..तब तक टीम इंडिया को नहीं मिलेगा सहारा
सुब्रत राय ने शुक्रवार को एन श्रीनिवासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जब तक वह बीसीसीआई प्रमुख के पद पर आसीन हैं, तब तक सहारा समूह भारतीय क्रिकेट टीम का प्रायोजन नहीं...
सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय ने शुक्रवार को एन श्रीनिवासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जब तक वह बीसीसीआई प्रमुख के पद पर आसीन हैं, तब तक सहारा समूह भारतीय क्रिकेट टीम का प्रायोजन नहीं करेगा।
राय ने कहा कि यह अनुचित, दुखद, परेशान करने वाला और घिनौना है। जब तक शशांक मनोहर थे तब तक हमारे उनसे (बीसीसीआई) बहुत अच्छे रिश्ते रहे, लेकिन इसके बाद सब कुछ बेकार हो गया।
राय पुणे वॉरियर्स फ्रेंचाइजी के मालिक हैं जिसने बीसीसीआई से वित्तीय मसलों के कारण आईपीएल से हटने का फैसला किया है।
सहारा प्रमुख से पूछा गया कि यदि श्रीनिवासन बोर्ड अध्यक्ष नहीं रहते तो क्या वह भारतीय क्रिकेट टीम के प्रायोजन पर फिर से विचार करेंगे, उन्होंने कहा कि मैं इसके लिये हां कहूंगा। सब कुछ श्रीनिवासन के हिसाब से होता है। वह नहीं जानते कि बीसीसीआई जैसी खेल संस्था को संचालन कैसे करना है। किसी खेल संस्था के प्रमुख को इस तरह का अहंकारी नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस तरह से कोई काम नहीं कर सकता। यदि सहारा ने कुछ भी गलत किया हो तो सारी जिम्मेदारी मेरी बनती है और यदि बीसीसीआई ने कुछ भी गलत किया हो तो अध्यक्ष होने के नाते यह उनकी जिम्मेदारी है।
राय ने कहा कि किसी को कम से कम सभ्य और विनम्र तो होना चाहिए। मैंने कई बार उन्हें फोन किया, उन्हें पत्र लिखे लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया। इस तरह से खेल को नहीं बढ़ाया जा सकता है। बोर्ड ने फ्रेंचाइजी शुल्क का भुगतान नहीं होने के कारण सहारा की बैंक गारंटी से धनराशि निकाल ली थी, इसके बाद सहारा समूह घरेलू टी20 लीग से हट गया और उसने घोषणा की है कि वह राष्ट्रीय टीम के साथ अपने करार का भी नवीनीकरण नहीं करेगा।
सहारा प्रमुख ने कहा कि पूरे स्पॉट फिक्सिंग विवाद के लिये बीसीसीआई जिम्मेदार है और बोर्ड ने उनके साथ विश्वासघात किया। उन्होंने कहा कि जब हमने फ्रेंचाइजी ली तब हमें 94 मैचों का आश्वासन दिया गया था और इसलिए हमने इतनी बड़ी धनराशि लगायी, लेकिन बाद में केवल 64 मैच कर दिये गये।
राय ने कहा कि मैंने उन्हें (श्रीनिवासन) समझाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने एक नहीं सुनी। उन्होंने वचन दिया, लेकिन बाद में सारे वादे तोड़ दिये। मुझे यह कहते हुए खेद है कि इस तरह का व्यक्ति बीसीसीआई जैसी खेल संस्था का प्रमुख नहीं होना चाहिए।
उन्होंने श्रीनिवासन के खेल के हितों से टकराव पर भी सवाल उठाये। उन्होंने कहा कि चेन्नई सुपर किंग्स का मालिक गुरुनाथ मयप्पन का नाम स्पॉट फिक्सिंग विवाद में आने के बाद इस फ्रेंचाइजी का करार तुरंत निरस्त कर देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यदि कोई फ्रेंचाइजी सट्टेबाजी में शामिल है तो उसका अनुबंध तुरंत समाप्त कर देना चाहिए। यदि कोई मालिक सट्टेबाजी में लिप्त है तो यह गलत है। जो भी लोग खेल संस्थाओं, राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) में हैं उन्हें पाक साफ होना चाहिए। नियम बनाया जाना चाहिए कि एनएसएफ के प्रमुख खिलाड़ी होने चाहिए।