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न्यूजीलैंड के खिलाफ होगी नई शुरूआत : हरभजन

पिछले लगभग एक साल से भारतीय टीम से बाहर अनुभवी स्पिनर हरभजन सिंह का मानना है कि न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज उनके लिये नये अध्याय की शुरूआत...

न्यूजीलैंड के खिलाफ होगी नई शुरूआत : हरभजन
Thu, 06 Sep 2012 05:01 PM
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पिछले लगभग एक साल से भारतीय टीम से बाहर अनुभवी स्पिनर हरभजन सिंह का मानना है कि न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज उनके लिये नये अध्याय की शुरूआत होगी।
     
हरभजन ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब पिछले साल मुझे टीम से बाहर किया गया लेकिन इस बार सबसे लंबे समय तक मैं बाहर रहा। अब मुझे ऐसा लग रहा है कि मैं पहली बार खेलने जा रहा हूं। उन्होंने कहा कि मैं यह नहीं कहूंगा कि यह दूसरा पदार्पण है लेकिन यह नया अध्याय और नया दिन जरूर होगा।
     
अब तक 98 टेस्ट में 406 और कुल 683 अंतरराष्ट्रीय विकेट ले चुके हरभजन ने कहा कि बाहर होने के बाद वापसी करना हमेशा कठिन होता है। टीम में पदार्पण करने से भी ज्यादा कठिन। इसमें कई बातें शामिल होती है। यह हमेशा चुनौतीपूर्ण होता है।
    
हरभजन ने कहा कि पिछली उपलब्धियों के दम पर रहने की बजाय वह हमेशा देश के लिये अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हमेशा पिछली उपलब्धियों के भरोसे नहीं रहा जा सकता। पहले क्या किया, वह मायने नहीं रखता। मायने यह रखता है कि आज क्या किया या कल क्या करेंगे।
      
उन्होंने कहा कि मैं यह नहीं कहूंगा कि यह हताशा से भरा था लेकिन कई बार इतने लंबे समय टीम से बाहर रहना कठिन होता है जबकि आप टीम का अभिन्न अंग रहे हों। यह किसी के भी साथ हो सकता है। उतार चढ़ाव आते रहते हैं।

हरभजन ने कहा कि वापसी की मेरी इच्छाशक्ति मेरे लिये सबसे बड़ा सहारा थी। मुझे इस पर गर्व है। एसेक्स के लिये दो काउंटी मैचों में 11 विकेट लेने वाले हरभजन ने हॉलैंड की राष्ट्रीय टीम के खिलाफ प्रो 40 मैच में 13 गेंद में 22 रन बनाये और 37 रन देकर पांच विकेट लिये।
     
उन्होंने कहा कि मैं कड़ी मेहनत करने और चुनौती का सामना करने को तैयार था। आपको परिवार और दोस्तों का साथ मिलता है लेकिन आखिर में लड़ाई अकेले ही लड़नी होती है। ईश्वर की कृपा से मैं वापसी कर रहा हूं और अच्छे प्रदर्शन की कोशिश करूंगा।
     
हरभजन और युवराज सिंह दोनों ही इस सीरीज के जरिये वापसी कर रहे हैं। विश्वकप 2007 की खिताबी जीत के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि उस टूर्नामेंट ने भारतीय क्रिकेट को बदल दिया। हम खिताब के प्रबल दावेदार नहीं थे। किसी ने सोचा भी नहीं था कि हम जीत सकते हैं। प्रारूप भी हमारे लिये नया था पर हम जीते।
     
उन्होंने कहा कि आईपीएल के बाद से इस प्रारूप में भारत अच्छा खेल रहा है। विश्वकप में टीम की नुमाइंदगी फख्र की बात है। उम्मीद है कि एक बार फिर मजा आयेगा।

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