न से नवाजने की घोषणा स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कर सकती है। हालांकि सरकार ने इसकी घोषणा नहीं की लेकिन इस खबर से पूरे राजनीतिक गलियारे में बहस छिड़ गई। भारत रत्न के नाम पर हर राजनीतिक पार्टी अपने नेताओं को सम्मान दिलाना चाहती हैं।

भारत रत्न का इतिहास
यह पुरस्कार 2 जनवरी 1954 को शुरू किया गया था। भारत के पहले राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद ने सबसे पहले इसकी घोषणा की थी। दूसरे पुरस्कारों की तरह ही इस सम्मान को भी नाम के साथ पदवी के रूप में प्रयोग नहीं किया जा सकता है। पहले यह सम्मान मरणोपरांत नहीं दिया जाता था लेकिन 1955 के बाद इस सम्मान को मरणोपरांत भी दिए जाने का निर्णय हुआ। 13 जुलाई,1977 से 26 जनवरी, 1980 तक इस पुरस्कार को स्थगित कर दिया गया था।

नेताओं की तरफ झुका पलड़ा

20 नेताओं को भारत रत्न मिला जिनमें से कुछ स्वतंत्रता सेनानी के बाद राजनीति में शामिल हो गए
07 कलाकार (फिल्म, संगीत आदि)
04 स्वतंत्रता सेनानी
03 सामाजिक कार्यकर्ता
04 वैज्ञानिक
03 शिक्षाविद्
01 खिलाड़ी
01 उद्योगपति
06 प्रधानमंत्रियों को मिल चुका है भारत रत्न
03 भारत रत्न पाने वाले प्रधानमंत्री नेहरू परिवार से
20 नेताओं में से 15 नेता कांग्रेस से
02 प्रधानमंत्रियों को उनके कार्यकाल के दौरान ही मिला भारत रत्न पुरस्कार

भारत रत्न को क्या मिलता है
-भारत रत्न पाने वालों को भारत सरकार की तरफ से एक प्रमाणपत्र और एक तमगा मिलता है
-इस सम्मान के साथ कोई रकम नहीं दी जाती
-इसे पाने वालों को रेलवे की ओर से मुफ्त यात्रा की सुविधा मिलती है
-भारत रत्न पाने वालों को अहम सरकारी कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए न्यौता मिलता है
-सरकार वॉरंट ऑफ प्रिसिडेंस में जगह देती है
-प्रोटोकॉल में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, पूर्व राष्ट्रपति, उपप्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा स्पीकर, कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता के बाद जगह मिलती है
-वॉरंट ऑफ प्रिसिडेंस का इस्तेमाल सरकारी कार्यक्रमों में वरीयता देने के लिए होता है
-राज्य सरकारें भारत रत्न पाने वाली हस्तियों को अपने राज्यों में सुविधाएं उपलब्ध कराती हैं
-पुरस्कार पाने वाले अपने विजिटिंग कार्ड पर यह लिख सकते हैं, राष्ट्रपति द्वारा भारत रत्न से सम्मानित या

भारत रत्न पुरस्कार
भारत रत्न देश का सर्वोच्च सम्मान है। यह सम्मान उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने देश के लिए किसी भी क्षेत्र में महत्वपूर्ण काम किया हो। अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान से देश का गौरव बढ़ाया हो। उसके काम से देश को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली हो। यह सम्मान भारत सरकार की ओर से दिया जाता है। भारत रत्न हर साल नहीं दिया जाता है। पुरस्कार के तौर पर दिए जाने वाले सम्मान की मूल रूप-रेखा 35 मिलिमीटर व्यास वाला गोलाकार स्वर्ण पदक है। भारत रत्न से सम्मानित होने वाले पहले व्यक्ति वैज्ञानिक सी.वी रमन थे।

भारत रत्न पाने वाली महिलाएं

इंदिरा गांधी
इंदिरा गांधी देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं। वह 1966 से 1977 तक देश के प्रधानमंत्री पद पर रहीं। इसके बाद वह 1980 से 1984 तक तीसरी बार देश की पीएम बनीं। साल 1971 में इंदिरा गांधी को देश को सबसे बड़े सम्मान से नवाजा गया था।

