'टेस्ट क्रिकेट पसंद करने को मजबूर नहीं कर सकते'
सचिन तेंदुलकर का मानना है कि क्रिकेटरों को टेस्ट क्रिकेट पसंद करने के लिए बाध्य नहीं किया जा...
भारत के अगली पीढी के क्रिकेटरों में टेस्ट क्रिकेट को लेकर उदासीनता पर बहस लंबे समय से चल रही है लेकिन सचिन तेंदुलकर का मानना है कि क्रिकेटरों को टेस्ट क्रिकेट पसंद करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।
तेंदुलकर ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट के लिए प्यार अंदर से उमड़ना चाहिए। ऐसा कोई फॉमरूला नहीं है कि उसे करने के बाद आप टेस्ट क्रिकेट को पसंद करने लगेंगे। मैं भारत के लिए खेलने का सपना देखकर बड़ा हुआ। मेरा वही सबसे बड़ा लक्ष्य था कि मैं भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलूं और अच्छा खेलूं।
उन्होंने ईएसपीएन के स्पोटर्स सेंटर कार्यक्रम पर कहा कि हर अभ्यास सत्र में मैं कड़ी मेहनत करने के लिए तैयार था। कोच जो चाहते थे, मैं करता था। मैं सिर्फ भारत के लिए खेलना चाहता था। कई क्रिकेटरों को लगता होगा कि टेस्ट क्रिकेट नहीं खेला तो कोई बात नहीं।
अब तक 188 टेस्ट मैचों में 15470 रन बना चुके तेंदुलकर ने कहा कि यदि कोई टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहता है तो उसे कड़ी मेहनत करने को तत्पर रहना होगा। मुझे यह पसंद नहीं है कि किसी को टेस्ट क्रिकेट से प्यार करने के लिए मजबूर किया जाये।
खिलाड़ियों के साथ बेहतरीन तालमेल बनाने में कैसे कामयाब रहे, यह पूछने पर उन्होंने कहा कि एक दूसरे का स्वभाव, आदत और विभिन्न हालात में प्रतिक्रियाओं के बारे में जानना जरूरी है। मैंने इस टीम के साथ काफी समय खेल लिया है। एक समय ऐसा था जब मैं भारतीय टीम में छह साल से खेल रहा था जब राहुल और सौरव आये थे।