मदर टेरेसा
साल 1980 में मदर टेरेसा को सर्वोच्च सम्मान दिया गया था। मदर टेरेसा रोमन कैथोलिक नन थीं जिनके पास भारतीय नागरिकता थी। उन्होंने 1950 में कोलकाता में मिशनरीज ऑफ चेरिटी की स्थापना की थी। उन्होंने 45 सालों तक गरीब, बीमार, असहाय लोगों की मदद की।

अरुणा असफ अली
अरुणा भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थीं। उन्होंने 1942 में अंग्रेजों भारत छोडमे आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। इस आंदोलन के दौरान, मुंबई के गोवालिया मैदान में कांग्रेस का झंडा फहराने के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाता है। साल 1997 में अरुणा को भारत रत्न दिया गया था।

एम.एस सुबुलक्ष्मी
मदुरै षण्मुखवडिव सुब्बुलक्ष्मी कर्णाटक संगीत की मशहूर संगीतकार थीं। शास्त्रीय संगीत की दुनिया में उन्हें एमएस के नाम से जाना जाता है। यह पहली महिला थीं जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ की सभा में संगीत कार्यक्रम प्रस्तुत किया था। साल 1998 में उनको भारत रत्न दिया गया था।

लता मंगेशकर
2001 में भारत रत्न से सम्मानित हुई लता मंगेशकर मशहूर गायिका हैं। जिनकी आवाज नें बीते छह दशकों से भी ज्यादा संगीत की दुनिया को सुरों से नवाजा है। भारत की स्वरकोकिला के नाम से जानी जाने वाली लता ने 20 भाषाओं में 30 हजार से भी ज्यादा गाने गाए हैं।


अगला भारत रत्न किसको
सुभाष चंद्र बोस
साल 1992 में सरकार ने नेताजी को भारत रत्न देने की घोषणा की थी, लेकिन उस वक्त पैदा हुए विवाद की वजह से यह सम्मान उन्हें नहीं दिया गया। विवाद इसलिए पैदा हुआ था कि सरकार की घोषणा में उन्हें मरणोपरांत यह सम्मान देने की बात कही गई थी। वहीं उनके चाहने वालों का कहना था कि जब सरकार उनकी मौत को स्वीकार ही नहीं करती है तो फिर उन्हें मरणोपरांत सम्मान देने की बात कैसे कही जा सकती है।

कांशीराम
बहुजन समाज पार्टी के  संस्थापक कांशी राम को भारत रत्न देकर पार्टी दलित समुदाय में एक मजबूत संदेश भेजना चाहती है कि भाजपा उन्हें ऊपर उठाना चाहती है।

मदन मोहन मालवीय 
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक और इसके वाइस चांसलर रहे मदन मोहन मालवीय का देश में शिक्षा को बढमवा देने में योगदान रहा है। वे हिंदू महासभा से जुड़े रहे थे और कांग्रेस अध्यक्ष की भूमिका भी निभा चुके हैं।

अटल बिहारी वाजपेयी
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न देने की मांग तब से उठ रही है, जब वे 2004 में प्रधानमंत्री के पद पर थे। साल 2008 में उनके दोस्त और उप प्रधानमंत्री रहे लालकृष्ण आडवाणी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर उन्हें भारत रत्न देने की अपील की थी, लेकिन उन्हें यह सम्मान नहीं दिया गया।

भाई हनुमान पोद्दार
भाजपा की कई इकाइयों में हिंदू संस्कृति के  प्रचार में योगदान देने वाले गीता प्रेस  के संस्थापक भाई हनुमान पोद्दार को भी यह सम्मान देने की बात उठ रही है।

वहीं टीडीपी सुप्रीमो एन चंद्रबाबू नायडू ने अपनी पार्टी के संस्थापक एनटी रामा राव को भारत रत्न देने की अपील की है। दूसरी ओर संगीत प्रेमी मोहम्मद रफी, खेल प्रेमी ध्यानचंद और मिल्खा सिंह को भी भारत रत्न देने की मांग की जा रही है।

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